गोवर्धन पूजा का मुहूर्त 2 नवंबर को शाम 6 बजकर 30 मिनट से लेकर 8 बजकर 45 मिनट तक है। ऐसे में गोवर्धन पूजा के लिए 2 घंटा 45 मिनट का समय मिलेगा।
Govardhan festival 2024 : उदया तिथि में मनाया जाएगा गोवर्धन पर्व, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त
Nov 01, 2024 14:22
Nov 01, 2024 14:22
- हिंदू धर्म में गोवर्धन पर्व का बहुत अधिक महत्व
- गोवर्धन पूजा में गोबर का उपयोग प्रकृति के प्रति आभार
- प्रकृति के संरक्षण के लिए श्रीकृष्ण ने गोवर्धन लीला की
गोबर को महत्व देकर प्रकृति संरक्षण का संदेश
श्री दूधेश्वर नाथ मंदिर के पीठाधीश्वर श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने कहा कि भारतीय संस्कृति व हिंदू धर्म में गोवर्धन पर्व का बहुत अधिक महत्व माना गया है। इस पर्व में गोबर को महत्व देकर प्रकृति संरक्षण का संदेश दिया गया है।
प्रतिपदा तिथि 1 नवंबर की सांय 6 बजकर 16 मिनट पर शुरू
उन्होंने कहा कि इस बार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 1 नवंबर की सांय 6 बजकर 16 मिनट पर शुरू होगी और 2 नवंबर की रात्रि 8 बजकर 21 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार गोवर्धन पूजा का पर्व 2 नवंबर शनिवार को ही मनाया जाएगा। इस दिन गोवर्धन पूजा का मुहूर्त 2 नवंबर को शाम 6 बजकर 30 मिनट से लेकर 8 बजकर 45 मिनट तक है। ऐसे में गोवर्धन पूजा के लिए 2 घंटा 45 मिनट का समय मिलेगा।
गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाकर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना
नारायण गिरि महाराज ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने गोवधन लीला क्ररके हमें प्रकृति से प्रेम करने व उसका संरक्षण करने का संदेश दिया था। गोवर्धन पर्व के दिन गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाकर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना की जाती हैंं। गोबर का उपयोग खेतों में खाद के रूप में किया जाता है।
गोवर्धन पर्वत भी प्रकृति का ही एक रूप
गोवर्धन पर्वत भी प्रकृति का ही एक रूप है और गोबर भी प्रकृति का महत्वपूर्ण अंग है। यह सारी प्रकति, सृष्टिव ब्रहमांड भगवान श्रीकृष्ण के अंदर ही समाई है। ऐसे में प्रकृति से प्रेम करना यानि भगवान की पूजा करना ही है। गोवर्धन पूजा में गोबर का उपयोग करके प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त किया जाता है। साथ ही कृषि का महत्व भी दर्शाया गया है।
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