पूरे प्रदेश के लोग सहमे हुए हैं अस्पताल जाने से डरते हैं और मेरठ के अंदर भी नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है
Meerut News : मेरठ में अवैध अस्पतालों के खिलाफ आप का प्रदर्शन, सीएमओ का पुतला फूंका
Dec 09, 2024 23:00
Dec 09, 2024 23:00
- आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जलाया सीएमओ का पुतला
- कैपिटल अस्पताल को पूरी तरह से सील करने की मांग
- अवैध अस्पतालों के लाइसेंस तत्काल निरस्त किए जाए
घोर अनिमितताओं के कारण लोगों की जान जा रही
अंकुश चौधरी ने कहा आए दिन मेरठ जिले के निजी अस्पतालों में घोर अनिमितताओं के कारण लोगों की जान जा रही है। तमाम नियम कायदे कानून को ताक पर रखकर अस्पतालों का संचालन किया जा रहा है और स्वास्थ्य विभाग आंख मूंद कर बैठा है ।कैपिटल अस्पताल के पास न हीं फायर विभाग की NOC है ना ही विद्युत सुरक्षा व लिफ्ट संचालन की एनओसी , परिणाम स्वरूप कैपिटल हॉस्पिटल रूपी बने अवैध कत्ल खाने में लिफ्ट गिरने से प्रसूता करिश्मा की मृत्यु हो गई।
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मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़
मेरठ में लगातार मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ हो रहा है। यह खुलासा अग्निशमन विभाग द्वारा हाल में कैपिटल अस्पताल के निरीक्षण में हुआ। यहां अग्निसुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं थे, जिसके लिए 20 नवंबर को फायर डिपोटमेंट द्वरा नोटिस भी जारी हुआ।
क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट की घोर अवहेलना
मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कथन अनुसार शहर में 306 निजी अस्पताल संचालित हो रहे हैं लेकिन खुले आम क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट की घोर अवहेलना की जा रही है। एक्ट में साफ-साफ अंकित किया गया है कि अस्पताल संचालन के लिए सबसे पहले मेरठ विकास प्राधिकरण से निर्माण का कंपटीशन सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य है।
नियम कायदे कानून को धता बताते हुए अस्पताल संचालक
उसके उपरांत CFO फायर विभाग की NOC देंगे और विद्युत सुरक्षा विभाग अपनी जांच के उपरांत विद्युत सुरक्षा व लिफ्ट संचालन की एनओसी देगे तब जाकर सीएमओ अस्पताल संचालक को संचालन की परमिशन निर्गत करेंगे। इन तमाम नियम कायदे कानून को धता बताते हुए अस्पताल संचालकों को मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा धड़ल्ले से संचालन की अनुमति दे दी गई।
झॉसी मेडिकल कॉलेज में लगी आग का हवाला
झाँसी मेडिकल कॉलेज के स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट में आग लगी और वहाँ 12 नवजात शिशुओं की जलने से मृत्यु हो गई। पूरे प्रदेश के लोग सहमे हुए हैं अस्पताल जाने से डरते हैं और मेरठ के अंदर भी नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है अगर इस तरीके की घटना मेरठ में हो गई तो उसका जिम्मेदार कौन अधिकारी व विभाग होगा?
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आज ने जिला प्रशासन के सामने रखी तीन मांग
1. मेरठ जिले में बिना फायर विभाग की NOC के चल रहे सभी अस्पतालों का लाइसेंस तुरंत निरस्त किया जाए।
2. जिन अस्पतालों ने NOC ली है उन अस्पतालों के निर्माण की समयबद्ध जांच आपकी अध्यक्षता में उपाध्यक्ष मेरठ विकास प्राधिकरण द्वारा हो।
3. आपकी अध्यक्षता में CMO, CFO ,VC MDA व विद्युत सुरक्षा विभाग के अधिकारियों को शामिल कर जांच कमेटी का गठन हो जो तय समय सीमा में सभी अस्पतालों की गहनता से जांच कर अवैध अस्पतालों का संचालन बंद कराए ताकि ऐसे वीभत्स काण्ड की पुनरावृति न हो ।
आज के विरोध प्रदर्शन में जिला अध्यक्ष अंकुश चौधरी के साथ महानगर अध्यक्ष अंकित गिरी, जिला उपाध्यक्ष हबीब अंसारी, जिला उपाध्यक्ष मनोज शर्मा, जिला सचिव नीलम शर्मा, महिला प्रकोष्ठ जिला अध्यक्ष आरजू कंडारी, मीडिया प्रभारी हर्ष वशिष्ठ, किसान प्रकोष्ठ जिला अध्यक्ष फुरकान त्यागी, एससी एसटी प्रकोष्ठ जिला अध्यक्ष भूप सिंह आदि उपस्थित रहे।
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