राज्य महिला सुरक्षा के मामलों के निपटारे में पूरे देश में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। इस दिशा में उत्तर प्रदेश वुमेन पावर हेल्पलाइन (1090) का महत्वपूर्ण योगदान है। महिलाओं की सुरक्षा से संबंधित शिकायतों के निपटारे में यह हेल्पलाइन प्रभावी साबित हुई है।
महिला अपराधों के निस्तारण में यूपी देश में अव्वल : 19 माह में 6 लाख शिकायतों का समाधान
Sep 07, 2024 13:35
Sep 07, 2024 13:35
2023 के आंकड़े और हेल्पलाइन की भूमिका
वर्ष 2023 के दौरान हेल्पलाइन ने कुल 4 लाख 09 हजार 434 शिकायतें दर्ज कीं, जिनमें से 4 लाख 09 हजार 433 शिकायतों का समाधान किया गया। केवल एक कॉल को डिफॉल्ट घोषित किया गया, जो अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। इसके अतिरिक्त पिछले 19 महीनों में हेल्पलाइन ने 6 लाख से अधिक शिकायतों का समाधान किया। उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारियों का कहना है कि हेल्पलाइन महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन बन चुकी है, जिससे महिलाएं सीधे अपनी समस्याओं का समाधान प्राप्त कर सकती हैं। सरकार ने महिला सुरक्षा और आत्मसम्मान को शीर्ष प्राथमिकता दी है। हेल्पलाइन न केवल शिकायतों का समाधान करती है, बल्कि उन्हें समय पर उचित सहायता भी प्रदान करती है।
औसतन प्रतिदिन इतने मामलों का निस्तारण
वुमेन पावर हेल्पलाइन की अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक पद्मजा चौहान ने बताया कि सरकार के निर्देशों के अनुसार, महिला संबंधी शिकायतों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाया जा रहा है। वर्ष 2023 में प्रतिदिन औसतन 1 हजार 122 मामलों का निपटारा किया गया। इस अवधि में 1 लाख 70 हजार 734 मामलों को काउंसलिंग के माध्यम से हल किया गया, जिससे महिलाएं बिना कानूनी प्रक्रिया के मानसिक और भावनात्मक सहायता प्राप्त कर सकीं।
सोशल मीडिया से जुड़े मामलों में हुई एफआईआर
62 हजार 667 मामलों में एफआईआर दर्ज की गईं, जो यह दर्शाती है कि हेल्पलाइन केवल सलाह देने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि गंभीर मामलों में कानूनी कार्रवाई भी सुनिश्चित करती है। इसके अलावा इंटरनेट और सोशल मीडिया से संबंधित 56 हजार 973 शिकायतें दर्ज की गईं, जो कुल शिकायतों का लगभग 13.92 प्रतिशत थीं। इंटरनेट पर हो रहे उत्पीड़न, धमकी या अश्लील सामग्री से जुड़े मामलों को प्राथमिकता से निपटाया गया। परिवार संबंधी 5 हजार 460 शिकायतें भी हेल्पलाइन पर दर्ज की गईं, जिनका निपटारा ऑनलाइन फैमिली काउंसलिंग के जरिए किया गया। शिकायतों की संख्या के आधार पर लखनऊ सबसे आगे रहा, जहां से 40 हजार 972 मामले आए। कानपुर नगर से 18 हजार 358 मामले, प्रयागराज से 14 हजार 698 मामले, आजमगढ़ से 12 हजार 388 मामले, और गोरखपुर से 12 हजार 354 मामले दर्ज किए गए। इन शहरों के थानों को सबसे अधिक मामले कार्यवाही के लिए भेजे गए।
2024 में प्राप्त आंकड़े
वर्ष 2024 में 30 अगस्त तक हेल्पलाइन ने कुल 3 लाख 4 हजार 481 कॉल्स रजिस्टर्ड कीं, जिनमें से 2 लाख 55 हजार 535 मामलों का समाधान किया गया। यह निपटान दर 83.92 प्रतिशत रही, जो इस बात का प्रमाण है कि सरकार महिलाओं की शिकायतों को तेजी से सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस साल हेल्पलाइन ने औसतन प्रतिदिन 1 हजार 047 शिकायतों का समाधान किया।
काउंसलिंग के माध्यम से इतने मामलों का समाधान
एक लाख 70 हजार 734 मामलों का समाधान काउंसलिंग के माध्यम से किया गया, जिससे महिलाओं को मानसिक, भावनात्मक और कानूनी सलाह मिली। इसके अलावा 36 हजार 260 मामलों में एफआईआर दर्ज की गईं, जो बताता है कि हेल्पलाइन ने गंभीर मामलों में उचित कानूनी कदम उठाए। इंटरनेट और सोशल मीडिया से जुड़े 43 हजार 894 मामले दर्ज किए गए, जो कुल शिकायतों का 14.42 प्रतिशत हिस्सा थे। परिवार संबंधी मामलों की संख्या 3 हजार 352 थी, जिन्हें काउंसलिंग के माध्यम से हल किया गया। लखनऊ, कानपुर नगर, प्रयागराज, आजमगढ़ और गोरखपुर इस साल भी शिकायतों के मामले में प्रमुख शहरों में रहे। सबसे अधिक लखनऊ से 31 हजार 729 मामले दर्ज हुए, जबकि कानपुर नगर से 14 हजार 341 प्रयागराज से 11 हजार 694 आजमगढ़ से 10 हजार 186 और गोरखपुर से 9 हजार 760 मामले दर्ज किए गए।
हेल्पलाइन का महत्त्व और प्रभावशीलता
उत्तर प्रदेश वुमेन पावर हेल्पलाइन महिलाओं की सुरक्षा के लिए एक मजबूत साधन साबित हो रही है। इसके माध्यम से न केवल महिलाओं की समस्याओं का त्वरित समाधान हो रहा है, बल्कि उन्हें मानसिक और कानूनी सहायता भी मिल रही है। सरकार के प्रयास और हेल्पलाइन की कार्यक्षमता से महिलाओं में सुरक्षा का भाव मजबूत हो रहा है, जिससे समाज में उनका आत्मविश्वास भी बढ़ रहा है। सरकार के महिलाओं की सुरक्षा को लेकर उठाए गए कदमों ने यूपी को महिला सुरक्षा के क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बना दिया है। हेल्पलाइन के जरिए हर महिला को समय पर सहायता मिल रही है, और यही वजह है कि यह पहल महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो रही है।
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