दिल्ली एनसीआर के शहरों की कनेक्टिविटी को लेकर एक अच्छी खबर आ रही है। जेवर में बन रहा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट एनसीआर के बड़े शहरों मेरठ, गाजियाबाद, दिल्ली और ग्रेटर नोएडा...
ग्रेटर नोएडा से अच्छी खबर : जेवर एयरपोर्ट की रैपिड कनेक्टिविटी का प्लान तैयार, मिनटों में पूरा होगा सफर
Apr 05, 2024 17:12
Apr 05, 2024 17:12
- मेरठ, गाजियाबाद, दिल्ली ,नोएडा और ग्रेटर नोएडा से जेवर एयरपोर्ट चंद मिनटों में पहुंचेंगे यात्री
- एक ही ट्रैक पर दौड़ेगी मेट्रो और रैपिड रेल।
गाजियाबाद-जेवर रूट दो चरणों में होगा तैयार
जानकारी के मुताबिक गाजियाबाद से रैपिड रेल का कॉरिडोर जेवर एयरपोर्ट तक जाएगा। यह कॉरिडोर दो चरणों में विकसित किया जाएगा। पहले चरण में गाजियाबाद, गौर चौक, ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सेक्टर-16बी, ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सेक्टर-4, इकोटेक-12, ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सेक्टर-2, सेक्टर-3, सेक्टर-10, नॉलेज पार्क-5 और ग्रेटर नोएडा में सूरजपुर पुलिस लाइन तक स्टेशन बनेंगे। पहले चरण में 39.39 किलोमीटर लंबा रूट बनेगा। इस प्रोजेक्ट पर 13,055 करोड़ रुपये खर्च होंगे। खास बात यह होगी कि एक ही लाइन पर रैपिड रेल और मेट्रो दौड़ सकेंगी। दूसरे चरण में पुलिस लाइन, मलकपुर, नॉलेज पार्क-3, परी चौक, इकोटेक-6, दनकौर, यमुना क्षेत्र के सेक्टर-18, सेक्टर-20, सेक्टर-21 फिल्म सिटी और जेवर एयरपोर्ट स्टेशन होंगे। यह रूट 32.90 किलोमीटर लंबा होगा। इस हिस्से को पूरा करने के लिए 6,988.50 करोड़ रुपये लागत आएगी। इस तरह पूरे 72.29 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर को बनाने में 20,043.50 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। जिम्मेदार कंपनी ने इसकी पूरी डीपीआर बना दी है। अब बहुत जल्दी यह डीपीआर सरकार के सामने रखी जाएगी।
आईजीआई से जेवर एयरपोर्ट तक बनेगी दूसरी लाइन
दूसरा रूट दिल्ली में स्थित आईजीआई एयरपोर्ट से जेवर एयरपोर्ट तक होगा। यह रूट करीब 80 किलोमीटर लंबा होगा। यह रूट दिल्ली आईजीआई से सीधा नोएडा एयरपोर्ट तक आएगा। इस रूट पर तीन प्रकार की रेलगाड़ी दौड़ेंगी। एक रैपिड रेल होगी। जिसकी रफ्तार 114 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। इस प्रोजेक्ट पर करीब 10 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। दूसरी रैपिड रेल 80 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ेगी। तीसरी सेवा मेट्रो की होगी, जो 56 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी। इस रूट पर 22 मेट्रो और 7 रैपिड रेल स्टेशन होंगे। सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि 10 फ्यूचर स्टेशन इस रूट पर बनाए जाएंगे। जिनके लिए कॉरिडोर के किनारे खाली स्पेस छोड़ दिया जाएगा।
कम खर्च में मिलेगा दोहरा फायदा
खास बात यह होगी कि कम खर्च में दोहरा फायदा मिलेगा। रैपिड रेल और मेट्रो के लिए एक लाइन बिछाई जाएगी। एक लाइन पर मेट्रो और रैपिड रेल दोनों दौड़ेंगी। यानी मेट्रो और रैपिड रेल के लिए अलग अलग-लाइन नहीं बनेंगी। इससे कम खर्च पर दोहरा फायदा होगा। लोगों को रैपिड रेल और मेट्रो का इस्तेमाल करने के लिए अलग-अलग स्थान पर नहीं जाना होगा। एक जगह पर ही मेट्रो और रैपिड रेल दोनों मिल जाएगी। बस फर्क कितना होगा कि मेट्रो में करीब 22 स्टेशन होंगे और रैपिड रेल में करीबन 7 स्टेशन होंगे। मेट्रो सेक्टरों के अंदर से जाएगी और रैपिड रेल सीधे एयरपोर्ट पर पहुंचेगी।
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