आज 23 दिसंबर को देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती मनाई जा रही है। किसान नेता और पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह का मेरठ से पुराना नाता रहा। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह पेड़े और जलेबी शौकीन थे।
Meerut News : पेड़ा-जलेबी के शौकीन थे चौधरी चरण सिंह, HMT घड़ी और घोती-कुर्ता थी पहचान
Dec 23, 2024 09:51
Dec 23, 2024 09:51
- गांव से 15 किलोमीटर पैदल चलकर जाते थे मेरठ पढ़ने
- चरण सिंह ने मेरठ कॉलेज से स्नातक और बाकी पढ़ाई पूरी की
- पीएम बनने के बाद भी मेरठ के भूपगढ़ी आना जाना बना रहा
जानी के भूपगढ़ी गांव में रहकर पढ़े चौधरी
भूपगढ़ी गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि चौधरी चरण सिंह ने अपने ताऊ के घर में रहकर पढ़ाई की। चौधरी चरण सिंह गांव में ताऊ के यहां रहते थे और यहीं रहकर पढ़ाई करते थे। इसके बाद जो समय मिलता ताऊ के साथ खेत में काम कर हाथ बंटाते थे। गांव में चौधरी चरण सिंह अपने ताऊ के बेटे और भाई गजपत सिंह के पास रहते थे। चौधरी चरण सिंह ने स्नातक की पढ़ाई मेरठ कालेज से पूरी की। चौधरी चरण सिंह प्रतिदिन गांव भूपगढ़ी से 15 किमी पैदल चलकर मेरठ पढ़ने के लिए आते थे।
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भूपगढ़ी के पेड़े और मेरठी जलेबी के शौकीन
चौधरी चरण सिंह मिठाई के बड़े शौकीन थे। आज भी गांव भूपगढ़ी के पुराने लोग बताते हैं कि उनको मुन्नूलाल हलवाई के पेड़े बहुत पसंद थे। चौधरी चरण सिंह रोज मुन्नू हलवाई के पेड़े खाते थे। उन्हें मुन्नूलाल हलवाई के पेड़ों का स्वाद ऐसा भाया कि जब वह यूपी के सीएम बने तब भी मुन्नूलाल हलवाई के पेड़े भूपगढ़ी में आकर खाते थे। जानी से जब मेरठ पढ़ने जाते थे तो बागपत गेट पर सोहन की जलेबी को छककर खाते उसके बाद आगे बढ़ते थे।
पीएम बनने के बाद दोस्त पदम सिंह से मंगवाया पेड़ा
चौधरी चरण सिंह जब 1980 में देश के प्रधानमंत्री बने तो जानी में एक जनसभा को संबोधित करने पहुंचे थे। भूपगढ़ी के 85 वर्षीय चौधरी दलवीर सिंह बताते हैं कि उस दौरान चौधरी चरण सिंह ने अपने बचपन के दोस्त पदम सिंह से मुन्नू की दुकान से पेड़े मंगाकर खाया था। उसके बाद तो क्षेत्र का कोई ग्रामीण चौधरी साहब से मिलने जाता तो मुन्नूलाल के पेड़े उनके लिए लेकर जाता था।
कलाई पर एचएमटी घड़ी और घोती-कुर्ता पहचान
जानी निवासी 80 साल के बुजुर्ग रामफल बताते हैं कि चौधरी चरण सिंह सादगी की मिसाल रहे। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री बनने के बाद जबतब चौधरी चरण सिंह जानी आते वो हमेशा धोती—कुर्ता में दिखते थे। चौधरी चरण सिंह की कलाई में एचएमटी घड़ी बंधी रहती थी। रामफल बताते हैं कि प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की सादगी की पहचान थे।
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