मल्टीनेशनल कंपनियों ने तेजी से भारत का रूख किया है। इसी के साथ विदेशी भाषाओं में अनुवादकों की मांग ने युवाओं के लिए कॅरियर के नये रास्ते खोले दिए हैं।
Meerut News : 'फारेन लैंग्वेज' पूरा करेगा बेहतर करियर का सपना, इन क्षेत्रों में नौकरियों की भरमार
Sep 22, 2024 09:32
Sep 22, 2024 09:32
- मल्टीनेशनल कंपनियों ने भारत का रूख किया
- विदेशी भाषाओं में अनुवादकों की मांग
- युवाओं के लिए कॅरियर के नये रास्ते खोले
विदेशी भाषा सिखाने के ट्रेंड
एमबीए और बीबीए की पढाई कराने वाले संस्थानों में भी छात्रों को विदेशी भाषा सिखाने के ट्रेंड ने जोर पकड़ा है। इनमें फ्रेंच, स्पैनिशन, इटैलियन, जर्मन, रशियन, जैपनीज और कोरियन जैसी भाषाएं प्रमुख हैं। इन संस्थानों में भी शिक्षकों की अच्छी खासी मांग है।
मेक इन इंडिया से मिला बढ़ावा
विदेशी भाषाओं के जानकार विदेशी मीडिया में भारत से रिपोर्टिंग का काम संभाल रहे हैं। इधर मेक इन इंडिया ने इस प्रक्रिया को और बढ़ावा दिया है। देश में खुली विदेशी कंपनियों में उस देश की भाषा और भारतीय भाषाओं के जानकार ही संप्रेषण की इस खाई को पाटते हैं।
शैक्षणिक योग्यता
हालांकि कोई भी भाषा सीखने के लिए कोई विशेष शैक्षणिक योग्यता की अनिवार्यता नहीं है। विदेशी भाषाओं के लिए उच्च स्तर की शिक्षा के लिए कुछ विशेष संस्थान हैं। जहां 12वीं के बाद प्रवेश लेकर आप भाषा विशेष में विशेषज्ञता हासिल कर सकते हैं।
विदेशी भाषा के जानकार लैंग्मा स्कूल आफ लैंग्वेजिज के डायरेक्टर संजीव रावत का कहना है कि विदेशी भाषाओं में कोर्स करने के बाद हेल्थकेयर, शिक्षा, टूरिज्म, बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन, दूतावासों तथा देश के विभिन्न संस्थानों में रोजगार के अवसर उपलब्ध होते हैं। langmainternational.com पर्यटन, होटल, इंटरनेशनल मीडिया हाउस में न्यूज ट्रांसलेटर या बतौर रिपोर्टर भी कार्य कर सकते हैं।
कैसी-कैसी जॉब्स
फ्रेंच, जर्मन और रशियन भाषाओं में मास्टर्स करने वाले व्यक्ति संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में शामिल होकर आईएएस या आईएफएस में जा सकते हैं। इसके अलावा विदेशी भाषाओं में टीचिंग कर भविष्य संवार सकते हैं। पर्यटन क्षेत्र में विदेशी भाषा के जानकार यहां भी गाइड बन कर मोटा पैसा कमा सकते हैं। इंटरपरेटर के तौर पर कार्य कर अच्छा वेतन हासिल कर सकते हैं। रेगुलर या पार्ट टाइम ट्रांसलेटर के तौर पर काम कर सकते हैं। बीपीओ इंडस्ट्री में फॉरेन लेंग्वेज स्किल्ड प्रोफेशनल्स की मांग बढ़ी है।
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