उपचुनाव को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ और दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य व ब्रजेश पाठक एक तरफ मोर्चा संभालेंगे, तो दूसरी ओर प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी व प्रदेश महामंत्री (संगठन) धर्मपाल सिंह धरातल पर रणनीति को सफल बनाने की भूमिका अदा करेंगे।
UP By Election 2024 : उपचुनाव को लेकर सुपर-5 एक्टिव, इस फॉर्मूले पर रणनीति तैयार, सीएम योगी का अयोध्या से आगाज
Aug 06, 2024 14:48
Aug 06, 2024 14:48
उपचुनाव को सरकार और संगठन एक्टिव मोड पर
उपचुनाव को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ और दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य व ब्रजेश पाठक एक तरफ मोर्चा संभालेंगे, तो दूसरी ओर प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी व प्रदेश महामंत्री (संगठन ) धर्मपाल सिंह धरातल पर रणनीति को सफल बनाने की भूमिका अदा करेंगे। इस तरह अब सुपर फाइव उपचुनाव को लेकर एक्टिव होता नजर आ रहा है।
सरकार और संंगठन में ऐसे बांटी गई जिम्मेदारी
सीएम योगी आदित्यनाथ के मंगलवार को अयोध्या दौरे से इसकी शुरुआत भी हो गई है। फैजाबाद लोकसभा सीट से सपा सांसद अवधेश प्रसाद के इस्तीफे से रिक्त मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है। बताया जा रहा है कि रणनीति के तहत फिलहाल दो दो सीटों पर सियासी माहौल अपने पक्ष में करने के लिए सरकार और संगठन के स्तर पर जिम्मेदारी तय कर दी गई है।
सभी सीटों का दौरा करेंगे मंत्री-पदाधिकारी
सीएम योगी आदित्यनाथ मिल्कीपुर के बाद कटेहरी का दौरा करेंगे। इसी तरह उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य फूलपुर और मझवां, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक करहल और सीसामऊ, प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी कुंदरकी और मीरापुर और महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह खैर तथा गाजियाबाद विधानसभा क्षेत्रों का दौरा करेंगे। इसके बाद रोटेशन से सीटें बदलती रहेंगी और अन्य नेता दस विधानसभा क्षेत्रों में अलग-अलग दौरा करेंगे। इस तरह सरकार और संगठन समन्वय के साथ सभी 10 विधानसभा क्षेत्रों पर फोकस करेगा।
जातीय समीकरण साधने को नेता करेंगे बैठक
बताया जा रहा है कि उपचुनाव वाली सीटों में जिन जातियों के मतदाताओं की संख्या अधिक है, उस जाति के बड़े चेहरे को वहां चौपाल, सघन जनसंपर्क और बैठक करने को बोला गया है, जिससे पार्टी प्रत्याशी को उनके वोट मिल सके। इसके अलावा इस बार लोकसभा चुनाव की तरह विपक्ष के भ्रम फैलाने को लेकर भी पार्टी अलर्ट है। पूरी कोशिश है कि इस बार विपक्ष का ये दांव सफल नहीं हो सके। सोशल मीडिया पर अभी से कड़ी नजर रखी जा रही है।
प्रत्याशियों के चयन में इन बातों का ध्यान
मंत्री और पदाधिकारी टिकट के लिए अच्छे और जमीन से जुड़े प्रत्याशियों की तलाश तो करेेंगे। लेकिन, उन्हें किसी तरह का आश्वासन नहीं देंगे। ये देखना बेहद जरूरी होगी कि धरातल पर संबंधित नेता की छवि कैसी है? उसका संगठन या जनसमुदाय के बीच किसी तरह का विवादित चेहरा तो नहीं है। पिछली बार जिन बूथों पर पार्टी को हार मिली थी, वहां सबसे ज्यादा फोकस किया जाएगा।
इन 10 सीटों पर होगा उपचुनाव
प्रदेश में विधानसभा की जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उनमें अलीगढ़ जिले की खैर, अयोध्या की मिल्कीपुर, अंबेडकरनगर की कटेहरी, मुजफ्फरनगर की मीरापुर, कानपुर नगर की सीसामऊ, प्रयागराज की फूलपुर, गाजियाबाद की गाजियाबाद, मीरजापुर की मझवां, मुरादाबाद की कुंदरकी और मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट शामिल है। इनमें से पांच सीटें करहल, सीसामऊ, मिल्कीपुर, कटेहरी और कुंदरकी सपा के पास थीं। जबकि, खैर, गाजियाबाद व फूलपुर भाजपा के पास, मझवा सीट निषाद पार्टी और मीरापुर से राष्ट्रीय लोकदल ने जीत दर्ज की थी।
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