सरकार शिक्षकों के बीच शैक्षिक नवाचारों को प्रोत्साहित करने और शिक्षण को अधिक आकर्षक बनाने के लिए कला, शिल्प, और कठपुतली जैसी रचनात्मक विधियों का उपयोग कर रही है।
शिक्षकों में इनोवेशन को बढ़ाने के लिए राज्य स्तरीय प्रतियोगिता : 75 जनपदों के 375 टीचर्स ले रहे भाग
Oct 22, 2024 20:23
Oct 22, 2024 20:23
शिक्षा में नई विधियों का प्रयोग
यह प्रतियोगिता पहली बार 2017-18 में सरकार के गठन के बाद शुरू की गई थी। उत्तर प्रदेश राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी), लखनऊ द्वारा आयोजित इस प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों को पारंपरिक तरीकों से हटकर शिक्षा में नई विधियों का प्रयोग करना सिखाना है।
पांच श्रेणियों में होगी प्रतियोगिता
इस वर्ष प्रतियोगिता में 75 जनपदों से 375 शिक्षक भाग ले रहे हैं। प्रतियोगिता पांच श्रेणियों में हो रही है, जिसमें प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तर के शिक्षकों को अलग-अलग विषयों पर अपनी शिक्षण विधियों को कला, क्राफ्ट और पपेट्री के माध्यम से प्रदर्शित करना है।
प्रतियोगिता के अंतर्गत होंगे ये विषय
प्रतियोगिता में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तर के शिक्षकों के लिए पहले से ही विषय निर्धारित किए गए हैं। प्राथमिक स्तर के शिक्षकों के लिए विषय 'भाषा' और 'गणित' हैं, जबकि उच्च प्राथमिक स्तर के शिक्षकों के लिए गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान विषय चुने गए हैं। इन विषयों पर संबंधित शिक्षकों द्वारा शिक्षण विधियों को कला, क्राफ्ट और पपेट्री के माध्यम से प्रदर्शित किया जा रहा है।
शिक्षकों को नवाचार का अवसर
प्रत्येक जनपद से चयनित एक शिक्षक राज्य स्तर पर प्रतियोगिता में भाग ले रहा है। यह प्रतियोगिता शिक्षकों को अपने नवाचार और रचनात्मकता दिखाने का सुनहरा अवसर प्रदान करती है, जिससे वे अपने टीएलएम का उपयोग कर बच्चों की शिक्षा में सुधार ला सकते हैं।
शिक्षण में कला का महत्व
एससीईआरटी के निदेशक गणेश कुमार ने कहा, शिक्षण को कला, क्राफ्ट और पपेट्री जैसी विधियों से जोड़ना शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने का महत्वपूर्ण कदम है। यह प्रतियोगिता शिक्षकों को नवाचार के लिए प्रेरित करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
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