तेजपत्ता की खेती शुरू करके किसान हर महीने अच्छी खासी कमाई कर रहे हैं। इस खेती की सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें कम श्रम और लागत की आवश्यकता होती है।
तेज पत्ता खेती : तेज पत्ता की खेती से कम लागत में बड़ा मुनाफा पाए
Dec 28, 2024 22:54
Dec 28, 2024 22:54
- तेजपत्ता की खेती में कम लागत और श्रम की जरूरत
- आसानी से शुरू कर सकते हैं तेजपत्ता की खेती
- तेजपत्ता खेती की ओर मेरठ में बढ़ रहा किसानों का रूझान
तेज पत्ते की खेती कैसे शुरू करें
मेरठ उद्यान अधिकारी अरुण कुमार ने बताया कि तेजपत्ता की खेती बहुत आसानी से शुरू कर सकते हैं। शुरुआत में थोड़ी मेहनत करनी पड़ेगी, जैसे-जैसे पौधा बड़ा होगा मेहनत भी कम होती जाएगी। जब यह छोटा सा पौधा कुछ महीनों के बाद पेड़ का रूप ले लेगा तो मेहनत करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसकी खेती से हर साल अच्छी आमदनी होती है। बता दें कि इसकी खेती करने वाले किसानों को National Medicinal Plants Board की ओर से 30 फीसदी सब्सिडी मिलती है।
तेज पत्ता
तेज पत्ता छोटे से मध्यम आकार का सदाबहार पेड़ है जो 7.5 मीटर तक ऊँचा होता है। इसके तने की छाल का रंग गहरा भूरा या गहरा भूरा, दालचीनी से थोड़ा खुरदरा, कम सुगंधित और स्वादहीन होता है, बाहरी भाग सफेद धारियों वाला हल्का गुलाबी या लालभूरा होता है। इसके पत्ते सरल, विपरीत या वैकल्पिक, 10-12.5 सेमी लंबे, विभिन्न चौड़ाई के, अण्डाकार, चमकदार, नुकीले, 3 नसों के साथ सुगंधित और स्वाद में तेज होते हैं। इसके नए पत्ते गुलाबी रंग के होते हैं। इसके फूल हल्के पीले रंग के होते हैं। इसके फल अंडाकार, मांसल, लाल रंग के, 13 मिमी लंबे होते हैं। इसके फूलने और फलने की अवधि अगस्त से फरवरी तक होती है।
पौधों को रोपने की विधि
उन्होंने बताया कि नए पौधे लेयरिंग या कटिंग द्वारा उगाए जाते हैं, क्योंकि बीज से उगना मुश्किल हो सकता है। खाड़ी के पेड़ों को बीज से उगाना मुश्किल होता है, आंशिक रूप से बीज की कम अंकुरण दर और लंबी अंकुरण अवधि के कारण। फली को हटाकर ताजे बीज में आमतौर पर 40 प्रतिशत की अंकुरण दर होती है, जबकि सूखे बीज और/या फली वाले बीज में अंकुरण दर बहुत कम होती है।
बीजों की अंकुरण अवधि 50 दिनों या उससे अधिक
इसके अलावा, बे लॉरेल बीजों की अंकुरण अवधि 50 दिनों या उससे अधिक होती है, जिससे अंकुरित होने से पहले बीज सड़ने का खतरा बढ़ जाता है। इसे देखते हुए इसके पौधे खेत में लगाना सबसे अच्छा है। इसके पौधे लगाते समय पौधे से पौधे की दूरी 4 से 6 मीटर रखनी चाहिए। सुनिश्चित करें कि खेत में पानी की उचित व्यवस्था हो। उन्हें भी पाले से बचाने की जरूरत है। कीटों से बचाव के लिए हर हफ्ते नीम के तेल का छिड़काव करना चाहिए।
यह भी पढ़ें : बदलता उत्तर प्रदेश : यूपी की पहली इंटीग्रेटेड टाउनशिप मेरठ में, हाईवे से होगी कनेक्टिविटी
तेज पत्ते की सिंचाई
तेजपत्ते में विशेष सिंचाई की जरूरत नहीं है। गर्मी के मौसम में सप्ताह में एक बार सिंचाई करनी चाहिए। वहीं यदि वर्षा ऋतु में मानसून देरी से आता है तो सिंचाई की जा सकती है अन्यथा इसके लिए वर्षा जल ही पर्याप्त है। सर्दियों में इसे पाले से बचाने की जरूरत होती है। इसके लिए आप आवश्यकता अनुसार हल्की सिंचाई कर सकते हैं।
तेज पत्ता कटाई
इसका पौधा लगभग 6 साल में कटाई के लिए तैयार हो जाता है। इसके पत्तों को काटकर छाया में सुखाना चाहिए। अगर इसकी खेती तेल निकालने के लिए कर रहे हैं, तो डिस्टिलेशन मशीन का इस्तेमाल कर सकते हैं।
कितना लाभ होगा
मुनाफे की बात करें तो एक तेज पत्ते के पौधे से सालाना 5 हजार रुपये तक कमा सकते हैं। वहीं अगर 20 पौधे लगाते हैं तो एक लाख रुपये तक कमा सकते हैं।
Also Read
28 Dec 2024 10:14 PM
आयुक्त सेल्वा कुमारी जे और डीआईजी मेरठ कलानिधि नैथानी ने सलावा में निर्माणाधीन मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय का निरीक्षण किया। इस दौरान मेरठ डीएम दीपक मीणा और एसएसपी डॉक्टर विपिन तांडा सहित संबंधित अधिकारी भी उपस्थित रहे। और पढ़ें