गुरुवार 2 जनवरी को मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की। बेंच ने माना कि चुनाव आयोग और गौतम बुद्ध नगर के जिलाधिकारी इस मामले में अनिवार्य पक्षकार हैं...
सांसद महेश शर्मा के निर्वाचन को चुनौती : सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से मांगा जवाब, मार्च में होगी अगली सुनवाई
Jan 02, 2025 15:04
Jan 02, 2025 15:04
हाई कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक मामला
इससे पहले गीता रानी शर्मा ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। हाई कोर्ट ने उनकी याचिका पर कार्रवाई करते हुए प्रतिवादियों की सूची से चुनाव आयोग और गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी का नाम हटा दिया था और केवल महेश शर्मा को नोटिस जारी किया था। हाई कोर्ट के इस निर्णय को चुनौती देते हुए गीता रानी शर्मा सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं।
सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
गुरुवार 2 जनवरी को मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की। बेंच ने माना कि चुनाव आयोग और गौतम बुद्ध नगर के जिलाधिकारी इस मामले में अनिवार्य पक्षकार हैं, क्योंकि उनके जवाब से ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि गीता रानी शर्मा का नामांकन पत्र क्यों खारिज किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट ने इन दोनों को नोटिस जारी न करके गलती की है।
मार्च में होगी अगली सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने गीता रानी शर्मा की याचिका स्वीकार करते हुए चुनाव आयोग, नोएडा के जिलाधिकारी, डॉक्टर महेश शर्मा और दो अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने सभी से जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। इस मामले की अगली सुनवाई मार्च के अंतिम सप्ताह में होगी।
तीन बार सांसद रह चुकें महेश शर्मा
डॉक्टर महेश शर्मा गौतमबुद्ध नगर से तीन बार सांसद चुने जा चुके हैं। जो पूर्व केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने लगभग 5.50 लाख मतों के विशाल अंतर से जीत हासिल की थी। उनके खिलाफ दायर याचिका ने उनके निर्वाचन पर सवाल खड़ा कर दिया है। जिससे राजनीतिक और कानूनी हलकों में चर्चाएं तेज हो गई हैं।
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