रोहतक की सुनारिया जेल में हत्या और दुष्कर्म के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा डेरा प्रमुख को छठवीं बार 50 दिन की पेरोल मिली।
बागपत में फरलो पर राम रहीम : बरनावा आश्रम पहुंचकर कहा- 'रामजी का पर्व दीपावली की तरह मनाएं'
Jan 20, 2024 14:52
Jan 20, 2024 14:52
- डेरा प्रमुख को इस बार मिली 50 दिन की फरलो यानी पेरोल
- राम रहीम शनिवार 6 वीं बार पेरोल पर बागपत के बरनावा आश्रम पहुंचा।
छठी बार मिली पेरोल
रोहतक की सुनारिया जेल में हत्या और दुष्कर्म के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा डेरा प्रमुख को छठवीं बार 50 दिन की पेरोल मिली। इससे पहले वह साल 2022 में 17 जून को 30 दिन की पेरोल पर, 15 अक्तूबर 2022 को 40 दिन, 21 जनवरी वर्ष 2023 में 40 दिन, 20 जुलाई 2023 को 30 दिन की पेरोल और 21 नवंबर 2023 को 21 दिन की पेरोल पर आकर परिवार के सदस्य और मुंह बोली बेटी हनीप्रीत के साथ डेरा सच्चा सौदा आश्रम में रहा था। राम रहीम को सुरक्षा में थाना प्रभारी बिनौली एमपी सिंह और हरियाणा पुलिस आश्रम बरनावा में लेकर पहुंची।
साध संगत के आश्रम में प्रवेश पर रोक
राम रहीम की साध संगत के लोगों के आश्रम के अंदर प्रवेश करने पर रोक लगाई है। थाना प्रभारी एमपी सिंह ने बताया कि पेरोल के नियमों का पूरा पालन होगा। आश्रम के बाहर पुलिस का पहरा लगाया गया है।
जानिए क्या होता है फरलो या पेरोल
दुष्कर्म और हत्या के मामले में रोहतक की सुनारिया जेल में उम्र कैद की सजा काट रहा डेरा प्रमुख को 50 दिन के लिए फरलो पर रिहा किया गया है। यह 50 दिन भी सजा में ही गिने जाएंगे। फरलो एक तरह से छुट्टी की तरह होती है, जिसमें कैदी को कुछ दिन के लिए रिहा किया जाता है। हरियाणा में इसको फरलो कहा जाता है। जबकि यूपी और अन्य जगहों पर इसे पेरोल बोला जाता है। फरलो आमतौर पर उसी कैदी को दी जाती है, जिसे लंबे समय के लिए सजा मिली होती है। इसका उद्देश्य होता है कि कैदी अपने परिवार और समाज के लोगों से मिलजुल सके। इसे बिना कारण के भी दिया जा सकता है। हर राज्य में फरलो या पेरोल को लेकर अलग-अलग नियम हैं।
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