Ghaziabad News : दीपावली से पहले गाजियाबाद में हवा का बुरा हाल, लोनी में AQI 300 के पार

दीपावली से पहले गाजियाबाद में हवा का बुरा हाल, लोनी में AQI 300 के पार
UPT | गाजियाबाद की हवा बदली।

Oct 14, 2024 20:47

सोमवार सुबह 10 बजे दर्ज किए गए आंकड़ों के अनुसार, गाजियाबाद का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 270 था।

Oct 14, 2024 20:47

Short Highlights
  • जानलेवा प्रदूषण पहुंच रहा खतरनाक स्तर की ओर
  • आने वाले दिनों में और बिगड़ेगे हालात
  • विशेषज्ञों ने जताया गाजियाबाद सहित एनसीआर में खतरा
Ghaziabad News : दीपावली से पहले गाजियाबाद में हवा का बुरा हाल है। एक्यूआई  खतरनाक स्तर पर पहुंच रहा है। गाजियाबाद सहित एनसीआर के जिलों का यहीं हाल है। दीपावली से पहले एक्यूआई 200 के ऊपर पहुंच रहा है। गाजियाबाद में प्रदूषण अपने खतरनाक जोन की ओर तेजी से बढ़ रहा है। विशेषज्ञों ने बताया कि आने वाले दिनों में स्थिति और बिगड़ सकती है। जिससे लोगों को सांस लेने में मुश्किलें होगी। खासतौर पर बच्चों और बुजुर्गों के लिए प्रदूषण का खतरनाक स्तर बेहद गंभीर खतरा बन सकता है। बता दें अधिकांश बच्चों, बुजुर्गों और श्वास संबंधी रोगों से पीड़ित लोगों पर प्रदूषण का असर सबसे अधिक हो रहा है।

प्रदूषण के ताजा आंकड़े
सोमवार सुबह 10 बजे दर्ज किए गए आंकड़ों के अनुसार, गाजियाबाद का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 270 था। वहीं Noida का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 290 और ग्रेटर नोएडा का 275 और गाजियाबाद का 265 तक पहुंच गया। नोएडा के सेक्टर 116 का AQI सर्वाधिक 306 दर्ज किया गया। ये बेहद गंभीर जोन में है। ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क पांच में एक्यूआई 310 तक जा पहुंचा। गाजियाबाद के लोनी में स्थिति सबसे अधिक गंभीर है, जहां AQI 335 दर्ज किया गया। इस स्तर की हवा लोगों के स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक साबित हो रही है। जिससे आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कतें बढ़ रही हैं। 

जिला प्रशासन अलर्ट
जिला प्रशासन और प्रदूषण विभाग ने हवा की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए सक्रियता दिखानी शुरू कर दी। ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तहत आने वाले दिनों में प्रदूषण नियंत्रण के लिए पाबंदियों को और कड़ा किया जाएगा। 
एनसीआर में प्रदूषण के बढ़ने के प्रमुख कारण
कूड़े का जलना:
कई इलाकों में कचरा खुले में जलाया जा रहा है, जिससे वायु गुणवत्ता तेजी से खराब हो रही है।
निर्माण कार्य: खुले में हो रहे निर्माण कार्यों पर निगरानी की कमी है और मानकों का पालन नहीं हो रहा, जिससे धूल और प्रदूषण बढ़ रहा है।
दिवाली और पराली: आने वाले दिनों में पटाखों और आसपास के राज्यों में पराली जलाने के कारण भी प्रदूषण का स्तर और बढ़ने की आशंका है।

बता दें ज़्यादातर बच्चों, बुजुर्गों और श्वास संबंधी रोगों से पीड़ित लोगों पर इस प्रदूषण का असर सबसे ज्यादा हो रहा है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे ज़्यादा घरों से बाहर ना निकले और स्वास्थ्य सुरक्षा उपाय अपनाएं।

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