Ghaziabad CBI Court: डिप्टी कमिश्नर कस्टम सहित चार आरोपियों को सीबीआई कोर्ट ने सुनाई चार साल की सजा, 28 लाख जुर्माना

डिप्टी कमिश्नर कस्टम सहित चार आरोपियों को सीबीआई कोर्ट ने सुनाई चार साल की सजा, 28 लाख जुर्माना
UPT | गाजियाबाद सीबीआई कोर्ट

Feb 03, 2024 23:16

गाजियाबाद सीबीआई कोर्ट के विशेष न्यायाधीश की अदालत, गाज़ियाबाद ने तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर कस्टम आईसीडी दादरी गौतमबुद्ध नगर (यूपी) शशिकांत सहित चार आरोपियों को आज सजा सुनाई है।

Feb 03, 2024 23:16

Ghaziabad CBI Court: गाजियाबाद सीबीआई कोर्ट के विशेष न्यायाधीश की अदालत, गाज़ियाबाद ने तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर कस्टम आईसीडी दादरी गौतमबुद्ध नगर (यूपी) शशिकांत सहित चार आरोपियों को आज सजा सुनाई है। जिसमें शशिकांत, डिप्टी कमिश्नर कस्टम आईसीडी दादरी गौतम बुद्धनगर (यूपी) को चार वर्ष की कारावास के साथ आठ लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। उनकी पत्नी श्वेता को दो साल का कारवास के साथ चार लाख रुपए का जुर्माना, नरेंद्र कुमार चुघ, मैसर्स अबान एक्ज़िम प्राइवेट लिमिटेड के तत्कालीन मुख्य प्रमोटर को 4 वर्ष की कारावास के साथ आठ लाख रुपए का जुर्माना एवं सतीश गुप्ता को चार साल का कारावास के साथ आठ लाख रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है। अदालत के द्वारा कुल 28 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया।

29 नवंबर 2013 में दर्ज हुआ था केस
सीबीआई ने आरोपियों के खिलाफ 29 नवंबर 2013 को मामला दर्ज किया था। आरोप था कि नरेंद्र कुमार चुग ने आईसीडी, दादरी, गौतम बुद्धनगर, यूपी में सीमा शुल्क विभाग द्वारा जब्त की गई अपनी कंपनी के टायरों की खेप को जारी करने हेतु दलाल सतीश गुप्ता से संपर्क किया। आरोप था कि सतीश गुप्ता ने कंपनी की जब्त की गई खेप को छुडाने की मंजूरी दिलाने के लिए डिप्टी कमिश्नर कस्टम आईसीडी दादरी शशिकांत से संपर्क किया। आरोप है कि डिप्टी कमिश्नर कस्टम आईसीडी दादरी शशिकांत ने सतीश गुप्ता के माध्यम से नरेंद्र कुमार चुघ से पांच लाख  की रिश्वत की मांग की।

सीबीआई ने जाल बिछाया
सीबीआई ने जाल बिछाया एवं नरेंद्र कुमार चुघ को श्वेता(पत्नी शशिकांत)को उनके नोएडा स्थित आवास पर दिनाँक 29 नवंबर 2013 को रिश्वत के तौर पर पांच लाख रुपए देते हुए पकड़ लिया। आरोपियों के आवासीय एवं कार्यालय की तलाशी ली गई। आरोपी शशि कांत, नरेंद्र कुमार चुग एवं सतीश गुप्ता को दिनाँक 30 नवंबर 2013 को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया। जांच के दौरान, आरोपी व्यक्तियों के विरुद्ध सबूत अदालत में पेश किए गए। जिसके बाद 29 जनवरी 2014 को आरोप पत्र दायर किया गया। सीबीआई ने अदालत के समक्ष कई दस्तावेजों के साथ अभियोजन पक्ष के 31 गवाहों का हवाला दिया। सीबीआई की अदालत ने आरोपियों को दोषी पाया एवं उन्हें सजा सुनाई।

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