यूपी में डिजिटल अटेंडेंस का पहले दिन से विरोध शुरू, शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर किया काम, आंदोलन की तैयारी

शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर किया काम, आंदोलन की तैयारी
UPT | UP digital attendance protest

Jul 08, 2024 13:27

घोसी से लोकसभा सांसद राजीव राय ने इस निर्णय को लेकर सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने सोमवार को कहा कि मुख्यमंत्री जी आपके अधिकारी मोटे कमीशन के लिए अनावश्यक सॉफ्टवेयर और मोबाइल ऐप को सैकड़ों करोड़ में खरीद कर बेसिक शिक्षा परिषद और बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।

Jul 08, 2024 13:27

Short Highlights
  • सपा सांसद राजीव राय बोले- अनावश्यक सॉफ्टवेयर और मोबाइल ऐप पर करोड़ों रुपए बर्बाद
  • शिक्षक संगठनों की 15 जुलाई को जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन की तैयारी
Lucknow News: बेसिक शिक्षा परिषद के संचालित विद्यालयों में सोमवार से शिक्षकों और कर्मचारियों की डिजिटल अटेंडेंस की व्यवस्था पहले दिन ही पटरी से उतरती नजर आई। शिक्षकों ने इसका विरोध किया और डिजिटल अटेंडेंस में दिलचस्पी नहीं दिखाई। लखनऊ सहित प्रदेश के सभी जनपदों में शिक्षकों ने डिजिटल अटेंडेंस को लेकर अपनी नाराजगी जताई। शिक्षकों को डिजिटल अटेंडेंस के लिए स्कूल खुलने के आधे घंटे का अतिरिक्त समय दिया गया था। पहले सुबह 7:45 से 8:00 बजे तक उपस्थिति दर्ज करानी थी। इसके बाद उपस्थिति दर्ज कराने की अवधि को 30 मिनट बढ़ाते हुए 8:30 तक किया गया। छात्रों की अटेंडेंस और मिड डे मिल रजिस्टर भी डिजीटली तैयार करने के निर्देश हैं। लेकिन, गिनती के शिक्षकों ने ही डिजिटल अटेंडेंस को लेकर निर्देशों का पालन किया। वहीं शिक्षक संगठनों की अपील पर सोमवार को काली पट्टी बांधकर काम किया गया। इसके साथ ही 15 जुलाई को जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन का ऐलान​ किया गया है। शिक्षक संगठनों ने कहा है कि निर्णय वापस नहीं करने पर आंदोलन तेज किया जाएगा।

सपा सांसद राजीव राय ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा
घोसी से लोकसभा सांसद राजीव राय ने इस निर्णय को लेकर सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने सोमवार को कहा कि मुख्यमंत्री जी आपके अधिकारी मोटे कमीशन के लिए अनावश्यक सॉफ्टवेयर और मोबाइल ऐप को सैकड़ों करोड़ में खरीद कर बेसिक शिक्षा परिषद और बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। शिक्षकों को पढ़ाई के अलावा अन्य कार्य करने पर मजबूर करते हैं, दिन भर मोबाइल फोन के ऐप में व्यस्त रखते हैं। आप पता करिएगा जितने में ये सॉफ्टवेयर और ऐप खरीदे गए हैं उतने पैसे में सभी स्कूलों में फर्नीचर, कंप्यूटर लैब और अंग्रेजी सहित अन्य एक्सपर्ट टीचर रख के बच्चों को प्राइवेट स्कूल से ज्यादा अच्छा शिक्षा दे सकते थे। और हां इन अधिकारियों को बोलिए कि पहले सभी घूसखोर विभागों ने सबके लिए ऑनलाइन अटेंडेंस अनिवार्य करें, उसके बाद बारिश के मौसम में सुदूर गांवों में पढ़ाने वाले शिक्षकों पर लागू करें। 

भाजपा सांसद दिनेश शर्मा ने बताई अच्छी पहल
उधर भाजपा के राज्यसभा सांसद डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि एक अच्छी पहल की गई है। विरोध करने से पहले शिक्षकों को इसे लागू होने देना चाहिए। जब भी कोई नई व्यवस्था लागू होती है तो लोग विरोध करते हैं। डिजिटल अटेंडेंस एक अच्छी पहल है, शिक्षकों को इसका स्वागत करना चाहिए।

शिक्षक संगठनों ने विरोध को बताया सफल
जूनियर हाईस्कूल शिक्षक महासभा के मुताबिक प्रदेश में परिषदीय स्कूलों में सोमवार सुबह शिक्षकों ने डिजिटल उपस्थिति पंजिका में हाजिरी दर्ज कराने का विरोध किया। प्रदेश के शहर और ग्रामीण क्षेत्रों के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों ने हाथ में काली पट्टी बांधकर अध्यापन कार्य कराया। प्रदेश के सभी 29334 गणित व विज्ञान शिक्षकों से डिजिटल हाजिरी की व्यवस्था का बहिष्कार करने का आह्वान किया गया, जो पूरी तरह से सफल रहा। सुबह 11 बजे तक मिले फीडबैक के अनुसार बड़ी संख्या में शिक्षकों ने डिजिटल हाजिरी व्यवस्था का बहिष्कार किया है। दोपहर दो बजे छुट्टी होने के बाद शिक्षक नेता जिलाधिकारी और बेसिक शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपेंगे।

शिक्षक संगठन मामले में पीछे हटने को तैयार नहीं
प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित विद्यालयों में 15 जुलाई से शिक्षकों, स्टॉफ और बच्चों की डिजिटल हाजिरी लगाने की व्‍यवस्‍था की जानी थी। बाद में डिजिटल अटेडेंस की व्‍यवस्‍था एक सप्‍ताह पहले 8 जुलाई से ही लागू कर दी गई। इसमें फ‍िसियल रिकगनिशन यानी चेहरे को ऑनलाइन कैमरे के सामने देखकर अटेंडेंस लगाने को बोला गया। डिजिटल अटेंडेंस के विरोध में शिक्षक संगठनों ने आंदोलन की धमकी दी है। उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ ने डिजिटल अटेंडेंस का विरोध किया है। राष्‍ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने सोमवार को प्रदेश के सभी जिलों में मुख्‍यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा है। प्राथमिक शिक्षक संघ संबद्ध अखिल भारतीय प्राथमिक संघ ने सभी स्‍कूल शिक्षकों से काली पट्टी बांधकर विरोध करने की अपील की। संगठन के मुताबिक इसका असर देखने को मिला। प्रदेश में कई जगह स्कूलों में सोमवार को भी समय से शिक्षक नहीं पहुंचे। कुछ जगह शिक्षकों ने स्कूल में बायोमीट्रिक मशीन और अन्य व्यवस्थाएं न होने की बात कही। शिक्षक संगठनों का कहना है कि ऑनलाइन हाजिरी किसी भी नजरिए से न्‍यायसंगत नहीं है।

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