खुलासे के दौरान अहमदाबाद पुलिस अनिल मलिक को लेकर पारसौल में स्थित एक इंटर कॉलेज पहुंची थी। अनिल ने उस कॉलेज से आठवीं तक की पढ़ाई की थी। जब पुलिस ने रिकॉर्ड खंगाला तो उसकी पहचान अनिल मलिक के रूप में हुई...
Greater Noida News : LIC के 90 लाख रुपये के लिए रची खौफनाक साजिश, भिखारी को बनाया शिकार
Jul 21, 2024 01:52
Jul 21, 2024 01:52
3 जुलाई 2006 को भिखारी का मर्डर
पारसौल गांव के मूल निवासी अनिल मलिक ने 3 जुलाई 2006 में आगरा में एक विक्षिप्त भिखारी को खाना खिलाने का लालच देकर कार में बैठा लिया था। उसने खाने में नशे की गोलियां मिला दी। इससे भिखारी बेहोश हो गया। उसके बाद कार में आग लगा दी। कार में जले व्यक्ति की पहचान परिजनों ने साजिश के तहत अपने बेटे अनिल मलिक के रूप में की थी। बीते 11 नवंबर 2023 को अहमदाबाद पुलिस अपने साथ आरोपी अनिल मालिक को लेकर ग्रेटर नोएडा पहुंची थी। उसके बाद खुलासा हुआ था। इस मामले में पुलिस ने एक और आरोपी रामबीर निवासी परसौल को गिरफ्तार किया है। इससे पहले पुलिस मुख्य आरोपी अनिल और उसके पिता विजयपाल को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।
17 साल बाद हुआ खुलासा
अफसरों का दावा है कि अनिल के साथ उसका भाई और पिता भी शामिल रहे। भाई और पिता की मदद से ही बीमा पॉलिसी के दस्तावेज पूरे किए गए। उसके बाद 90 लाख रुपये हड़प लिए थे। अनिल मलिक गुजरात के अहमदाबाद में रह रहा था। घटना के 17 साल बाद पुलिस को जांच के दौरान उसकी हरकतों पर शक हुआ और छानबीन में पूरे मामले का खुलासा हुआ।
अनिल मलिक बना चौधरी राजकुमार
भिखारी को जलाकर मारने के बाद उसकी पहचान अनिल मलिक बता दी गई। इस पहचान पर एलआईसी का पैसा हड़प लिया गया। अनिल मालिक ने साजिश के तहत दुनिया की नजर खुद को मरा घोषित कर दिया। नाम बदलकर चौधरी राजकुमार रख लिया था।
प्रेम विवाह किया और 2 बच्चे हुए
आरोपी अनिल ने राजकुमार के नाम से ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, आधार कार्ड और बैंक में खाता भी खोल लिया था। उसने गुजरात में ऑटो रिक्शा चालक के रूप में आजीविका शुरू की। अनिल के पिता विजयपाल सिंह और भाई गाजियाबाद में रहते हैं। पुलिस जांच में सामने आया कि अनिल का अपने परिजनों भाइयों और दोस्तों से बराबर संपर्क था। पुलिस के अनुसार, इस षड्यंत्र में परिजनों का भी हाथ है। अनिल ने अहमदाबाद ने एक युवती के साथ वर्ष 2014 में प्रेम विवाह किया। इस समय उससे भी दो बच्चे हैं।
कॉलेज में सही नाम की पुष्टि हुई थी
खुलासे के दौरान अहमदाबाद पुलिस अनिल मलिक को लेकर पारसौल स्थित एक इंटर कॉलेज पहुंची थी। अनिल ने उस कॉलेज से आठवीं तक की पढ़ाई की थी। जब पुलिस ने रिकॉर्ड खंगाला तो उसकी पहचान अनिल मलिक के रूप में हुई, लेकिन वारदात के बाद आरोपी ने अपना नाम बदलकर चौधरी राजकुमार रख लिया था। अब पुलिस उन लोगों की गिरफ्तारी का प्रयास कर रही है, जिन्होंने इस षड्यंत्र में अनिल का साथ दिया। पुलिस ने इस मामले में अभी तक मुख्य आरोपी अनिल मालिक निवासी पारसौल और अनिल के पिता विजयपाल निवासी पारसौल को गिरफ्तार किया था। अब जांच और सबूत के आधार पर रामबीर निवासी परसौल को गिरफ्तार किया गया है। बताया जा रहा है कि अनिल और रामबीर दोनों दोस्त हैं।
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