बदलता उत्तर प्रदेश : आगरा समेत तीन एक्सप्रेसवे बनेंगे जीरो फैटलिटी जोन, यातायात निदेशायल ने शुरू की कवायद

आगरा समेत तीन एक्सप्रेसवे बनेंगे जीरो फैटलिटी जोन, यातायात निदेशायल ने शुरू की कवायद
UPT | तीन एक्सप्रेसवे बनेंगे जीरो फैटलिटी जोन

Jun 24, 2024 11:29

यमुना एक्सप्रेसवे पर अब तक हादसों में कमी नहीं आई होने के बावजूद, सख्त कार्रवाई करने का प्रयास किया जाएगा। उल्टी दिशा से आने वाले वाहनों, ओवरलोडिंग या तेज गति से गाड़ी चलाने वालों पर सख्ती बरती जाएगी। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे ...

Jun 24, 2024 11:29

Short Highlights
  • आगरा एक्सप्रेसवे समेत तीन एक्सप्रेसवे को जीरो फैटलिटी जोन बनाया जाएगा
  • 4-ई के जरिए दुर्घटनाओं को रोकने की योजना बनाई गई है
  • उल्टी दिशा से आने वाले वाहनों,  ओवरलोडिंग या तेज गति से गाड़ी चलाने वालों पर सख्ती बरती जाएगी
Lucknow News : यातायात निदेशालय ने आगरा एक्सप्रेसवे समेत तीन एक्सप्रेसवे को जीरो फैटलिटी जोन बनाने की योजना शुरू कर दी है। इस योजना के तहत सबसे पहले आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे का काम शुरू होगा। जिसके बाद यमुना और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को भी सुरक्षित बनाया जाएगा। इस कार्यक्रम को सेव लाइफ फाउंडेशन व अन्य संस्थाओं के सहयोग से अंजाम दिया जाएगा।

अवनीश के. अवस्थी ने दी जानकारी
दरअसल, पूर्व आईएएस अफसर और सीएम योगी के सलाहकार अवनीश कुमार अवस्थी ने इस विषय में जानकारी देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट साझा किया है। अवनीश के. अवस्थी ने लिखा कि आगरा-लखनऊ समेत तीन एक्सप्रेसवे होंगे और सुरक्षित! यातायात निदेशालय का बड़ा कदम, अब बनेंगे 'ज़ीरो फेटिलिटी ज़ोन'। उन्होंने आगे लिखा, ब्लैक स्पॉट्स और दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में सुधार, हर 50 किमी पर पुलिस गश्त। 5800 चौराहों और तिराहों पर भी विशेष ध्यान, कोहरे में दुर्घटनाओं से बचाव के उपाय। सीएम योगी आदित्यनाथ जी की सरकार की इस पहल से यूपी के विकास की रफ्तार और बढ़ेगी। 

4-ई के जरिए दुर्घटनाओं की रोकथाम
वहीं एडीजी यातायात बीडी पॉल्सन ने बताया कि तीनों एक्सप्रेसवे पर 4-ई (इंजीनियरिंग, इंफोर्समेंट, इमरजेंसी सर्विस और एजूकेशन) के जरिए दुर्घटनाओं को रोकने की योजना है। इससे दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों की संख्या को कम किया जा सकता है। वर्तमान में आगरा-लखनऊ और यमुना एक्सप्रेसवे पर हर 50 किमी की दूरी पर जीवन रक्षक उपकरणों वाली एंबुलेंस तैनात की जा रही है, जिससे घायलों को तत्काल नजदीकी ट्रॉमा सेंटर भेजा जा सकता है। इसके अलावा, एक्सप्रेसवे के ब्लैक स्पॉट और दुर्घटना बाहुल्य स्थानों को भी रोड इंजीनियरिंग के माध्यम से सुधारा जाएगा। 

5800 चौराहों और तिराहों को चिह्नित किया गया
यमुना एक्सप्रेसवे पर अब तक हादसों में कमी नहीं आई होने के बावजूद, सख्त कार्रवाई करने का प्रयास किया जाएगा। उल्टी दिशा से आने वाले वाहनों,  ओवरलोडिंग या तेज गति से गाड़ी चलाने वालों पर सख्ती बरती जाएगी। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर जुर्माना वसूलने की व्यवस्था पहले से ही लागू है, जिससे हादसों में करीब 50 फीसदी की कमी दर्ज की गयी है। एडीजी यातायात बीडी पॉल्सन के अनुसार, यातायात निदेशालय ने राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर 5800 खतरनाक चौराहों और तिराहों को भी चिह्नित किया है। इन स्थानों पर सड़क दुर्घटनाओं को आसानी से कम करने के लिए उन्हें व्यवस्थित करने का प्रयास किया जाएगा।

इसके लिए जीपीएस लोकेशन के माध्यम से  इन्हें चिह्नित करने के बाद थानावार बांटा गया है, ताकि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और पीडब्ल्यूडी की सहायता से इसमें सुधार किया जा सके। इसके अलावा, एक्सप्रेसवे पर कई अन्य बातों का भी ध्यान रखा जाएगा, जैसे कि कोहरे से गाड़ियों का एक्सीडेंट और पशुओं के आने से होने वाले हादसे को रोका जा सके। साथ ही 100 किमी पर चालकों को रुकने के लिए प्रेरित किया जाएगा और कैंटीन, वॉशरूम की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी।

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