महाकुंभ 2025 के भव्य आयोजन के लिए तैयारियां जोरों पर हैं, और इस महाआयोजन के दौरान प्रयागराज की शास्त्रीय सीमा में मांस और मदिरा की बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा।
Mahakumbh 2025 : प्रयागराज की शास्त्रीय सीमा में मांस-मदिरा बिक्री पर प्रतिबंध, सीएम योगी ने की घोषणा
Oct 06, 2024 16:46
Oct 06, 2024 16:46
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मांस-मदिरा की बिक्री पर प्रतिबंधित
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, "महाकुंभ का आयोजन अखाड़ों और संत परंपराओं के निर्देशन में होता है, और राज्य सरकार इस आयोजन में सहयोगी की भूमिका निभाती है। दुनिया भर से आने वाले श्रद्धालु और पर्यटक हमारे अतिथि हैं, और उनकी भावनाओं का सम्मान करना हमारा कर्तव्य है। इस आयोजन में सनातन धर्म की ध्वजा के सम्मान में प्रयागराज की शास्त्रीय सीमा में मांस-मदिरा की बिक्री पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगी।"
संतों का मार्गदर्शन और सहयोग अत्यंत महत्वपूर्ण
संगम के पवित्र तट पर आयोजित इस बैठक में मुख्यमंत्री ने संत समाज के सुझावों को ध्यानपूर्वक सुना और कहा कि महाकुंभ का आयोजन सनातन धर्म की आस्था और संस्कृति का वैश्विक मंच है। यह आयोजन दुनिया भर से आए श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए भारतीय संस्कृति का साक्षात्कार कराने का अद्वितीय अवसर होगा। उन्होंने कहा कि महाकुंभ 2025, कुंभ 2019 से भी अधिक भव्य और दिव्य होगा, और इसके लिए सभी संतों का मार्गदर्शन और सहयोग अत्यंत महत्वपूर्ण है।
गंगा-यमुना की निर्मलता पर विशेष ध्यान
मुख्यमंत्री ने महाकुंभ के दौरान गंगा और यमुना की स्वच्छता को सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, "महाकुंभ में आने वाले सभी श्रद्धालुओं को अविरल और निर्मल गंगा-यमुना के दर्शन मिलेंगे। सरकार की ओर से नदियों की स्वच्छता के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन इसके साथ ही संत समाज का सहयोग भी अपेक्षित है।" मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि महाकुंभ के दौरान ब्रह्मलीन होने वाले साधु-संतों की समाधि के लिए प्रयागराज में विशेष भूमि आरक्षित की जाएगी।
गो-हत्या पर सख्त प्रतिबंध और गोवंश संरक्षण
संत समाज की ओर से गो-हत्या पर प्रतिबंध की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में गो-हत्या अपराध है, और इसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाती है। राज्य में गो-हत्या के विरुद्ध उम्रकैद की सजा का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार 7,000 से अधिक गोवंश आश्रय स्थलों का संचालन कर रही है, जहां 14 लाख से अधिक गोवंश संरक्षित हैं। मुख्यमंत्री ने आश्रमों में भी गोवंश संरक्षण स्थलों के विकास का आह्वान किया और कहा कि हर आश्रम में गोसेवा होनी चाहिए।
सुरक्षा के कड़े प्रबंध और संत समाज की सुरक्षा पर जोर
महाकुंभ में सुरक्षा की प्राथमिकता को रेखांकित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी संतों और आचार्यों से अनुरोध किया कि अपने आश्रम में किसी भी नए आगंतुक को तब तक प्रवास की अनुमति न दें, जब तक कि उनका विधिवत सत्यापन न हो जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुंभ के दौरान सुरक्षा के प्रबंध चाक-चौबंद होंगे और संत समाज की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होगी।
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संत समाज के योगदान का आह्वान
बैठक के दौरान संत समाज ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नेतृत्व क्षमता की सराहना की और कहा कि उनके नेतृत्व में सनातन धर्म का गौरव बढ़ रहा है। संतों ने यह भी कहा कि महाकुंभ-2025, पूर्व के सभी अर्धकुंभ और महाकुंभ आयोजनों से अधिक भव्य और दिव्य होगा। संत समाज ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि यह आयोजन पूरे विश्व को शांति का संदेश देगा। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि संतों की कृपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में अयोध्या, वाराणसी और ब्रजधाम के नए स्वरूप का विश्वभर में आदर हो रहा है, और महाकुंभ 2025 भी इसी क्रम में एक ऐतिहासिक आयोजन होगा।
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