विश्व भर में छाई योग की लहर : सीएम योगी ने राजभवन में किया योगाभ्यास, कहा - यह विरासत का सम्मान

सीएम योगी ने राजभवन में किया योगाभ्यास, कहा - यह विरासत का सम्मान
UPT | सीएम योगी

Jun 21, 2024 08:59

10वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को राजभवन प्रांगण, लखनऊ में आयोजित सामूहिक योगाभ्यास में सहभागिता की...

Jun 21, 2024 08:59

Short Highlights
  • योग एक संपूर्ण विद्या है जो हमें शारीरिक और मानसिक रूप से एकजुट करता हैः सीएम 
  • सीएम योगी की प्रदेशवासियों से अपील, स्वस्थ और दीर्घ जीवन के लिए योग को नियमित अभ्यास का हिस्सा बनाएं 
Lucknow News : 10वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को राजभवन प्रांगण, लखनऊ में आयोजित सामूहिक योगाभ्यास में सहभागिता की। इस कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी शामिल हुईं, जिन्होंने मुख्यमंत्री के साथ योगाभ्यास किया। यह आयोजन न केवल स्वास्थ्य और कल्याण का प्रतीक था, बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपराओं के प्रति श्रद्धा का भी प्रदर्शन था। कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगान से हुई। 
  योग मानवता के अनुकूल : योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में योग की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "योग मानवता के अनुकूल है। यह देश, समाज और काल परिस्थितियों की सीमाओं से परे, संपूर्ण मानवता के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता है।" उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि योग के साथ जुड़ना और पूरी मानवता को इससे जोड़ना हमारे पूर्वजों और विरासत के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है।
  विश्व भर में छाई योग की लहर
योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा, "अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस हम सभी के लिए भारत की इस समृद्ध परंपरा के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करने का एक माध्यम बन गया है।" उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन और प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि आज दुनिया के लगभग 175 देश अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के साथ जुड़कर भारत की इस विरासत का सम्मान कर रहे हैं।


योग को बताया एक संपूर्ण विद्या
मुख्यमंत्री ने योग को एक संपूर्ण विद्या बताया जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को एकजुट करती है। उन्होंने भारत की ऋषि परंपरा की दूरदर्शिता की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने धर्म और योग को एक नवीन तरीके से जोड़ा। योगी आदित्यनाथ ने धर्म के दो पहलुओं पर प्रकाश डाला - एक इस लोक में विकास, खुशी और सुगम जीवन के लिए, और दूसरा मोक्ष प्राप्ति के लिए।

सीएम ने बताया योग का महत्तव
उन्होंने भारतीय दर्शन का उल्लेख करते हुए कहा, "शरीर माध्यम खलु धर्म साधनम्" अर्थात सभी कार्य तभी पूर्ण हो सकते हैं जब शरीर स्वस्थ हो। उन्होंने जोर देकर कहा कि जब काया स्वस्थ होती है, तो मन स्वयं ही स्वस्थ हो जाता है। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि योग में हर आयु वर्ग के लिए अलग-अलग विधाएं हैं, चाहे वे बच्चे हों, युवा हों, अधेड़ हों या बुजुर्ग।

इस वर्ष की थीम पर बोले योगी
योग दिवस की इस वर्ष की थीम "योग सबके लिए" पर बोलते हुए सीएम योगी ने कहा, "इसका अर्थ है कि इसमें कोई भेदभाव नहीं है - न जाति का, न क्षेत्र का, न भाषा का, न काल का और न ही देश का।" उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे योग को अपनी नियमित दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। उन्होंने कहा, "एक समय आप स्वयं महसूस करेंगे कि जो समय आपने योग के लिए समर्पित किया है, वह आपके स्वस्थ और दीर्घ जीवन के लिए, आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभदायक रहा है।"
  नरेंद्र मोदी के योगाभ्यास का देखा सीधा प्रसारण 
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रीनगर में आयोजित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के योगाभ्यास कार्यक्रम का भी सीधा प्रसारण देखा और उनके संबोधन को सुना। यह देश भर में एकता और एकजुटता का प्रतीक था, जो योग के माध्यम से साकार हुआ। राजभवन प्रांगण में उपस्थित बड़ी संख्या में योग साधकों और प्रशिक्षकों ने पूरे उत्साह के साथ सामूहिक योगाभ्यास में भाग लिया। यह दृश्य योग के प्रति बढ़ते जनसमर्थन और जागरूकता का प्रमाण था।
  सीएम संग राज्यपाल रहे मौजूद
इस अवसर पर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, प्रमुख सचिव आयुष लीना जौहरी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। उनकी उपस्थिति ने कार्यक्रम की गरिमा को और बढ़ाया। समापन में, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर योग के महत्व पर बल दिया और लोगों से इसे अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि योग न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है, बल्कि यह समाज और विश्व शांति के लिए भी महत्वपूर्ण है। इस प्रकार, 10वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का यह आयोजन उत्तर प्रदेश में योग के प्रति बढ़ते समर्पण और जागरूकता का प्रतीक बना। यह कार्यक्रम न केवल स्वास्थ्य और कल्याण का संदेश देता है, बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपराओं के प्रति गौरव का भी प्रतीक है।

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