मेरठ महायोजना-2031 : गांवों में बनेंगे कलस्टर, बढ़ेगा रोजगार, देहात में दौड़ेगा विकास का पहिया

गांवों में बनेंगे कलस्टर, बढ़ेगा रोजगार, देहात में दौड़ेगा विकास का पहिया
UPT | मेरठ महायोजना-2031

Jan 28, 2024 16:21

मेरठ की महायोजना-2021 में कुल 32 प्रस्ताव लिए गए थे, जो कि यूपी समिट में शामिल हुए थे। वहीं, महायोजना-2031 में कुल 82 प्रस्ताव निवेश के लिए हुए। 2021 की अपेक्षा 2031 महायोजना में करीब 50 प्रस्ताव अधिक लिए गए।

Jan 28, 2024 16:21

Short Highlights
  • महायोजना लागू होने के बाद रोजगार के साधन भी बढ़ेंगे
  • इंवेस्टर्स समिट से जुड़े 500 करोड़ के आठ प्रस्ताव अंतिम चरण में 
Meerut News (केपी त्रिपाठी) : मेरठ विकास प्राधिकरण यानी मेडा की महायोजना-2031 को मुख्यमंत्री की मंजूरी मिलने के बाद जिले में विकास गति पकड़ रहा है। योजनाएं अब फाइलों से निकलकर हकीकत में बदलने की तैयारी में हैं। गांवों में कलस्टर बनने के साथ ही रोजगार के साधन भी बढ़ेंगे। वहीं, 1500 करोड़ रुपये के करीब 82 प्रस्तावों को जमीन पर उतारने की मंजूरी मिल गई है।

महायोजना-2021 में 32 प्रस्ताव
मेरठ की महायोजना-2021 में कुल 32 प्रस्ताव लिए गए थे, जो कि यूपी समिट में शामिल हुए थे। वहीं, महायोजना-2031 में कुल 82 प्रस्ताव निवेश के लिए हुए। 2021 की अपेक्षा 2031 महायोजना में करीब 50 प्रस्ताव अधिक लिए गए। महायोजना-2021 में जहां इंडस्ट्रीयल क्षेत्रफल 1641.47 हेक्टेयर था, तो वहीं अब महायोजना-2031 में बढ़ाकर 2820.86 हेक्टेयर कर लिया गया है। इन्वेस्टर्स समिट में आए तीन प्रस्तावों की कीमत ही 450 करोड़ रुपये मानी जा रही है। मेडा के बोर्ड के पास महायोजना के अंतर्गत इंवेस्टर्स समिट से जुड़े 500 करोड़ रुपये के आठ प्रस्ताव आए हैं, इन पर मामला अपने अंतिम चरण में चल रहा है।

गांवों में क्लस्टर बनाने की तैयारी, युवाओं को मिलेगा रोजगार
महायोजना-2031 के तहत मेरठ शहर के साथ ग्रामीण क्षेत्र में भी विकास कार्य की योजना है। इसके लिए सैनी और फिटकरी गांव में इंडस्ट्रीयल क्लस्टर बनाए जाने का प्रोजेक्ट तैयार किया गया हैं। इसे महायोजना-2031 में शामिल किया है। इससे जहां गांव-देहात के युवाओं का टेलेंट दिखाई देगा, वहीं दूसरी ओर इन इलाकों में आर्थिक प्रगति भी होगी। परतापुर और मोदीपुरम में स्पेशल डवलपमेंट एरिया एसडीए प्रस्तावित है। परतापुर-भूड़बराल में 288.79 हेक्टेयर और मोदीपुरम में 457.06 हेक्टेयर में स्पेशल डवलपमेंट एरिया यानी एसडीए बनाना प्रस्तावित है। मेडा के वीसी अभिषेक पांडेय का कहना है कि टीओडी पॉलिसी से व्यावसायिक गतिविधियों को मेरठ में बढ़ावा मिलेगा। निवेश बढ़ने के साथ ही आसपास के क्षेत्रों के लोग मेरठ में रहने के लिए अपना आशियाना बनाएंगे।

जानिए क्या है टीओडी पॉलिसी
आरआरटीएस कॉरीडोर के डेढ़ किमी. की परिधि और आरआरटीएस स्टेशन के 500 मीटर दोनों ओर का क्षेत्र टीओडी के दायरे में आएगा। इसमें परतापुर और मोदीपुरम यानी मेरठ के दोनों छोर पर स्पेशल डवलपमेंट एरिया होगा। जबकि, स्टेशन पर इंफ्लुएंस जोन होंगे। इन क्षेत्रों में व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। मिश्रित भू-उपयोग के अंतर्गत काम किए जाएंगे। मेरठ में महायोजना-2031 के तहत सात टीओडी जोन बनाए जाएंगे। सभी टीओडी जोन के लिए भूमि का आवंटन अगल-अलग किया जाएगा। 

कॉमर्शियल लैंड यूज को बढ़ाया
महायोजना-2031 के तहत कॉमर्शियल लैंड यूज को बढ़ाया गया है। इसके तहत कॉमर्शियल लैंड यूपज 727.76 हेक्टेयर, ऑफिस के लिए 411.4 हेक्टेयर एरिया, होलसेल मार्केट के लिए 23.39 हेक्टेयर एरिया और सरकारी व अर्द्धसरकारी कार्यालय के लिए 34.7 हेक्टेयर क्षेत्र रखा जाएगा। मेरठ विकास प्राधिकरण के नगर नियोजक ने बताया कि रैपिड से शहर की तस्वीर पूरी तरह से बदल जाएगी। वहीं, महायोजना 2031 के धरातल पर उतरने से शहर के विकास को बल मिलेगा। नौकरी के अवसर भी पैदा होंगे।

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