राजेश कुमार सिंह से प्रधान सचिव जेल प्रशासन एवं सुधार सेवाएं महानिदेशक, दीनदयाल उपाध्याय राज्य ग्रामीण विकास संस्थान और सहकारिता विभाग का दायित्व वापस ले लिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट में गलतबयानी पड़ी भारी : योगी सरकार ने एसीएस राजेश कुमार सिंह को सभी पदों से हटाया
Sep 07, 2024 18:02
Sep 07, 2024 18:02
सुप्रीम कोर्ट में गलतबयानी पर हुई कार्रवाई
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कैदियों की सजा माफी से जुड़े एक मामले में कारागार प्रशासन के प्रमुख सचिव राजेश कुमार सिंह को कड़ी चेतावनी दी थी। अदालत ने कहा था कि वह किसी अधिकारी से अदालत के समक्ष झूठी जानकारी देने या अपने बयानों को बदलने को सहन नहीं करेगी।
शपथपत्र में दिए गए बयान संदिग्ध
जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस आगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने कहा कि 14 अगस्त को प्रस्तुत शपथपत्र में दिए गए बयान 12 अगस्त के आदेश में दर्ज बयानों से पूरी तरह भिन्न थे। अदालत ने शपथ पत्र के कुछ बयानों को संदिग्ध बताया, विशेषकर पैराग्राफ 5 के खंड (जी) में दिए गए बयान को। राजेश कुमार सिंह ने अपने शपथ पत्र में कहा था कि हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों के चलते आदर्श आचार संहिता के कारण मुख्यमंत्री कार्यालय ने सजा माफी से संबंधित फाइलों पर निर्णय लेने में देरी की।
पीठ ने दिए मामले की जांच के आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि कुछ अधिकारियों को जेल भी जाना पड़ सकता है, अगर इस तरह का आचरण नहीं रोका गया। इसके बाद राज्य सरकार ने उनके खिलाफ कार्रवाई की। राजेश कुमार सिंह ने कहा कि यह बयान अनजाने में दिया गया था, लेकिन अदालत ने इसे गंभीरता से लिया और मामले की आगे की जांच के आदेश दिए। पीठ ने राजेश कुमार सिंह के शपथ पत्र को रिकॉर्ड पर लिया और कहा कि अदालत मामले की जांच करेगी और नौ सितंबर को आदेश पारित करेगी।
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