भारत में रियल एस्टेट सेक्टर का संकट गहराता जा रहा है, जैसा कि हालिया रिपोर्ट में सामने आया है। देश के 42 शहरों में लगभग 2,000 आवासीय परियोजनाएं अटकी हुई हैं, जिनमें कुल 5.08 लाख यूनिट्स शामिल हैं।
देशभर में अटके पड़े हैं 5 लाख से ज्यादा फ्लैट्स : नोएडा में 41 हजार, ग्रेटर नोएडा में 74 हजार अपार्टमेंट फंसे, जानिए क्या है वजह
Aug 15, 2024 18:35
Aug 15, 2024 18:35
- अटके पड़े हैं 5 लाख से ज्यादा फ्लैट्स
- ग्रेटर नोएडा में 74 हजार अपार्टमेंट फंसे
- डेवलपर्स की गलतियों से बढ़ी संख्या
डेवलपर्स की गलतियों से बढ़ी संख्या
प्रोपइक्विटी के आंकड़ों के अनुसार, रुकी हुई यूनिट्स की संख्या 2018 में 4,65,555 यूनिट्स से बढ़कर वर्तमान में 5,08,202 यूनिट्स हो गई है। यह वृद्धि डेवलपर्स की ओर से की गई गलतियों और योजनाओं की कमी के कारण हो रही है। इन अटकी हुई परियोजनाओं का सीधा असर घर खरीदारों पर पड़ रहा है, जो लंबे समय से अपने सपनों के घर का इंतजार कर रहे हैं। दिल्ली-एनसीआर और अन्य प्रमुख शहरों में मकान खरीदारों के सपने अब भी अधूरे पड़े हुए हैं, जिससे उनके मनोबल पर भी असर पड़ रहा है।
ग्रेटर नोएडा और नोएडा के हालात बुरे
ग्रेटर नोएडा में 74,645 यूनिट्स और भिवाड़ी में 13,393 फ्लैट्स अटके पड़े हैं। इसी तरह गुरुग्राम में 158 प्रोजेक्ट्स हैं जिनमें 52,509 फ्लैट्स रुके हुए हैं, और नोएडा में 103 प्रोजेक्ट्स में 41,438 फ्लैट्स अटके हैं। गाजियाबाद, फरीदाबाद, और नई दिल्ली में भी कई परियोजनाएं रुकी हुई हैं। मुंबई मेट्रोपोलिटन रीजन और नवी मुंबई में भी बड़ी संख्या में प्रोजेक्ट्स अटके हुए हैं, जिससे इन क्षेत्रों में भी निर्माण कार्य प्रभावित हो रहा है।
विशेषज्ञों ने बताई इसकी वजह
प्रोपइक्विटी के संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी समीर जसूजा ने बताया कि रुकी हुई परियोजनाओं का मुख्य कारण डेवलपर्स की निष्पादन क्षमताओं की कमी, नकदी प्रवाह का कुप्रबंधन और नए भूखंड खरीदने या कर्ज चुकाने के लिए धन का अनुचित उपयोग है। उनका कहना है कि डेवलपर्स ने लोगों से जमा किए गए पैसे को अन्य उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया, जिसके कारण निर्माण कार्य पूरी तरह से ठप हो गया और घर खरीदारों के पैसे फंस गए।
घर खरीदारों को रहना होगा सतर्क
रिपोर्ट के अनुसार, इस संकट को दूर करने के लिए जरूरी है कि डेवलपर्स वित्तीय प्रबंधन में सुधार करें और परियोजनाओं की समयसीमा पर ध्यान दें। इसके अलावा, निवेशकों और घर खरीदारों को भी सतर्क रहना होगा और उन्हें अपनी निवेश योजनाओं को ध्यानपूर्वक योजनाबद्ध करना होगा। सरकार और संबंधित विभागों को भी इस समस्या के समाधान के लिए प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि रियल एस्टेट सेक्टर में विश्वास बहाल किया जा सके और अटकी हुई परियोजनाओं को पूरा किया जा सके।
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