आयुक्त सेल्वा कुमारी जे. को पोषण पुनर्वास केंद्र में हर तरफ खामिया ही खामिया मिली। जिस पर उन्होंने नाराजगी जताई और इन कमियों को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए।
Baghpat News : जिला अस्पताल के एनआरसी वार्ड में खामियां मिलने पर मंडलायुक्त ने जताई नाराजगी, पैसे का नहीं मिला हिसाब
Aug 30, 2024 23:18
Aug 30, 2024 23:18
- आयुक्त ने जिला अस्पताल में स्थित पोषण पुनर्वास केंद्र का किया निरीक्षण
- अतिकुपोषित बच्चों तक सरकार की योजना का पहुंचे सीधा लाभ
- पोषण पुनर्वास केंद्र में 11 बच्चों का हो रहा है उपचार
तीव्र कुपोषण (एसएएम) वाले बच्चों को भर्ती किया
पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) स्वास्थ्य सुविधा में एक इकाई है। जहां गंभीर तीव्र कुपोषण (एसएएम) वाले बच्चों को भर्ती किया जाता है। उनका प्रबंधन किया जाता है। बच्चों को निर्धारित प्रवेश मानदंडों के अनुसार भर्ती कर उन्हें चिकित्सा और पोषण संबंधी चिकित्सीय देखभाल प्रदान की जाती है। उन्होंने पूर्व में पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती रहे बच्चों का फीडबैक लिया।
सरकार की ओर से मिलने वाले पैसे का नहीं मिला हिसाब
एनआरसी भर्ती रहने पर सरकार द्वारा प्रतिदिन मिलने वाले पैसों के संबंध में जानकारी ली। जो ऑनलाइन माध्यम से माता-पिता के खाते में भेजे जाते हैं। पैसे का सही तरीके से रिकॉर्ड ना दिखाए जाने और माता-पिता के नंबर नहीं मिलने पर कड़ी आपत्ति जताई। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अन्य रिकॉर्ड भी ना दिखाए जाने पर आयुक्त ने नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा सरकार की जनकल्याणकारी योजना स्वास्थ्य संबंधित जो है उनका लाभ संबंधित पात्र को प्राप्त होना चाहिए।
रुपए खाते में गए या नहीं गए उसकी संतोषजनक जानकारी नहीं
रजिस्टर में माता-पिता के नंबर की जगह आंगनबाड़ी का नंबर मिलने पर उन्होंने इसमें सुधार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिन बच्चों की छुट्टी उपचार के बाद यहां से हो जाती है उनका फॉलोअप अवश्य लिया जाए। फॉलोअप में किसी भी तरह की कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए। आयुक्त ने सूप गांव निवासी निशा से वार्ता की। जिसमें माता-पिता का नंबर ना मिलने पर उसमें आंगनबाड़ी का नंबर दर्ज था। 990 रुपए खाते में गए या नहीं गए उसकी संतोषजनक जानकारी नहीं हो पाई। एनआरसी वार्ड में दिव्या ,नादरीन अरहम आदि बच्चे उपस्थित थे। जिन्हें आयुक्त ने फल वितरण भी किये।
रिकार्ड का सही तरीके से नहीं मिला कोई मिलान
उन्होंने एनआरसी रजिस्टर का डाटा मैच किया। दीपांशु पुत्र सोनिया का भी रिकॉर्ड सही नहीं पाया गया। उन्होंने कहा कि रिकॉर्ड सही तरीके से मैच किया जाए। इसकी रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाए। पुराने केस में कोई एंट्री संतोषजनक नहीं मिली और डिस्चार्ज के बाद कोई रिकॉर्ड भी नहीं पाया गया।
रेफर में संख्या कम पाई गई बच्चों से फॉलो करने के निर्देश
आंगनबाड़ी केंद्रों या अन्य स्थानों से रेफर में संख्या कम पाई गई बच्चों से फॉलो करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि माता-पिता को भी ध्यान देना चाहिए एनआरसी वार्ड के समय बच्चों को बच्चों के माता-पिता को परिपक्व किया जाए। जिससे कि बच्चों की देखभाल अच्छी हो सके और उनका स्वास्थ्य अच्छा रहे। इस अवसर पर जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ,अपर निदेशक स्वास्थ्य डॉक्टर राजेन्द्र सिंह,मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर तीरथ, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर एस के चौधरी सहित आदि उपस्थित रहे।
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