तनाव और खराब दिनचर्या व मोबाइल फोन का अधिक इस्तेमाल लोगों की याद्दाश्त कमजोर कर रहा है। तनाव और खराब दिनचर्या के कारण लोगों को कम नींद आ रही है।
Meerut News : उड़ रही नींद, कम हो रही याद्दाश्त, बढ़ रहा तनाव और चिड़चिड़ापन, जानें क्यों
Sep 30, 2024 00:08
Sep 30, 2024 00:08
- दैनिक दिनचर्या स्वास्थ्य के लिए साबित हो रही नुकसानदायक
- मोबाइल फोन का अधिक इस्तेमाल कर रहा याद्दाश्त कमजोर
- जिला अस्पताल की ओपीडी में बढ़ रही मानसिक रोगियों की संख्या
दिनचर्या में बदलाव और पूरी नींद की सलाह
जिला अस्पताल की ओपीडी में ऐसे रोगियों की संख्या बढ़ी है और वहां करीब 50 रोगी रोजाना पहुंच रहे है। चिकित्सक लोगों को दिनचर्या में बदलाव और पूरी नींद की सलाह दे रहे है। विशेषज्ञों का कहना है कि नींद पूरी न होने के कारण लोगों को थकान, चिंता और कम ऊर्जा महसूस होने लगती है और वह मानसिक बीमारी का शिकार होने लगते है। नींद कम आने से मस्तिष्क में नकारात्मक विचार आने लगते है और लोग डिप्रेशन का शिकार होने लगते है, जिससे उनकी याद्दाश्त प्रभावित होने लगती है।
नींद पूरी न होने के लक्षण
- याद्दाश्त में कमी
- पाचन क्रिया खराब रहना
- छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आना
- दिन भर चिड़चिड़ापन रहना
- थकान और निराशा महसूस करना
- हार्मोन का संतुलन बिगडऩा और वजन बढऩा
- रात में सोने और सुबह उठने का समय निर्धारित करें
- सुबह के समय तनामुक्त होने के लिए योग करें
- तनाव कम ले और रात में हल्का भोजन करें
- ध्रमपान और शराब का सेवन ना करें
- रात में मोबाइल और टीवी का कम से कम प्रयोग करें
- रात में चाय और कॉफी पीने का परहेज करें
मनोचिकित्सक डॉ. अजय कुमार का कहना है कि तनाव और अपर्याप्त नींद से नकारात्मक प्रतिक्रिया बढ़ती है और मानसिक स्वास्थ्य विकारों का जोखिम बढ़ जाता है। नींद कम आना चिंता और अवसाद का लक्षण है। अस्पताल की ओपीडी में आने वाले अधिकतर मरीज कम नींद आने के कारण डिप्रेशन का शिकार हो रहे है।
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