यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो की ग्रैंड सक्सेस के बाद अब इसी तरह के ट्रेड शो मंडल स्तर पर आयोजित करने को लेकर तैयारी शुरू हो गई है। शुरुआती स्तर पर 5 मंडलीय मुख्यालयों में ट्रेड शो का आयोजन कराया जा सकता है
अब मंडल स्तर पर भी होगा ट्रेड शो का आयोजन : कार्ययोजना बनाने में जुटे अधिकारी, यूपी के साथ जुड़ने को वियतनाम भी उत्सुक
Oct 03, 2024 16:34
Oct 03, 2024 16:34
- मंडल स्तर पर होगा ट्रेड शो का आयोजन
- कार्ययोजना बनाने में जुटे अधिकारी
- वियतनाम भी दिखा रहा दिलचस्पी
प्रमुख व्यापार आयोजनों में से एक
एमएसएमई मंत्री राकेश सचान ने बताया कि यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो के द्वितीय संस्करण ने सभी अपेक्षाओं से आगे जाकर उत्तर प्रदेश के व्यापार और औद्योगिक विकास में एक नया अध्याय लिखा है। 2023 में हुए पहले संस्करण की तुलना में दूसरे संस्करण ने नए मानक स्थापित किए हैं, जिससे यूपीआईटीएस भारत के प्रमुख व्यापार आयोजनों में से एक के रूप में स्थापित हो गया है। सीएम योगी की मंशा है कि अब इस तरह के ट्रेड शो का आयोजन मंडलीय मुख्यालयों में भी किया जाए। इसके लिए अधिकारियों को कार्ययोजना बनाने के लिए कहा गया है।
आक्रामक मार्केटिंग की आवश्यकता पर जोर
प्रमुख सचिव, एमएसएमई आलोक कुमार ने बताया कि इस प्रोग्राम के दो उद्देश्य थे। पहला छोटे उद्योगों को इंटरनेशनल लेवल का प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराना और दूसरा हमारे क्राफ्ट, कुजीन और कल्चर से दुनिया को परिचित कराना था। भारत के बहुत सारे ब्रांड तो पहले से ही विदेशों में हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश का ब्रांड नहीं है। इस कार्यक्रम के माध्यम से हमारा इरादा उत्तर प्रदेश को शोकेस करना भी था। अब हमारा प्रयास मंडल स्तर पर इस तरह के आयोजन करने का है। इसमें भले ही इंटरनेशनल बायर्स तो बड़ी संख्या में नहीं आएंगे, लेकिन प्रदेश के बाहर के बायर्स इसमें हिस्सा ले सकेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को लैंड लॉक से ज्यादा माइंड लॉक स्टेट मान लिया गया है, क्योंकि हम अपने ही बाजार को देखते हैं। जो बाहर के बाजारों की पोटेंशियल है, जहां से हम ज्यादा पैसा कमा सकते हैं, इसके लिए हमने अब तक आक्रामक तरीके से मार्केटिंग नहीं की है। इस ट्रेड शो के माध्यम से यह लक्ष्य हासिल किया जाएगा।
5 मंडलों में ट्रेड शो कराने की मंशा
उन्होंने बताया कि हम लोग आगरा, वाराणसी और लखनऊ में तीन यूनिटी मॉल स्थापित कर रहे हैं। यहां पर हम आर्टिजन के प्रोडक्ट्स को जगह देंगे। इसके साथ ही बरेली में भी हमने स्मार्ट सिटी के माध्यम से एक मॉल लिया है जिसको ऑपरेशनल करने वाले हैं, जबकि नोएडा में ऑलरेडी हमारी व्यवस्था पहले से ही है। इस तरह 5 मंडलों में हमने व्यवस्था कर ली है और हमने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि हर मंडलीय मुख्यालय में इस तरह का एक एग्जिबिशन सेंटर बने, ताकि आर्टिजन को सस्ते में अपने प्रोडक्ट्स को डिस्प्ले करने का मौका मिले।
उद्यमियों को मिले करोड़ों के ऑर्डर
एमएसएमई मंत्री राकेश सचान ने बताया कि इंटरनेशनल ट्रेड शो में प्रदेश के उत्पादों को इंटरनेशनल बायर्स ने खूब सराहा है। उत्तर प्रदेश अपना खुद का इंटरनेशनल ट्रेड शो आयोजित करने वाला पहला राज्य है। ट्रेड शो में ओडीओपी के 350 स्टॉल लगाए गए। विभिन्न उद्योगों जैसे एमएसएमई, कृषि, रक्षा और वस्त्र उद्योग के भी वहां पर स्टॉल लगे। कुल मिलाकर 10 हजार करोड़ रुपए की इंक्वायरी और लीड्स मिली है। छोटे-छोटे कारीगरों को जो इतना बड़ा प्लेटफॉर्म मिला है, उसी का नतीजा है कि जूट का थैला बनाने वालों को भी 5 करोड़ रुपए का ऑर्डर मिल गया। इसी तरह, वाराणसी की गुलाबी मीनाकारी को भी 5 करोड़ रुपए का ऑर्डर मिला। निश्चित तौर पर हमारे जो हस्तशिल्पी हैं, एमएसएमई हैं उनके उत्पादों को एक बड़ा बाजार मिला है।
वियतनाम भी दिखा रहा दिलचस्पी
प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने कहा कि बाजार का अपना एक लॉजिक होता है। हम उनको फैसिलिटेट कर सकते हैं, लेकिन प्रोडक्ट की क्वालिटी क्या होगी, प्राइस क्या होगा, ये आर्टिजन और बायर के बीच तय होता है। उसमें सरकार का ज्यादा हस्तक्षेप नहीं है। हम अपने उद्यमियों को एक बड़ा प्लेटफॉर्म प्रोवाइड करने के लिए कमिटेड हैं और यह प्लेटफॉर्म ग्रेटर नोएडा में दो बार उपलब्ध करके दिखा दिया। हमारा प्लान है कि हर मंडलीय मुख्यालय पर एक ऐसा प्लेटफॉर्म तैयार हो जहां ज्यादा मात्रा में लोग आकर इन प्रोडक्ट्स को देख सकें और डिसीजन ले सकें कि उनको ये प्रोडक्ट खरीदना है या नहीं। उन्होंने बताया कि वियतनाम को हमने पहली बार पार्टनर कंट्री के रूप में इस आयोजन से जोड़ा था। वियतनाम भी प्रदेश के अंदर बुद्धिस्ट सर्किट के अंदर टूरिज्म और टेक्सटाइल समेत अन्य सेक्टर में बड़े पैमाने पर यूपी के साथ जुड़ने को उत्सुक है।
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