यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (Yamuna Autority) ने महत्वाकांक्षी योजना 'नया आगरा' पेश की है। आगरा जिले के 27 गांवों में फैली 10,500 हेक्टेयर की यह परियोजना एक औद्योगिक टाउनशिप बनने जा रही है...
नया आगरा बसाएगी योगी सरकार : यमुना अथॉरिटी इन 27 गांवों की जमीन खरीदेगी, आधुनिक सुविधाओं वाली होगी यह इंडस्ट्रियल टाउनशिप
Jul 23, 2024 18:41
Jul 23, 2024 18:41
इन 27 गांवों की जमीन पर बसेगा नया आगरा
यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी ने बड़ा फ़ैसला लिया है। आगरा के पास नया आगरा शहर बसाया जाएगा। नए शहर की नींव डालने के लिए ब्लूप्रिंट बनाने का काम शुरू हो गया है। मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया कि नया शहर अत्याधुनिक और तमाम सुविधाओं से लैस होगा। आगरा जिले के 27 गांवों की जमीन का अधिग्रहण करके यह नया शहर बसाया जाएगा। यह पूरी तरह औद्योगिक टाउनशिप होगी।
1. नाहर्रा
2. रूपाहांडू
3. जराऊ
4. पेसाई
5. खंडिया
6. बामन
7. खड़कपुर
8. चौकड़ा
9. परिहार
10. आंवल खेड़ा
11. सेमरा
12. शेरखान
13. उस्मानपुर
14. ऊंचा
15. आगरपुर
16. चिढ़ौली
17. हसनपुर
18. मंडी जहांगीरपुर
19. अरेला
20. चावली
21. बहरामपुर
22. नंगला निशंक, गढ़ी बच्ची
23. धरेरा
24. अगवारखास, नगला तुलसी
25. नयाबांस
26. नगला नियानी, गढ़ी पीरू
27. नवलपुर
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10,500 हेक्टेयर जमीन पर बसेगा नया आगरा
सीईओ डॉ.अरुणवीर सिंह ने बताया पहले चरण में गौतमबुद्ध नगर और बुलंदशहर को विकसित किया गया, जहां पर इस समय काम चल रहा है। दूसरे चरण में मथुरा और अलीगढ़ को विकसित किया जाएगा। अब तीसरे चरण में आगरा को डेवलप किया जाएगा। यमुना विकास प्राधिकरण नया आगरा बसाने जा रहा है। यहां पर सब अनोखा और गजब का होगा। इसमें करीब 10,500 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण की जाएगी। फिलहाल इसका मास्टर प्लान तैयार करने के लिए नेशनल कंपनी स्काई ग्रुप (Sky Group) को जिम्मेदारी दी गई है। आने वाले 9 महीना के भीतर इसका ब्लूप्रिंट तैयार हो जाएगा और काम शुरू हो जाएगा।
प्रदूषण मुक्त फैक्ट्री और कंपनी लगेंगी
नए आगरा की सबसे खास चीज यह होगी कि यहां पर प्रदूषण मुक्त फैक्ट्री और कंपनी लगेगी। यहां पर कोई ऐसी कंपनी या फैक्ट्री नहीं होगी जो प्रदूषण पैदा करती हो। इसके अलावा हेरिटेज को बढ़ावा दिया जाएगा। इसको बेहद खास तरीके से डेवलप किया जाएगा। जो जमीन बंजर पड़ी हुई है, उसको जरूरी उपयोग में लाया जाएगा। मास्टर प्लान तैयार होने के बाद उत्तर प्रदेश कैबिनेट में इस प्रस्ताव को रखा जाएगा और फिर मंजूरी मिलने के बाद काम शुरू हो जाएगा।
शहरी नियोजन में हरित क्रांति : अरुणवीर सिंह
यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉक्टर अरुणवीर सिंह ने बताया, "टिकाऊ शहरीकरण की दिशा में एक साहसिक कदम है। प्रस्तावित 'नया आगरा' पर्यावरण अनुकूल शहर नियोजन का एक मॉडल बनने जा रहा है। प्रदूषण मुक्त कारखानों और कंपनियों पर यमुना प्राधिकरण का जोर औद्योगिक विकास प्रतिमानों में एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतीक है।" पर्यावरण विशेषज्ञ आशावादी हैं। उनका कहना है कि अगर इसे ठीक से क्रियान्वित किया जाता है, तो यह परियोजना शहरी विकास और पारिस्थितिक संरक्षण के बीच संतुलन बनाने के लिए नए मानक स्थापित कर सकती है। हालांकि, स्थानीय जैव विविधता और कृषि भूमि पर प्रभाव को लेकर चिंताएं बनी हुई हैं।
नया आगरा ग्रामीणों के लिए वरदान
'नया आगरा' की घोषणा ने भूमि अधिग्रहण के लिए निर्धारित 27 गांवों में मिश्रित प्रतिक्रियाएं पैदा की हैं। जहां समर्थकों का तर्क है कि परियोजना ग्रामीण क्षेत्रों में विकास और अवसर लाएगी, वहीं आलोचकों को किसान समुदायों के विस्थापन और पैतृक भूमि के नुकसान की चिंता है। सामाजिक कार्यकर्ता पारदर्शी मुआवजा प्रक्रियाओं और पुनर्वास योजनाओं की आशा रखते हैं। इस महत्वाकांक्षी परियोजना की सफलता इस बात पर निर्भर हो सकती है कि यह इन जटिल सामाजिक गतिशीलताओं को कितनी प्रभावी ढंग से संबोधित करती है।
योगी सरकार का राजनीतिक मास्टरस्ट्रोक
'नया आगरा' उत्तर प्रदेश सरकार के लिए मास्टरस्ट्रोक होगा। भविष्य के चुनावों से पहले अपनी विकासवादी साख को बढ़ावा देने के लिए इसे योगी आदित्यनाथ का एक रणनीतिक कदम माना जा सकता है। रोजगार सृजन, औद्योगिक विकास और पर्यावरण अनुकूल नीतियों पर ध्यान केंद्रित करके सरकार व्यापक मतदाता आधार को आकर्षित करने का प्रयास कर रही है। हालांकि, परियोजना की सफलता महत्वपूर्ण है। यह इलाका विपक्षी दल समाजवादी पार्टी का का गढ़ है। राजनीतिक विश्लेषक इस महत्वाकांक्षी योजना के खुलने और राज्य के राजनीतिक परिदृश्य पर इसके संभावित प्रभाव को बारीकी से देख रहे हैं।
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