नई व्यवस्था के तहत बिलिंग संबंधी शिकायत के लिए अलग अधिशासी अभियंता होंगे। वहीं सप्लाई के लिए अलग अधिशाषी अभियंता होंगे। इसी तरह नया कनेक्शन के लिए अलग अधिशासी अभियंता होंगे। स्मार्ट मीटर संबंधी शिकायत और 1912 से संबंधित मामले को लेकर भी अलग-अलग अधिशासी अभियंता को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। इस तरह सभी सेवाओं के लिए अलग-अलग व्यवस्था रहेगी।
UPPCL की नई फेसलेस व्यवस्था से उपभोक्ताओं के जल्द होंगे काम : केस्को में 15 नवंबर से पायलट प्रोजेक्ट शुरू, जानें क्यों है खास
Oct 19, 2024 17:10
Oct 19, 2024 17:10
15 नवंबर से केस्को कानपुर के स्ट्रक्चर में बदलाव की शुरुआत
यूपीपीसीएल प्रबंधन की पहल पर एक अध्ययन कमेटी बनाकर पहले चरण में पायलट प्रोजेक्ट के तहत कुछ नगरीय क्षेत्र केस्को कानपुर सहित मध्यांचल में बरेली, दक्षिणांचल में अलीगढ़, पूर्वांचल, पश्चिमांचल में मेरठ नगरीय क्षेत्र में वर्तमान में लागू मूलभूत संरचना में उपभोक्ता हित में बदलाव करने का निर्णय किया गया है। इसी कड़ी में नई व्यवस्था के तहत आधुनिकीकरण के तहत उपभोक्ता सेवा में सुधार के लिए पायलट प्रोजेक्ट के तहत 15 नवंबर से केस्को कानपुर में स्ट्रक्चर में बदलाव की शुरुआत की जा रही है।
भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में मददगार साबित होगी फेसलेस व्यवस्था
इस संबंध में उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष डॉक्टर आशीष कुमार गोयल और प्रबंध निदेशक पंकज कुमार से विस्तार में चर्चा की। उन्होंने नए स्ट्रक्चर को लागू करने को सही ठहराया और कहा कि यह फेसलेस व्यवस्था भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में मददगार साबित होगी। साथ ही यह आने वाले समय में उपभोक्ताओं के लिए सराहनीय कदम होगा। उपभोक्ता परिषद इसमें हर सहयोग करने के लिए तैयार है। उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने केस्को कानपुर के प्रबंध निदेशक सैमुअल पाल एन से भी बात कर इस व्यवस्था को लागू करने में सहयोग का भरोसा दिलाते हुए उनका आभार व्यक्त किया।
शिकायत ऑनलाइन दर्ज होने के साथ तय समय में होगा समाधान
अवधेश वर्मा ने कहा कि अब कोई भी विद्युत उपभोक्ता बिना दफ्तर जाए फेसलेस नई व्यवस्था के तहत ऑनलाइन अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है। ये शिकायत नया बिजली कनेक्शन, बिलिंग, मीटर से लेकर अन्य विषयों से संबंधित हो सकती है। इसमें न सिर्फ शिकायत दर्ज की जाएगी बल्कि उसे विद्युत नियामक आयोग के बनाए गए कानून के तहत तय समय में ठीक करना होगा। साथ ही इसका फीडबैक उपभोक्ताओं को मिलेगा।
अलग-अलग अधिशासी अभियंता को सौंपी जाएगी जिम्मेदारी
नई व्यवस्था के तहत बिलिंग संबंधी शिकायत के लिए अलग अधिशासी अभियंता होंगे। वहीं सप्लाई के लिए अलग अधिशाषी अभियंता होंगे। इसी तरह नया कनेक्शन के लिए अलग अधिशासी अभियंता होंगे। स्मार्ट मीटर संबंधी शिकायत और 1912 से संबंधित मामले को लेकर भी अलग-अलग अधिशासी अभियंता को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। इस तरह सभी सेवाओं के लिए अलग-अलग व्यवस्था रहेगी। हर विद्युत उपभोक्ता अपनी जरूरत या समस्या से संबंधित अधिशासी अभियंता को ऑनलाइन कंप्लेंट करेगा। इससे क्षेत्र के अवर अभियंता व सहायक अभियंता की मोनोपोली नहीं होगी। अधिशासी अभियंता किसी से भी पूरे क्षेत्र में कहीं भी काम ले सकते हैं।
पूरे प्रदेश में लागू होने पर उपभोक्ताओं को मिलेगी राहत
अभी तक अधिशासी अभियंता एक साथ कई जिम्मेदारियों को संभालते आए हैं। वह विद्युत आपूर्ति से लेकर बिलिंग, मीटर संबंधी और अन्य कार्यों को देखते हैं। इस वजह से उपभोक्ता दफ्तरों के चक्कर लगाते थक जाता था। ऐसे में कहीं ना कहीं उसे बाबू रूपी भ्रष्टाचार व्यवस्था में शामिल होना पड़ता था, जिसकी वजह से उसका शोषण होता था। वहीं नई व्यवस्था लागू होने से उसे भ्रष्टाचार से निजात मिलेगी और उपभोक्ता सेवा में सुधार की योजना को भी बल मिलेगा। इसके बाद जब यह व्यवस्था धीरे-धीरे पूरे उत्तर प्रदेश में लागू होगी तो उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलेगी।
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