नोएडा में लग्जरी घरों की बढ़ी डिमांड : जमकर खरीदे गए 1.5 करोड़ से अधिक कीमत वाले घर, जानिए क्या है इसकी वजह

जमकर खरीदे गए 1.5 करोड़ से अधिक कीमत वाले घर, जानिए क्या है इसकी वजह
UPT | नोएडा में लग्जरी घरों की बढ़ी डिमांड

Jul 18, 2024 18:33

2024 की पहली तिमाही में भारतीय रियल एस्टेट बाजार में एक महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिला है। क्रेडाई एनसीआर की नवीनतम तिमाही रिपोर्ट के अनुसार, लक्जरी हाउसिंग सेगमेंट में साल-दर-साल 40% की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

Jul 18, 2024 18:33

Short Highlights
  • नोएडा में लग्जरी घरों की बढ़ी डिमांड
  • 2023 में बिकी 4000 लग्जरी यूनिट
  • किफायती सेगमेंट की मांग घटी
Noida News : 2024 की पहली तिमाही में भारतीय रियल एस्टेट बाजार में एक महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिला है। क्रेडाई एनसीआर की नवीनतम तिमाही रिपोर्ट के अनुसार, लक्जरी हाउसिंग सेगमेंट में साल-दर-साल 40% की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जबकि किफायती हाउसिंग में 20% की गिरावट दर्ज की गई है। यह प्रवृत्ति विशेष रूप से 1.5 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य वाले आवासों में देखी गई है।

2023 में बिकी 4000 लग्जरी यूनिट
दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में, गुड़गांव, नोएडा और ग्रेटर नोएडा लक्जरी हाउसिंग के प्रमुख केंद्र के रूप में उभरे हैं। इन शहरों में आधुनिक सुविधाओं और प्रीमियम जीवनशैली की उपलब्धता ने उच्च-आय वर्ग के खरीदारों को आकर्षित किया है। क्रेडाई एनसीआर के अध्यक्ष मनोज गौड़ के अनुसार, यह वृद्धि कई कारकों का परिणाम है, जिनमें बढ़ती आय, उच्च-स्तरीय घरों की बढ़ती मांग, और लक्जरी आवासों को निवेश के रूप में देखने का बढ़ता चलन शामिल है। आंकड़े बताते हैं कि 2023 में लगभग 4,000 लक्जरी यूनिट्स बिकीं, जो 2022 में केवल 1,600 थीं। 2024 में यह संख्या बढ़कर 8,200 तक पहुंच गई, जो कुल बिक्री का 11% है। यह वृद्धि मुख्य रूप से बेंगलुरु, मुंबई और दिल्ली एनसीआर जैसे प्रमुख शहरों में देखी गई है।

किफायती सेगमेंट की मांग घटी
इसके विपरीत, किफायती हाउसिंग सेगमेंट में गिरावट देखी गई है। 2024 की पहली तिमाही में, 50 लाख रुपये से कम मूल्य वाले घरों की मांग में कमी आई है। कुल आवासीय बिक्री में किफायती हाउसिंग का हिस्सा 2022 के 27% से घटकर 2024 में 15% रह गया है। यह गिरावट आर्थिक अनिश्चितताओं और बदलती खरीदार प्राथमिकताओं का परिणाम माना जा रहा है। दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में, 2024 की पहली तिमाही में कुल 10,060 आवासीय यूनिट्स बिकीं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 164% की वृद्धि दर्शाता है। हालांकि, इस क्षेत्र में भी किफायती हाउसिंग का हिस्सा केवल 15% रहा।

कई वजहों से बढ़ रही लग्जरी की मांग
विशेषज्ञों का मानना है कि लक्जरी हाउसिंग की यह बढ़त कई कारणों से प्रेरित है। देश की आर्थिक वृद्धि, सामान्य समृद्धि में वृद्धि, और बड़े, सुविधा संपन्न घरों की बढ़ती मांग प्रमुख कारक हैं। इसके अलावा, NRI निवेश ने भी इस वृद्धि को बढ़ावा दिया है, जिससे लक्जरी घर न केवल रहने के स्थान बल्कि आकर्षक निवेश विकल्प भी बन गए हैं। रियल एस्टेट उद्योग के विशेषज्ञ इस बदलाव को बाजार की प्राकृतिक गति के रूप में देख रहे हैं। वे मानते हैं कि यह प्रवृत्ति आने वाले समय में भी जारी रह सकती है, क्योंकि उच्च-आय वर्ग के खरीदार गुणवत्तापूर्ण जीवनशैली और बेहतर निवेश विकल्पों की तलाश में हैं। हालांकि, किफायती हाउसिंग सेगमेंट में गिरावट चिंता का विषय है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि सरकार और डेवलपर्स को इस क्षेत्र पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है, ताकि मध्यम और निम्न आय वर्ग के लोगों के लिए आवास सुलभ बना रहे।

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