हैप्पी बर्थडे गाजियाबाद : औद्योगिक नगर से शिक्षा और सुरक्षा का गढ़, विकास के नए आयामों की ओर बढ़ा शहर

औद्योगिक नगर से शिक्षा और सुरक्षा का गढ़, विकास के नए आयामों की ओर बढ़ा शहर
UPT | Symbolic photo

Nov 14, 2024 16:05

जिला घोषित होते समय गाजियाबाद की आबाद मात्र 1.60 लाख हुआ करती थी। गाजियाबाद में कोई साधन नहीं, शिक्षा और चिकित्सा के लिए गाजियाबाद मेरठ और दिल्ली पर निर्भर हुआ करता था।

Nov 14, 2024 16:05

Short Highlights
  • प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिवस पर गाजियाबाद को जिला घोषित किया था।
  • गाजियाबाद के पास भारतीय वायुसेना का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण एयरबेस है।
  • गाजियाबाद को जिला बने आज 48 साल पूरे हो गए। 
Ghaziabad News : मेरठ की एक तहसील से गाजियाबाद को जिला बने आज 48 साल पूरे हो गए। 14 नवंबर, 1976 को तत्कालीन मुख्यमंत्री एनडी तिवारी ने देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिवस पर गाजियाबाद को जिला घोषित किया था। गाजियाबाद और हापुड़ तहसील को मिलाकर यह नया जिला बनाया गया था। उस समय हिंडन और गंगा के बीच का पूरा क्षेत्र गाजियाबाद जिले में आता था।गाजियाबाद शहर की बात करें तो उस समय यह केवल घंटाघर और गाजियाबाद तहसील तक सीमित था।

आबादी थी केवल 1.60 लाख
जिला घोषित होते समय गाजियाबाद की आबाद मात्र 1.60 लाख हुआ करती थी। कविनगर बस रहा था और राजनगर इलाके में हरे भरे खेत, और कुछ नहीं। गाजियाबाद में कोई साधन नहीं, शिक्षा और चिकित्सा के लिए गाजियाबाद मेरठ और दिल्ली पर निर्भर हुआ करता था। अब गाजियाबाद एक विकसित जिला है और कई मामलों में मेरठ से आगे भी, लेकिन प्रदूषण का बदनुमा दाग आज गाजियाबाद को पूरी दुनिया में एक तरह से बदनाम करने का भीर काम किया, इस मुद्दे पर गाजियाबाद को गंभीर होने की जरूरत है।

ये भी पढ़ें : सीतापुर में खनन माफिया ने महिला अफसर को धमकाया : रात को छापेमारी के दौरान की बदसलूकी, एससी-एसटी आयोग ने रिपोर्ट मांगी

कभी यहां खांडव वन हुआ करता था
महाभारत काल में हस्तिनापुर और इंद्रप्रस्थ के बीच के इस वन क्षेत्र खांडव वन कहा जाता था। कालांतर में मुगलों ने इस क्षेत्र को क्रीड़ा भूमि के रूप में इस्तेमाल किया और दिल्ली से कलकत्ता के बीच ग्रांड ट्रक रोड (जीटी रोड) का निर्माण किया। 1750 में मुगल शासक अहमदशाह के वजीर गाजिउद्दीन ने इस छोटे शहर को नाम दिया गाजिउद्दीन नगर, जो बाद में गाजियाबाद हो गया। मुगलकाल में बनाए गए चार दरवाजों का निर्माण कराकर सुरक्षा की व्यवस्था की गई। दरअसल मुगलों ने यहां सैनिकों के लिए सराय बनाई थी।

पाकिस्तान से हिंदुओं ने कारोबार बढ़ाया
पहले स्वतंत्रता संग्राम में हरनंदी किनारे मेरठ से आए सैनिकों और अंग्रेज सरकार के बीच भीषण युद्ध हुआ था। भारत छोड़ो आंदोलन में क्रांतिकारियों ने इसी गाजियाबाद से आंदोलन का नेतृत्व किया था। आजादी के समय तक मात्र एक छोटा से कस्बे गाजियाबाद को औद्योगिक नगर का रूप देने की आधारशिला एक तरह से विभाजन के दौरान पाकिस्तान से आए हिंदुओं ने रखी थी। उसके बाद धीरे- धीरे यह एक‌ बड़ा औद्योगिक नगर बन गया।

अपराध का बदनुमा दाग भी धुला
केवल आनंद कुमार निर्देशित फिल्म जिला गाजियाबाद के अलावा भी बहुत कुछ है, बल्कि कहा जाए आनंद कुमार की यह थ्रिलर फिल्म गाजियाबाद के इतिहास के एक काले पन्ने से ज्यादा कुछ नहीं है। कानून- व्यवस्था मजबूत होने के बाद गाजियाबाद ने इस बदनुमा दाग को धुलने का काम किया है।

सबसे महत्वपूर्ण एयरबेस है
गाजियाबाद के पास भारतीय वायुसेना का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण एयरबेस है। हिंडन एयरपोर्ट है, मेट्रो है और हवा से बातें करने वाली नमो भारत ट्रेन है। गाजियाबाद के पास पूरी दुनिया में अपना डंका बजाने वाली सीबीआई की एकेडमी है। ऐसी तमाम बातें हैं जिनके लिए गाजियाबाद को गाजियाबाद होने पर फक्र है, हेप्पी बर्थडे गाजियाबाद।

बड़ा एजुकेशन हब
गाजियाबाद एक बड़ा एजुकेशन हब है, जहां मेडिकल और इंजीनियरिंग के अलावा मैनेजमेंट, जर्नलिज्म और तमाम विषयों में पढ़ाई करने के अवसर हैं। गाजियाबाद के पास अंतर्राष्ट्रीय स्तर का यूनानी मेडिकल कॉलेज और इंस्टीट्यूट है।

गाजियाबाद में एनडीआरएफ है
भारतीय वायुसेना का बड़ा बेस होने के साथ ही गाजियाबाद के पास एनडीआरएफ और सीआईएसएफ है। एनडीआरएफ, जो केवल देश के विभिन्न राज्यों में ही नहीं पूरी दुनिया में रेस्क्यू ऑपरेशंस को अंजाम देती है, एनडीआरएफ एक ऐसा बल है जिसने आपदा के समय राहत और बचाव कार्य करते हुए पूरी दुनिया में एक मुकाम हासिल किया है। सीआईएसएफ ने पूरे देश में एयरपोर्ट जैसे महत्वपूर्ण स्थानों की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालती है।

गाजियाबाद में आरआरटीएस है
गाजियाबाद के पास भारत का सबसे पहला, बड़ा और हवा से बातें करने वाला रेपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) है। गाजियाबाद के पास हाईवे और एक्सप्रेस-वे का बड़ा नेटवर्क है।

Also Read

'वित्तीय साक्षरता एवं निवेशक जागरूकता' कार्यशाला में SEBI और NSE के विशेषज्ञों ने छात्रों को बताए निवेश के टिप्स

14 Nov 2024 09:40 PM

मेरठ Meerut News : 'वित्तीय साक्षरता एवं निवेशक जागरूकता' कार्यशाला में SEBI और NSE के विशेषज्ञों ने छात्रों को बताए निवेश के टिप्स

SEBI और NSE के विशेषज्ञ राजीव जैन ने निवेश और बचत के विभिन्न तरीकों जैसे अटल पेंशन योजना, म्यूचुअल फंड और शेयर मार्केट से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियों के बारे में छात्रों को जानकारी दी। और पढ़ें