बागपत की बालूशाही : 100 सालों से मिठाई की दुनिया में राज कर रही बालूशाही को मिलेगा जीआई टैग

100 सालों से मिठाई की दुनिया में राज कर रही बालूशाही को मिलेगा जीआई टैग
Uttar Pradseh Times | बागपत की बालूशाही

Jan 03, 2024 13:48

90 साल पहले बालूशाही की शुरुआत 20 पैसे प्रति किलो से हुई थी। उसके बाद से आज तक इस बालूशाही की कीमत 600 रुपए ​प्रति ​किलोग्राम तक पहुंच गई है। भगत जी की बालूशाही के स्वाद के मुरीद बागपत ही नहीं बल्कि दिल्ली एनसीआर और पूरे पश्चिम यूपी के जिलों में हैं...

Jan 03, 2024 13:48

Baghpat news : 100 सालों से दिल्ली एनसीआर में मिठाई की दुनिया में राज कर रही बागपत की बालूशाही को अब जल्द ही जीआई टैग मिलने वाला है। इसके लिए बागपत के डीएम ने पहल की है। बागपत के जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने जिले में एक अच्छी पहल की है। जिसके तहत जिले के अच्छे प्रोडक्ट को निर्यात के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसी के तहत बागपत की बालूशाही को पहचान दिलाने के लिए ही जीआई टैग के लिए प्रस्ताव भेजा है। इसके लिए डीएम बागपत ने सहायक खाद्य आयुक्त मानवेंद्र सिंह को बालूशाही को जीआई टैग में सम्मिलित किए जाने के निर्देश दिए हैं। इसी के साथ ही उन्होंने बागपत के शहद को भी जीआई टैग में शामिल करने के निर्देश दिए हैं।

100 साल से मिठाई की दुनिया में बालूशाही का राज
बागपत के अलावा दिल्ली एनसीआर और पूरे पश्चिमी यूपी में लगभग 100 सालों से भगत जी की बालूशाही प्रसिद्ध है। इस बालूशाही को स्वाद और बनावट में टक्कर देने वाली और कोई मिठाई नहीं है। बागपत के अग्रवाल मंडी टटीरी में भगत जी स्वीट्स की बालूशाही को स्वर्गीय लाला गंगा प्रसाद ने 90 साल पहले बनानी शुरू की थी। बताया जाता है कि बालूशाही बनाने की कला वो अमृतसर से सीख कर आए थे।  तब से भगत जी की बालूशाही का डंका मिठाई की दुनिया में बज रहा है।

20 पैसे किलो से 600 रुपए किलो तक सफर
90 साल पहले बालूशाही की शुरुआत 20 पैसे प्रति किलो से हुई थी। उसके बाद से आज तक इस बालूशाही की कीमत 600 रुपए ​प्रति ​किलोग्राम तक पहुंच गई है। भगत जी की बालूशाही के स्वाद के मुरीद बागपत ही नहीं बल्कि दिल्ली एनसीआर और पूरे पश्चिम यूपी के जिलों में हैं। बताते हैं कि भगत जी की चार पीढ़ियां बालूशाही मिठाई के काम में लगी हुई हैं। भगत जी बालूशाही बागपत दुकान संचालक प्रशांत प्रसाद का कहना है कि बालूशाही शुद्ध देशी घी से बनाई जाती है। बालूशाही बनाने वाले कारीगर पुराने हैं। कई कारीगरों की पीढ़िया इस काम में जुटी हुई हैं। बालूशाही में मिलाए जाने वाले मावा और अन्य खाद्य सामग्री के उपयोग में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखते हैं। होली, दिवाली और अन्य पर्वों पर बालूशाही की डिमांड अधिक बढ़ जाती है। बागपत में शादी के दौरान मिठाई की लिस्ट में बालूशाही सबसे ऊपर होती है।

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