यमुना विकास प्राधिकरण के "जमीन खरीद घोटाले" के मामले में शासन ने तत्कालीन दो तहसीलदारों के खिलाफ अभियोजन की अनुमति दे दी है। इस मामले में पहले ही कई आरोपित जेल जा चुके हैं ...
Greater Noida News : यमुना प्राधिकरण के जमीन घोटाले में पूर्व सीईओ समेत 29 पर FIR
Jul 02, 2024 01:37
Jul 02, 2024 01:37
- इस मामले में पहले ही कई आरोपित जा चुके जेल
- बीटा दो थाने में हुआ था मुकदमा दर्ज
करीब 24 करोड़ का घोटाला
घोटाला वर्ष 2011-12 में शुरू हुआ, जब यमुना विकास प्राधिकरण ने हाथरस में लगभग 42 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया था। इसके बदले किसानों को सात प्रतिशत विकसित भूखंड देने का प्रावधान था, जिसके लिए प्राधिकरण को पांच हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता थी। लेकिन वर्ष 2014 में अधिकारियों ने कुछ लोगों से मिलीभगत कर मिधावली गांव में आवश्यकता से अधिक 14.4896 हेक्टेयर जमीन खरीद ली। यह जमीन पहले फेज के मास्टर प्लान से बाहर थी और इसे खरीदने में 16.15 करोड़ रुपये खर्च हुए थे, जिसमें ब्याज के 7.77 करोड़ रुपये जोड़कर कुल नुकसान 23.92 करोड़ रुपये हुआ था।
घोटाले का खुलासा
शिकायत पर हुई जांच में खुलासा हुआ कि यह सब जानबूझकर और गिरोह बनाकर किया गया था। जमीन खरीद के इस गिरोह में शामिल दिल्ली, बुलंदशहर, गौतमबुद्ध नगर, आगरा, जहांगीरपुर, मथुरा और गाजियाबाद आदि जगहों से जुड़े लोगों ने पहले किसानों से सस्ती दर पर जमीन खरीदी। इसके बाद बाद यमुना विकास प्राधिकरण ने उसे ऊंची दर पर खरीद लिया। हालांकि, इन जमीनों पर अब तक प्राधिकरण का कब्जा नहीं है और न ही इस पर कोई प्लान बन सका है।
बीटा दो थाने में हुआ था मुकदमा दर्ज
अब लगभग 5 वर्ष बाद राजस्व परिषद ने नामजद तत्कालीन तहसीलदार रणवीर सिंह और सुरेश के खिलाफ अभियोजन की अनुमति दी है। मार्च 2019 में ग्रेटर नोएडा के बीटा दो में दर्ज मुकदमे की जांच नोएडा जोन के एसीपी प्रथम द्वारा की जा रही है। इस मामले में अन्य आरोपितों के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति शासन के विभिन्न विभागों से न मिलने के कारण जांच अभी तक शुरू नहीं हो पाई थी।
पुलिस का बयान
उस समय बीटा दो कोतवाली में निरीक्षक गजेंद्र सिंह की शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया गया था। इस मामले में पुलिस अधिकारी ने बताया कि शासन से दो तत्कालीन तहसीलदारों के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति मिल गई है। उनके खिलाफ जांच कर कार्रवाई आगे बढ़ाई जा रही है। जल्द ही आरोप पत्र भी दाखिल किए जाएंगे।
इन पर हुए मुकदमे दर्ज
इस मामले में पूर्व सीईओ पीसी गुप्ता, पूर्व एसीईओ सतीश कुमार, पूर्व विशेष कार्याधिकारी वीपी सिंह, पूर्व, प्रबंधक नियोजक बृजेश कुमार, पूर्व प्रबंधक परियोजना अतुल कुमार, पूर्व तहसीलदार अजीत परेश, राजेश शुक्ला, रणवीर सिंह, सुरेश चंद, पूर्व लेखपाल पंकज कुमार, पूर्व नायब तहसीलदार, चमन सिंह, मनोज कुमार, गौरव कुमार, अनिल कुमार, निर्दोष चौधरी, सतेंद्र, स्वदेश गुप्ता, एएनजी इंफ्रास्ट्रक्चर एंड कंसलटेंट, विवेक कुमार जैन, नीरव तोमर, धीरेंद्र, सिंह चौहान, अंजलि शर्मा, कुमारी बबीता, महामेधा अर्बन को-आपरेटिव बैंक नोएडा, नोएडा,कमर्शियल बैंक लिमिटेड, पूर्व तत्कालीन वित्त विभाग के लेखाकार , सहायक लेखाकार, पूर्व वित्त प्रबंधक एवं महाप्रबंधक वित्त के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए।
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