सीतापुर के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय, खैराबाद की कक्षा 8 की छात्रा सोनिया को एक दिन के लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) का कार्यभार संभालने का अवसर मिला। सोनिया ने बड़ी निष्ठा और समर्पण से इस पद की जिम्मेदारियों को निभाया।
सीतापुर की आठवीं की छात्रा सोनिया बनी एक दिन की बीएसए : हर जिले में 100 बालिकाओं को सौंपी जा रही जिम्मेदारी
Oct 16, 2024 16:43
Oct 16, 2024 16:43
निष्ठा से जिम्मेदारी को संभाला
सीतापुर के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय, खैराबाद की कक्षा 8 की छात्रा सोनिया को एक दिन के लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) का कार्यभार संभालने का अवसर मिला। सोनिया ने बड़ी निष्ठा और समर्पण से इस पद की जिम्मेदारियों को निभाया। कार्यालय में कार्यभार संभालते हुए, उसने स्टाफ से परिचय लिया और शिक्षा विभाग के विभिन्न कार्यों के प्रति अपनी समझ को और विकसित किया।
कार्यालय का निरीक्षण और कर्मचारियों से मुलाकात
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के रूप में कार्य करते हुए सोनिया ने पूरे कार्यालय का निरीक्षण किया और सभी कर्मचारियों से व्यक्तिगत रूप से मिली। इस दौरान उसने कार्यालय की विभिन्न पत्रावलियों का अवलोकन किया, जिनमें कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय से संबंधित कई फाइलें भी थीं। सोनिया ने शिक्षा के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की और कार्यालय की कार्यप्रणाली को समझने का प्रयास किया।
स्टाफ उपस्थिति और समस्याओं पर दी अपनी राय
सोनिया ने कार्यालय के कर्मचारियों की उपस्थिति की भी जांच की और विद्यालय से संबंधित समस्याओं पर ध्यान केंद्रित किया। विद्यालयों में आ रही समस्याओं और उनके समाधान के उपायों पर चर्चा करते हुए उसने गंभीरता दिखाई। सोनिया ने यह साबित किया कि वह अपनी भूमिका को ईमानदारी और गंभीरता से निभा सकती हैं, और अपने कार्यक्षेत्र से संबंधित सभी पहलुओं को समझने का प्रयास किया।
सीखने की ललक
इस अनुभव के दौरान सोनिया ने न केवल प्रशासनिक कार्यों की बारीकियों को समझा, बल्कि बेसिक शिक्षा के महत्व पर भी जोर दिया। सोनिया का मानना है कि शिक्षा ही एक ऐसा माध्यम है जो व्यक्ति को सशक्त बनाता है। उसने कहा कि इस अनुभव ने उसे बेसिक शिक्षा के प्रति और अधिक जिम्मेदारी का एहसास कराया और साथ ही यह भी समझाया कि शिक्षा को कैसे बेहतर बनाया जा सकता है।
बालिका सशक्तीकरण का प्रेरणादायक प्रयास
बेसिक शिक्षा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह का कहना है कि प्रदेश के सभी जिलों में इस तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिससे बालिकाओं को प्रोत्साहन मिले और उनमें आत्मविश्वास का विकास हो। प्रत्येक जिले में 100 बालिकाओं को एक दिन का अफसर बनाया जा रहा है। सोनिया जैसी बालिकाओं के लिए यह अनुभव न केवल एक प्रेरणा स्रोत है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि नारी शक्ति को प्रोत्साहित कर समाज में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है। बालिकाओं को इस तरह की जिम्मेदारियां देकर उन्हें उनके अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक किया जा रहा है, जो उनकी सशक्तीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
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