उन्नाव को अगर ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, और वाणिज्यिक दृष्टि के साथ देखा जाएं तो यह एक बेहद ही महत्वपूर्ण शहर है। उन्नाव की सुंदरता को यहां की संस्कृति, ऐतिहासिक धरोहर और लोकगीत और भी अधिक बढाता है।
उन्नाव के इन स्थानों का जरूर करें भ्रमण उन्नाव के इन स्थानों का जरूर करें भ्रमण, जीनिए शहर के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहलुओं की कहानी
Nov 17, 2023 16:43
Nov 17, 2023 16:43
नवाबगंज पक्षी विहार
उन्नाव के नवाबगंज में स्थित पक्षी अभयारण्य बहुत ही प्रसिद्ध पक्षी अभयारण्य से है। जहां की प्राकृतिक छटा और वन्य जीवन इसे और भी ज्यादा ख़ास बनाते है। यह अभयारण्य कानपुर-लखनऊ राजमार्ग के बीच स्थित है। बता दें कि प्रत्येक साल कई प्रवासी पक्षी नवाबगंज में आते है। जिसमें से साइबेरियाई प्रवासी पक्षी जैसी दुर्लभ प्रजातियां भी शामिल हैं।
बक्सर
उन्नाव जिले में गंगा के बाएं किनारे पर स्थित बक्सर का नाम एक संस्कृत शब्द बकरराम से लिया गया है। कहा जाता है कि यह नाम एक राक्षस बाका के निवास को दर्शाता है। जिसने वर्तमान गांव की जगह एक शहर की स्थापना की थी। इस जगह का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा हुआ है। कहा जाता है कि बाईस राजपूत राजा अभाई चंद ने बाकेश्वर महादेव के मंदिर के नाम पर ही इसका नाम रखकर इसे अपनी राजधानी बनाया था। ख़ास बात है कभी यहाँ मौजूद मंदिर के खंडहर और कई टूटी हुई छवियां अभी भी इस गांव में पाई जाती हैं। यहाँ लगने वाले स्नान मेला में बड़ी संख्या में लोग दूर-दराज़ इलाकों से आते हैं।
चंद्रिका और अंबिका देवी मंदिर
चंडिका धाम मे दो विग्रह स्थापित हैं जिन्हे चंडिका व अम्बिका के रूप मे जाना जाता है इनका श्री मुख गंगा की तरफ है। चंडिका धाम की सीढि़यों से सट कर हमेशा गंगा जी का जल प्रवाहित होता है।
मंदिर का इतिहास
इस सिद्धि पीठ मां चंद्रिका और अंबिका देवी धाम का पुराणों मे भी वर्णन किया गया है। पुराणों के अनुसार यही पर मेधा ऋषि ने राजा सुरथ व समाधि वैश्य को मां दुर्गा के महात्म्य का वर्णन सुनाया था। जो दुर्गा सप्तशती के नाम से विख्यात है। यहां पर परम तपस्वी वक्र ऋषि का आश्रम था। ऐसा भी कहा जाता है कि इन्हीं के नाम पर इस ग्राम का नाम बक्सर पड़ा था। यहां गंगा कुछ समय के लिए उत्तरमुखी प्रवाहित होने के कारण इस स्थान को काशी की तरह पवित्र माना जाता है। जिस स्थान पर मेधा ऋषि ने राजा सूरथ को दुर्गा सप्तशती सुनाई थी। उसी स्थान पर भगवान श्री कृष्ण के भाई बलराम ने भी माथा टेका था। वहीं पर मां चंडिका देवी की प्रतिमा स्थापित की गई थी।
कल्याणी देवी मंदिर
माँ कल्याणी देवी का मंदिर उन्नाव का एक प्रसिद्ध मंदिर है। जहां दर्शन करने आस-पास के शहरों के कई भक्त अक्सर आया करते है। उन्नाव रेलवे स्टेशन से मात्र दो किलोमीटर दूरी पर यह मंदिर स्थित है। यहां पर हमेशा श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है। यहाँ हमेशा ही पूजा और अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं। जिसमें शामिल होने दूर-दराज़ से भी लोग आते हैं।
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