उत्तर प्रदेश के जेवर में निर्माणाधीन नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के समय पर पूरा होने की संभावनाओं पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं, पैसेंजर टर्मिनल की छतें बनाने के लिए जरूरी स्पेशल ग्रेड स्टील की पूरी दुनिया के बाजार में किल्लत चल रही ...
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से बड़ी खबर : स्पेशल ग्रेड स्टील की कमी से प्रोजेक्ट में 3 महीने की देरी होगी, समाधान तलाशने में जुटी सरकार
![स्पेशल ग्रेड स्टील की कमी से प्रोजेक्ट में 3 महीने की देरी होगी, समाधान तलाशने में जुटी सरकार](https://image.uttarpradeshtimes.com/upt-thumbnail-2024-06-23t165013600-9354.jpg)
Jun 23, 2024 16:55
Jun 23, 2024 16:55
स्टील की कमी: मुख्य चुनौती
पैसेंजर टर्मिनल बिल्डिंग की छतों के निर्माण के लिए आवश्यक स्पेशल ग्रेड स्टील की दुनिया भर के बाजारों में कमी है। यह स्टील विदेश से आयात की जानी थी, लेकिन आपूर्ति में देरी परियोजना के लिए बड़ी बाधा बन गई है।
समय-सीमा और जुर्माना
ज्यूरिख इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड और यमुना प्राधिकरण के बीच हुए समझौते के अनुसार, सितंबर 2024 तक एयरपोर्ट से उड़ानें शुरू होनी चाहिए थीं। यदि यह समय-सीमा पूरी नहीं होती, तो ज्यूरिख इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर प्रतिदिन 10 लाख रुपये का जुर्माना लगने का प्रावधान है।
प्रोजेक्ट की मौजूदा स्थिति
- एयरपोर्ट का लगभग 80% निर्माण कार्य पूरा।
- 3900 मीटर लंबा रनवे तैयार, लेकिन रोशनी व्यवस्था अभी अधूरी।
- एटीसी टावर, अग्निशमन सुविधाओं और विमान बचाव कार्य का 20% हिस्सा शेष।
- टर्मिनल बिल्डिंग का मूल ढांचा तैयार, शीशे लगाने का काम जारी।
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा 28 जून को एयरपोर्ट साइट पर एक उच्च-स्तरीय बैठक करेंगे। इसमें यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी, नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड, यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड और टाटा प्रोजेक्ट्स के अधिकारी शामिल होंगे। बैठक का मुख्य उद्देश्य स्टील संकट का समाधान खोजना होगा।
संभावित परिणाम और कार्रवाई
यदि तीन महीने की अतिरिक्त छूट अवधि के बाद भी परियोजना पूरी नहीं होती, तो विकासकर्ता कंपनी के खिलाफ कठोर कदम उठाए जा सकते हैं।
योगी आदित्यनाथ का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट है। यह परियोजना न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। वर्तमान चुनौतियों के बावजूद, सरकार और सभी संबंधित पक्ष इस महत्वपूर्ण परियोजना को समय पर पूरा करने के लिए प्रयासरत हैं। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि स्टील की कमी जैसी बाधाओं को कैसे दूर किया जाता है और नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट कब अपने लक्ष्य को प्राप्त करता है।
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