स्वाइन फ्लू के मामलों में तेजी देखी जा रही है, जिला अस्पतालों में दिन-प्रतिदिन मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों को सतर्क रहने और लक्षण दिखने पर तुरंत जांच कराने की सलाह दी है।
यूपी के अस्पतालों में बढ़े स्वाइन फ्लू के मरीज : राजधानी में मिले सबसे ज्यादा केस, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट
Sep 06, 2024 19:34
Sep 06, 2024 19:34
राजधानी में सबसे ज्यादा मामले
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार 15 अगस्त तक राज्य में 135 स्वाइन फ्लू के मामले दर्ज किए गए थे, जबकि 31 अगस्त तक यह संख्या बढ़कर डेढ़ सौ हो गई थी। राजधानी लखनऊ में सबसे ज्यादा मामले पाए गए हैं, जबकि मेरठ में 23, हापुड़ में 7 और अन्य जिलों में एक से चार मामले दर्ज हुए हैं। डॉक्टरों के अनुसार, स्वाइन फ्लू से घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि राज्य में इसके इलाज की पर्याप्त व्यवस्था है। अगर किसी को खांसी, बुखार, गले में खराश या शरीर में दर्द जैसे लक्षण दिखाई दें, तो उन्हें तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर जांच करानी चाहिए। केजीएमयू के मेडिसिन विभाग के डॉक्टर डी. हिमांशु ने कहा कि बीमारी को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। इलाज के लिए पूरी सुविधाएं उपलब्ध हैं। यदि बुखार, खांसी, गले में खराश या शरीर में तेज दर्द जैसी समस्याएं हों, तो डॉक्टर की सलाह लेकर जरूरी जांच जरूर कराएं।
स्वाइन फ्लू के लक्षण
स्वाइन फ्लू एच1एन1 वायरस मुख्य रूप से नाक, गले और फेफड़ों को प्रभावित करता है और संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने या बात करने पर हवा के माध्यम से फैलता है। यह वायरस दूषित सतहों को छूने और फिर अपनी आंख , नाक, या मुंह को छूने से भी शरीर में प्रवेश कर सकता है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सूअर का मांस खाने से स्वाइन फ्लू नहीं होता है। वायरस से संक्रमित व्यक्ति लक्षण प्रकट होने से एक दिन पहले से लेकर चार दिन बाद तक संक्रमण फैला सकता है, जबकि बच्चों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोग इसे लंबे समय तक फैला सकते हैं।
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