बड़ी खबर : मुशर्रफ के रिश्तेदारों की ज़मीन भी शत्रु संपत्ति घोषित, खरीदने का मौका दे रही योगी सरकार

मुशर्रफ के रिश्तेदारों की ज़मीन भी शत्रु संपत्ति घोषित, खरीदने का मौका दे रही योगी सरकार
UPT | परवेज़ मुशर्रफ

Sep 24, 2024 12:16

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज़ मुशर्रफ की संपत्तियों को नीलाम करने के बाद बागपत जिला प्रशासन ने उनके परिवार के सदस्यों की 66 बीघा जमीन को भी शत्रु संपत्ति के रूप में घोषित कर दिया...

Sep 24, 2024 12:16

Bhagpat News : पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज़ मुशर्रफ की संपत्तियों को नीलाम करने के बाद बागपत जिला प्रशासन ने मुशर्रफ के रिश्तेदारों की 66 बीघा जमीन को भी शत्रु संपत्ति के रूप में घोषित कर दिया है। डीएम बागपत जेपी सिंह ने बताया कि गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार पाकिस्तान चले गए लोगों के नाम दर्ज संपत्ति को शत्रु संपत्ति घोषित कराया गया है। अब इसकी ऑनलाइन नीलामी की योजना बनाई जा रही है। यह नीलामी प्रक्रिया उन संपत्तियों पर केंद्रित होगी। जो पाकिस्तान में निवास कर रहे लोगों के नाम पर हैं।


बागपत के दो किसानों ने खरीदी
आपको बता दें कि जनरल मुशर्रफ का परिवार बंटवारे के समय बागपत के कोताना गांव में निवास करता था। जब उनका परिवार पाकिस्तान चला गया, तब उनकी कृषि भूमि और अन्य संपत्तियाँ बागपत में खाली रह गईं। इस संपत्ति पर स्थानीय लोगों ने कब्जा कर लिया था और खेती-बाड़ी करने लगे थे। हाल ही में प्रशासन ने मुशर्रफ के भाई की 13 बीघा जमीन को शत्रु संपत्ति घोषित कर उसे नीलाम किया था। जिसमें 1.40 करोड़ रुपये की कीमत लगी थी। यह संपत्ति बागपत के दो किसानों द्वारा खरीदी गई।

आगामी नीलामी से संभावित राजस्व
अब बागपत प्रशासन ने अन्य शत्रु संपत्तियों की पहचान करने का कार्य शुरू किया है। जिससे 66 बीघा भूमि सामने आई है। इस भूमि की नीलामी से उम्मीद की जा रही है कि प्रशासन को करोड़ों रुपये का राजस्व प्राप्त होगा। इस जमीन को भी प्रशासन ऑनलाइन नीलामी करने की तैयारी कर रहा है। उम्मीद जताई जा रही है की इस नीलामी से भी राजस्व को करोड़ों रुपए का फायदा होने वाला है।

क्या है शत्रु संपत्ति?
शत्रु संपत्ति वह संपत्ति होती है जो भारत-पाक विभाजन के बाद पाकिस्तान चले गए लोगों के नाम पर भारतीय भूमि पर रह गई थी। इन संपत्तियों को भारत सरकार के नियंत्रण में रखा जाता है और इन्हें शत्रु संपत्ति अधिनियम के तहत नीलाम किया जा सकता है। ऐसे मामलों में स्थानीय प्रशासन को गृह मंत्रालय से अनुमति लेकर इन संपत्तियों की नीलामी की जाती है। 

कोताना गांव में रहता था परवेज मुशर्रफ का परिवार
जनरल परवेज मुशर्रफ का परिवार भारत में बंटवारे से पहले बागपत के कोताना गांव में बसता था। उनके परिवार की इस भूमि पर प्रशासन की कार्रवाई ने एक बार फिर उस ऐतिहासिक घटना को उजागर कर दिया है। जब कई परिवार विभाजन के बाद अपने पुश्तैनी घरों और जमीनों को छोड़कर अन्यत्र चले गए थे। अब देखना होगा कि इस नीलामी में यह संपत्ति किसके नाम जाती है और प्रशासन को इससे कितनी आय प्राप्त होती है।

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