UP News : स्थानीय निकाय प्रॉपर्टी टैक्स से कर रहे सबसे ज्यादा कमाई, आरबीआई की रिपोर्ट में खुलासा

स्थानीय निकाय प्रॉपर्टी टैक्स से कर रहे सबसे ज्यादा कमाई, आरबीआई की रिपोर्ट में खुलासा
UPT | प्रतीकात्मक तस्वीर

Nov 16, 2024 08:11

आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले पांच सालों में कार्यालय रखरखाव का खर्च 314 करोड़ रुपये से बढ़कर 1100 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। दस्तावेजों और पुस्तकों के रखरखाव पर खर्च भी बढ़कर 13 लाख से 2.60 करोड़ रुपये हो गया है। यह बढ़ोत्तरी दर्शाती है कि स्थानीय निकायों के प्रशासनिक खर्च में भी इजाफा हुआ है।

Nov 16, 2024 08:11

Lucknow News : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ताजा रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि उत्तर प्रदेश के स्थानीय निकायों की आय का प्रमुख स्त्रोत प्रॉपर्टी टैक्स है। यह रिपोर्ट स्थानीय निकायों के वित्तीय आंकड़ों पर आधारित है और इसमें बताया गया है कि राज्य के निकाय प्रॉपर्टी टैक्स से सालाना लगभग 1300 करोड़ रुपये की आय अर्जित कर रहे हैं। पिछले चार सालों में इस आय में करीब 40 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।

जल कर और लाइसेंस फीस भी आय का बड़ा जरिया
प्रॉपर्टी टैक्स के बाद स्थानीय निकायों के लिए आय के दूसरे प्रमुख स्रोत जल कर और लाइसेंस फीस बन गए हैं। इनसे भी निकायों को मोटी आय हो रही है, जिससे उनके वार्षिक बजट में मजबूती आ रही है।



पांच साल में खर्च में इजाफा
आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले पांच सालों में कार्यालय रखरखाव का खर्च 314 करोड़ रुपये से बढ़कर 1100 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। दस्तावेजों और पुस्तकों के रखरखाव पर खर्च भी बढ़कर 13 लाख से 2.60 करोड़ रुपये हो गया है। यह बढ़ोत्तरी दर्शाती है कि स्थानीय निकायों के प्रशासनिक खर्च में भी इजाफा हुआ है।

ईंधन और बिजली का खर्च दोगुना
ईंधन और बिजली जैसी आवश्यक सेवाओं पर निकायों का खर्च भी दोगुना होकर 600 करोड़ रुपये से 1200 करोड़ रुपये हो गया है। यह दर्शाता है कि बढ़ती ऊर्जा आवश्यकताओं और महंगाई के कारण निकायों को अपने बजट में अधिक व्यय करना पड़ रहा है।

वेतन और प्रशासनिक खर्चों में वृद्धि
स्थानीय निकायों का वेतन और अन्य मदों में खर्च पांच सालों में 1,945 करोड़ रुपये से बढ़कर 2,890 करोड़ रुपये हो गया है। हालांकि पेंशन पर खर्च में कमी आई है और यह 18 करोड़ से घटकर 9 करोड़ रुपये रह गया है।

सीवर टैक्स और विज्ञापन आय में उछाल
आय के अन्य स्रोतों में सीवर टैक्स में चार गुना वृद्धि हुई है, जो दर्शाता है कि स्थानीय निकायों ने अपने राजस्व के नए रास्ते खोजे हैं। इसके अलावा, विज्ञापनों की स्पेस से होने वाली आय में पांच गुना वृद्धि हुई है। वहीं, यूजर चार्ज भी 152 करोड़ रुपये से बढ़कर 434 करोड़ रुपये हो गया है।

स्थानीय निकायों की बढ़ती जरूरतें
इन सभी आंकड़ों से यह जाहिर हो रहा है कि यूपी के स्थानीय निकाय अपने खर्च और आय को लेकर सतर्क हो रहे हैं। हालांकि, उन्हें वित्तीय स्थिरता और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए और भी योजनाएं लागू करने की जरूरत है।
 

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