एसोसिएशन ने पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के कुछ मामले सार्वजनिक किए। इसमें बताया गया कि पूरे पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में वर्तमान में नौ क्षेत्रीय मुख्य अभियंता हैं। इनमें से चार मुख्य अभियंता केवल दलित वर्ग के हैं। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में कुल 30 अधीक्षण अभियंता वितरण हैं, जिसमें से 20 अधीक्षण अभियंता दलित समुदाय के हैं।
DVVNL-PuVVNL : साजिश के तहत भेजे गए 66 प्रतिशत आरक्षित अभियंता! निजीकरण से खतरे में पड़ेगी नौकरी, सीएम से जांच की मांग
Dec 18, 2024 19:07
Dec 18, 2024 19:07
बीते छह महीने में सबसे ज्यादा आरक्षित अभियंताओं के तबादले का आरोप
पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन ने बुधवार को कहा कि उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) दक्षिणांचल व पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के पीपीपी मॉडल के तहत निजीकरण की दिशा में आगे बढ़ रहा है। इस बीच अहम तथ्य सामने आया है कि पिछले छह महीने के अंदर इन दोनों ऊर्जा निगमों में सबसे ज्यादा दलित वर्ग के अभियंताओं को दूसरे डिस्काम से ट्रांसफर कर तैनाती दी गई है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या यूपीपीसीएल प्रबंधन को पहले से पता था कि इन दोनों डिस्काम का निजीकरण होना है। इसीलिए बड़ी संख्या में आरक्षित अभियंताओं को इन जगहों पर भेजा जा सके। निजीकरण होने के बाद इनके आरक्षण पर कुठाराघात होना तय है।
प्रदेश सरकार से उच्च स्तरीय जांच की मांग
एसोसिएशन ने पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के कुछ मामले सार्वजनिक किए। इसमें बताया गया कि पूरे पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में वर्तमान में नौ क्षेत्रीय मुख्य अभियंता हैं। इनमें से चार मुख्य अभियंता केवल दलित वर्ग के हैं। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में कुल 30 अधीक्षण अभियंता वितरण हैं, जिसमें से 20 अधीक्षण अभियंता दलित समुदाय के हैं। इनका प्रतिशत निकाला जाए तो लगभग 66 फीसदी ज्यादातर दलित समाज के अधीक्षण अभियंताओं को पिछले छह महीने के अंदर दूसरे डिस्काम से निकालकर पूर्वांचल में भेजा गया। संगठन ने इसकी प्रदेश सरकार से उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है। वहीं पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में सात अधीक्षण अभियंता दलित समाज के संबंद्ध भी हैं।
नौकरी सुरक्षित रहना होगा मुश्किल
एसोसिएशन के कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा, महासचिव अनिल कुमार, सचिव आर पी केन, संगठन सचिव बिंद्रा प्रसाद, सुशील कुमार वर्मा और अजय कुमार ने कहा कि सबसे पहले उत्तर प्रदेश में दलित वर्ग के अभियंताओं का पदोन्नति में आरक्षण छीन लिया गया और अब आरक्षण छीना जा रहा है। पदाधिकारियों ने कहा कि जिस प्रकार से दोनों बिजली कंपनियों में दलित वर्ग के अभियंताओं की तैनाती की गई है, आने वाले समय में उनकी नौकरियां भी सुरक्षित रहना बहुत मुश्किल होगा। निजी कंपनियां 51 प्रतिशत की हिस्सेदारी होने के कारण आरक्षण के नियमों को लागू नहीं करेंगी।
दलित समाज के अभियंताओं के साथ अन्याय का आरोप
उन्होंने कहा कि सब मिलकर जिस प्रकार से दलित व पिछड़ा वर्ग के अभियंताओं के साथ षड्यंत्र किया गया है, उसकी जांच कराया जाना बहुत जरूरी हो गया है। संगठन के नेताओं ने कहा कि बहुत जल्दी संगठन और ऐसे खुलासे करेगा, जो साबित कर देगा कि दलित समाज के अभियंताओं के साथ लगातार अन्याय किया जा रहा है। जब पावर ऑफिसर एसोसिएशन इसकी आवाज उठाता है तो प्रबंधन उसे पर सकारात्मक कद उठाने के बजाय उनका उत्पीडन और बढ़ा देता है।
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