सीतापुर के रामकोट में अवैध खनन की एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां खनन अधिकारी पर हमले के बाद प्रशासन ने मामले की गंभीरता को समझते हुए विशेष टीम गठित कर जांच के लिए घटनास्थल का निरीक्षण किया।
जमीन के नीचे 10 फीट तक अवैध खनन : यह देख अधिकारी रह गए दंग, नदी को पाटकर नाले में तब्दील कर दिया
Nov 18, 2024 17:29
Nov 18, 2024 17:29
खनन अधिकारी पर हमला, फिर जांच शुरू
बीती 6 नवंबर को रामकोट क्षेत्र में अवैध खनन की रोकथाम के लिए गए खनन अधिकारी पर हमले की घटना ने प्रशासन को गंभीर कदम उठाने के लिए मजबूर किया। इस घटना के बाद सीतापुर जिला प्रशासन ने डीएम के निर्देश पर सोमवार को एक विशेष जांच टीम का गठन किया। टीम ने धनईखेड़ा में अवैध खनन स्थल का निरीक्षण किया और पाया कि खननकर्ताओं ने अत्यधिक खनन किया था, जो स्थानीय नियमों के खिलाफ था।
अवैध खनन के दौरान 10 फीट नीचे तक खुदाई
जांच टीम को यह देखकर ताज्जुब हुआ कि खननकर्ता जमीन से दस फीट तक अवैध रूप से खनन कर रहे थे। इस तरह का खनन न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि आसपास की भूमि और जलवायु को भी प्रभावित करता है। नायब तहसीलदार अतुल सेन के अनुसार, टीम में दो राजस्व निरीक्षकों और पांच लेखपालों को शामिल किया गया था। उन्होंने बताया कि डीएम के निर्देश पर यह जांच की गई और अवैध खननकर्ताओं पर जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।
पिरई नदी को पाटकर बना दिया नाला
जांच टीम को एक और चौंकाने वाली जानकारी मिली कि खननकर्ताओं ने पिरई नदी को पाटकर उसे नाला बना दिया था। दरअसल, खननकर्ताओं ने नदी के किनारे पर सड़क बनाने के लिए उसे पाट दिया था, ताकि डंपर आसानी से निकल सकें। इससे नदी का आकार घटकर एक संकरी नाला जैसी स्थिति में तब्दील हो गया। अधिकारियों ने इस महत्वपूर्ण तथ्य को अपनी रिपोर्ट में शामिल किया है, क्योंकि नदी का रूप इस तरह से बदलना पर्यावरणीय दृष्टि से बेहद हानिकारक है।
कड़ी कार्रवाई की जाएगी
इस पूरे मामले ने प्रशासन को झकझोर कर रख दिया है। अवैध खनन की यह घटना ना केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि स्थानीय पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों के लिए भी एक बड़ा खतरा है। प्रशासन ने वादा किया है कि अवैध खननकर्ताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और उन्हें किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा। जांच में और भी नई जानकारी सामने आने की उम्मीद है, जो मामले की गंभीरता को और बढ़ाएगी।
प्रशासनिक निगरानी और नियंत्रण की आवश्यकता
सीतापुर में हुए इस अवैध खनन मामले ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि प्रशासनिक निगरानी और नियंत्रण की आवश्यकता है। न केवल खनन, बल्कि पर्यावरण के अन्य मुद्दों पर भी कड़ी कार्रवाई की जरूरत है। प्रशासन अब पूरी तरह से इस मामले में एक्शन में है और क्षेत्रीय सुरक्षा व विकास को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाएगा।
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