Paper Leak: फर्जी प्रश्नपत्र बांटना-फेक एंप्लॉयमेंट वेबसाइट बनाना भी गैर जमानती अपराध, जानें अध्यादेश की खास बातें

फर्जी प्रश्नपत्र बांटना-फेक एंप्लॉयमेंट वेबसाइट बनाना भी गैर जमानती अपराध, जानें अध्यादेश की खास बातें
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Jun 25, 2024 16:06

अधिनियम का विस्तार सार्वजनिक सेवा भर्ती परीक्षाओं, नियमितीकरण या पदोन्नति परीक्षाएं, डिग्री डिप्लोमा, प्रमाण-पत्रों या शैक्षणिक प्रमाण-पत्रों की प्रवेश परीक्षा पर भी लागू होगा। फर्जी प्रश्नपत्र बांटना, फर्जी सेवायोजन वेबसाइट बनाना आदि भी दंडनीय अपराध बनाए गए हैं।

Jun 25, 2024 16:06

Short Highlights
  • परीक्षाओं में फर्जीवाड़ा करने वालों पर कसेगा शिकंजा
  • संपत्ति कुर्क होने से लेकर कंपनी की जाएगी ब्लैक लिस्ट
Lucknow News: उत्तर प्रदेश में प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक होने को लेकर विपक्ष हमलावर है और सड़कों पर विरोध प्रदर्शन जारी है। ऐसे में प्रदेश सरकार ने मंगलवार को कैबिनेट बैठक में पेपर लीक को लेकर सख्त कानून के प्रस्ताव को मंजूरी दी। इसके बाद परीक्षाओं में फर्जीवाड़ा करने वाले लोगों पर शिकंजा और कसा जा सकेगा। पेपर लीक के मामले में दोषी पाए जाने वाले जमानत को तरस जाएंगे। कैबिनेट बैठक में जिस उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अध्यादेश 2024 के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है, उसे लेकर अभी से चर्चा तेज होने लगी है। अध्यादेश में दोषियों के खिलाफ दो साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है। इसके साथ ही एक करोड़ तक का जुर्माना भी लगाया जाएगा। इसके अलावा अन्य कई सख्त बिंदु भी शामिल किए गए हैं। 

साल्वर गिरोह पर कसेगा शिकंजा
कैबिनेट के निर्णय के मुताबिक सार्वजनिक परीक्षाओं में अनुचित साधनों, पेपरलीक को रोकने, साल्वर गिरोह पर प्रतिबंध लगाने और उससे जुड़े और उसके आनुषंगिक मामलों का प्रावधान करने के उद्देश्य से भारत के संविधान के अनुच्छेद 213 के खंड (1) की प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करके उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनोंं की रोकथाम) अध्यादेश, 2024 का प्रख्यापन प्रस्तावित किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि उप्र लोक सेवा आयोग, उप्र अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड, उप्र बोर्ड, विश्वविद्यालय आदि की परीक्षाएं इसके दायरे में होंगी।

ये भी होंगे अधिनियम के दायरे में
अधिनियम का विस्तार सार्वजनिक सेवा भर्ती परीक्षाओं, नियमितीकरण या पदोन्नति परीक्षाएं, डिग्री डिप्लोमा, प्रमाण-पत्रों या शैक्षणिक प्रमाण-पत्रों की प्रवेश परीक्षा पर भी लागू होगा। फर्जी प्रश्नपत्र बांटना, फर्जी सेवायोजन वेबसाइट बनाना आदि भी दंडनीय अपराध बनाए गए हैं। वहीं अधिनियम के प्रावधानों के उल्लंघन के लिये न्यूनतम दो वर्ष से लेकर आजीवन कारावास का दण्ड तथा एक करोड़ रुपए तक के दंड का भी प्रावधान किया गया है।

संपत्ति होगी कुर्क, माना जाएगा गैर जमानतीय अपराध
इसके अतिरिक्त यदि परीक्षा प्रभावित होती है, तो उस पर आने वाले वित्तीय भार को सॉल्वर गिरोह से वसूलने तथा परीक्षा में गड़बड़ी करने वाली कंपनियों और सेवा प्रदाताओं को हमेशा के लिए ब्लैक लिस्ट करने का भी बिंदु इसमें शामिल किया गया है। अधिनियम में अपराध की दशा में संपत्ति की कुर्की का भी प्रावधान किया गया है। अधिनियम के सभी अपराध संज्ञेय, गैर जमानती बताए गए हैं। जमानत के सम्बन्ध में भी कठोर प्रावधान किए गए हैं।

विधानमंडल सत्र नहीं चलने के कारण सरकार लाई अध्यादेश
प्रदेश सरकार के मुताबिक वर्तमान में विधानमंडल सत्र नहीं होने के कारण विधेयक के स्थान पर अध्यादेश का प्रस्ताव किया गया है। इसलिए उत्तर प्रदेश शासन के गृह विभाग ने उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अध्यादेश, 2024 प्रख्यापित किये जाने के संबंध में प्रस्ताव किया गया है।

पेपर लीक के कारण हुई किरकरी 
प्रदेश में विभिन्न परीक्षाओं में गड़बड़ी से लेकर पेपर लीक के मामले सामने आ चुके हैं। यूपी पुलिस की कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा और आरओ-एआरओ भर्ती परीक्षा के पेपर लीक होने के कारण प्रदेश सरकार को कई सवालों का सामना करना पड़ा है। इसे लेकर युवाओं में काफी नाराजगी है और विपक्ष भी इस मुद्दे पर हमलावर बना हुआ है। कॉन्स्टेबल भर्ती को लेकर 60244 पदों के लिए 48 लाख से ज्यादा युवाओं ने परीक्षा दी थी। 18-19 फरवरी को लिखित परीक्षा का पेपर लीक हो गया था। बाद में परीक्षा निरस्त करनी पड़ी। इसी तरह समीक्षा अधिकारी-सहायक समीक्षा अधिकारी भर्ती परीक्षा 11 फरवरी को आयोजित कराई गई थी। इसका पेपर भी लीक हो गया था। 

एसटीएफ ने कई लोग किए गिरफ्तार 
पेपर लीक को लेकर यूपीएसटीएफ अब तक कई गिरफ्तारी भी कर चुकी है। इससे पहले भी कई परीक्षाओं में पेपर लीक के मामले सामने आ चुके हैं। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी नकलमाफियाओं पर शिकंजा कसने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान इसे लेकर सख्त कानून लाने की बात कही थी। ऐसे में अब कैबिनेट बैठक में उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अध्यादेश 2024 प्रस्ताव के जरिए योगी सरकार ने नकलमाफियाओं पर अंकुश लगाने की तैयारी की है। 

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