जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से बड़ी खबर : एयर ट्रैफिक कंट्रोल टॉवर तैयार, एएआई को सौंपा गया

एयर ट्रैफिक कंट्रोल टॉवर तैयार, एएआई को सौंपा गया
UPT | जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट

Aug 16, 2024 16:33

ग्रेटर नोएडा से आज की सबसे बड़ी खबर ज़ेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से जुड़ी है। एयरपोर्ट के संचालन के लिए आवश्यक एयर ट्रैफ़िक कंट्रोल (ATC) टॉवर बनकर तैयार हो गया है।

Aug 16, 2024 16:33

Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा से आज की सबसे बड़ी खबर ज़ेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से जुड़ी है। एयरपोर्ट के संचालन के लिए आवश्यक एयर ट्रैफ़िक कंट्रोल (ATC) टॉवर बनकर तैयार हो गया है। शुक्रवार को यह जानकारी यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (Yamuna Authority) के सीईओ डॉक्टर अरुणवीर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि ATC टॉवर को एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) को सौंप दिया गया है। अब एएआई टॉवर में आवश्यक टेस्टिंग और अन्य औपचारिकताएं पूरी करेगी। इसके बाद, निर्माण कर रही कंपनी यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (YIAPL) को एएआई द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) सौंपा जाएगा। यह एयरपोर्ट, जो नोएडा से करीब 60 किलोमीटर दूर स्थित है, पूरे दिल्ली-एनसीआर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश को बेहतर हवाई कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। एयरपोर्ट का पहला चरण 2024 के अंत तक चालू होने की उम्मीद है।

मार्च में एएआई को सौंपा जाना था एटीसी टॉवर, पांच महीने देरी हुई
नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर वायु यातायात नियंत्रण टावर को मार्च 2024 तक भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) को सौंपा जाना था। हवाई अड्डे के पहले चरण का निर्माण पूरी गति से किया गया अब भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को सौंप दिया गया है। अगले महीने के अंत तक टर्मिनल और एक रनवे भी प्राधिकरण को सौंप दिए जाएंगे। इस एयरपोर्ट में 12 मिलियन यात्रियों को सालाना संभालने की क्षमता होगी। जेवर में यह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा नोएडा से लगभग 60 किलोमीटर दूर एक ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा है और इसका निर्माण यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (वाईआईएपीएल), ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी की 100% सहायक कंपनी, उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार के साथ साझेदारी में कर रही है। हवाई अड्डे से दिल्ली एनसीआर, नोएडा और पश्चिमी यूपी तक कनेक्टिविटी बढ़ने की उम्मीद है। टाटा प्रोजेक्ट्स इस परियोजना में ठेकेदार है। अरुणवीर सिंह ने आगे जानकारी दी, “यह बिल्डिंग एएआई को सौंप दी गई है। अब एएआई एटीसी में नेविगेशन सिस्टम स्थापित करेगा।" 5,700 करोड़ के निवेश वाला पहला चरण है, जिसमें एक रनवे और 12 मिलियन यात्रियों को सालाना संभालने की क्षमता वाला एक टर्मिनल शामिल है। हवाईअड्डा 2024 के अंत तक चालू हो जाएगा। चौथे चरण के पूरा होने के बाद हवाई अड्डे की क्षमता प्रति वर्ष 70 मिलियन यात्रियों को संभालने की होगी।



राजनाथ सिंह ने सबसे पहले हवाईअड्डा बनाने की योजना पर काम शुरू किया
परियोजना को पहली बार 2001 में तत्कालीन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह द्वारा जेवर में ताज इंटरनेशनल एविएशन हब के रूप में प्रस्तावित किया गया था। हालांकि, 2012 में तत्कालीन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने परियोजना को रद्द कर दिया था, क्योंकि उन्होंने फिरोजाबाद जिले के टुंडला के पास एक नया हवाई अड्डा बनाने की योजना बनाई थी। साल 2018 में योगी आदित्यनाथ की भाजपा सरकार द्वारा परियोजना को पुनर्जीवित किया गया, जिसमें भूमि अधिग्रहण के लिए 1,260 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया। जिससे सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल के तहत हवाई अड्डे का निर्माण किया जा सके।साल 2019 में चरण-1 के लिए भूमि अधिग्रहण शुरू हुआ, नियत समय 2020 में पूरा हुआ। फ्लुगहाफेन ज्यूरिख एजी (ज्यूरिख एयरपोर्ट एजी) को 40 वर्षों तक हवाई अड्डे के विकास और संचालन का ठेका दिया गया। हवाई अड्डे की कनेक्टिविटी पर ख़ास ज़ोर है। इसे यमुना एक्सप्रेसवे से जोड़ने वाली 760 मीटर (2,490 फीट) सड़क का निर्माण अंतिम चरण में है। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) द्वारा हवाई अड्डे के मास्टर प्लान को मंजूरी देने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 नवंबर को आधारशिला रखी थी। ज्यूरिख एयरपोर्ट एजी ने निर्माण कार्य शुरू किया और 2022 में टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को सिविल निर्माण का ठेका दिया गया। 2023 में अंतरराष्ट्रीय वायु परिवहन संघ द्वारा हवाई अड्डे को "DXN" हवाई अड्डा कोड प्रदान किया गया है।

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