इसके तहत, ग्रेटर नोएडा स्थित गवर्नमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (जीआईएमएस) में एक नए मेडिकल कॉलेज की बिल्डिंग और अन्य विकास कार्यों की परियोजना को गति दी गई है...
यूपी में मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा : 152 करोड़ रुपये से होगा नए मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल ब्लॉक का निर्माण
Sep 08, 2024 17:41
Sep 08, 2024 17:41
- योगी सरकार की प्रदेश में मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा देने की पहल
- जीआईएमएस में नए मेडिकल कॉलेज की परियोजना
- विकास योजनाओं के तहत पांच प्रमुख कार्य किए जाने हैं
मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा देने की पहल
बता दें कि इस परियोजना की निगरानी और कार्यान्वयन की जिम्मेदारी नियोजन विभाग को सौंप दी गई है। इन विकासात्मक कार्यों के पूरा होने के बाद, ग्रेटर नोएडा और आसपास के क्षेत्रों में उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध होंगी, जो प्रदेश में मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा देने में सहायक साबित होंगी। सीएम योगी के विजन के तहत, इस परियोजना का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारना और प्रदेश के मेडिकल टूरिज्म को एक नई दिशा देना है।
विकास योजनाओं के तहत किए जाएंगे पांच कार्य
दरअसल, जीआईएसएल में प्रस्तावित निर्माण और विकास योजनाओं के तहत पांच प्रमुख कार्य किए जाने हैं। इनमें सबसे पहला कार्य हॉस्पिटल ब्लॉक विंग 4 का निर्माण है, जो 8992 स्क्वेयर मीटर क्षेत्र में फैलेगा और जी प्लस सिक्स स्टोरी पर आधारित होगा। इसके अलावा, मेडिकल कॉलेज के विंग 5 का निर्माण, पुरुष हॉस्टल के दो विंग की स्थापना, डायरेक्टर रेजीडेंस का निर्माण और साइट डेवलपमेंट के साथ-साथ बाहरी इलेक्ट्रिकल कार्य भी इस योजना में शामिल हैं।
अलग-अलग कामों के मद्देनजर होगा फ्लोर का विभाजन
हॉस्पिटल ब्लॉक विंग 4 में ग्राउंड फ्लोर पर 1090 स्क्वेयर मीटर का वेटिंग एरिया, फर्स्ट फ्लोर पर 1317 स्क्वेयर मीटर में एडमिन ऑफिस, सेकेंड फ्लोर पर 1317 स्क्वेयर मीटर में ईएनटी डिपार्टमेंट, थर्ड फ्लोर पर इमरजेंसी और एनेस्थीसिया, चौथे फ्लोर पर टीबी और चेस्ट डिपार्टमेंट, पांचवे फ्लोर पर पेडियाट्रिक्स डिपार्टमेंट और छठे फ्लोर पर कम्यूनिटी मेडिसिन डिपार्टमेंट होगा।
बी प्लस जी प्लस सिक्स डिजाइन पर आधारित होगी बिल्डिंग
बता दें कि इस परियोजना के तहत, मेडिकल कॉलेज विंग 5 का विकास और निर्माण 24,317 स्क्वेयर मीटर क्षेत्र में किया जाएगा। यह नई बिल्डिंग बी प्लस जी प्लस सिक्स डिजाइन पर आधारित होगी। बेसमेंट को विशेष रूप से 9540 स्क्वायर मीटर में गाड़ी पार्किंग के लिए बनाया जाएगा। ग्राउंड फ्लोर पर एनाटॉमी डिपार्टमेंट और डाइसेंक्शन हॉल का निर्माण होगा, जबकि पहले फ्लोर पर रिसर्च लैब, दूसरे फ्लोर पर बायोकेमिस्ट्री डिपार्टमेंट और लैब्स, तीसरे फ्लोर पर पैथोलॉजी डिपार्टमेंट और लैब्स, चौथे फ्लोर पर फॉरेंसिक मेडिसिन, पांचवे फ्लोर पर डर्मेटॉलोजी और साइकियाट्री डिपार्टमेंट, और छठे फ्लोर पर कॉम्यूनिटी मेडिसिन डिपार्टमेंट स्थापित किए जाएंगे।
डायरेक्टर्स रेजिडेंस को 300 स्क्वायर मीटर क्षेत्र में तैयार किया जाएगा
इसके अलावा, मेल हॉस्टल के दो ब्लॉक्स को कुल 1,680 स्क्वायर मीटर क्षेत्र में विकसित किया जाएगा। इनमें से एक ब्लॉक को ट्रिपल शेयरिंग युक्त 537 कैपेसिटी के साथ और दूसरा ब्लॉक ट्विन शेयरिंग युक्त 356 कैपेसिटी के साथ बनाया जाएगा। डायरेक्टर्स रेजिडेंस को 300 स्क्वायर मीटर क्षेत्र में डुप्लेक्स संरचना के रूप में तैयार किया जाएगा, जबकि लाइब्रेरी का भी विकास किया जाएगा।
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प्रदेश के अन्य जिलों के मेडिकल कॉलेजों में भी होगा विकास
जबकि, मेडिकल विंग में 13 पैसेंजर्स की क्षमता वाले 8 आधुनिक लिफ्ट और 26 पैसेंजर्स की क्षमता वाले 2 लिफ्टें शामिल की जाएंगी। सभी नई इमारतें अग्निशामक सुरक्षा, सीसीटीवी, एयर कंडीशनिंग प्लांट्स, डीजी सेट्स और रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम जैसी सुविधाओं से लैस होंगी। यह परियोजना न केवल ग्रेटर नोएडा में चिकित्सा सुविधाओं को उन्नत करेगी, बल्कि लखनऊ, गोरखपुर, मेरठ, कानपुर समेत प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेज व यूनिवर्सिटीज में भी विकास करेगी। फिलहाल, इसे भविष्य की जरूरतों के हिसाब से अपडेट किया जा रहा है।
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