Ghaziabad News : ग्राम निधि बजट में हेरफेर करने के मामले में मेवला भट्टी के प्रधान के अधिकार सीज

ग्राम निधि बजट में हेरफेर करने के मामले में मेवला भट्टी के प्रधान के अधिकार सीज
UPT | गाजियाबाद जिलाधिकारी कार्यालय।

Jun 26, 2024 03:37

ग्राम निधि के फंड में हेराफेरी करने और टेंडर का लाभ भी एक ही परिवार के व्यक्ति को देने की शिकायत की थी जिसके आधार पर जांच कराई गई थी।

Jun 26, 2024 03:37

Short Highlights
  • मेवला भट्टी के प्रधान के खिलाफ एक साल से चल रही थी जांच 
  • इसी मामले में एक साल पहले सचिव का हो चुका है निलंबन 
  • ग्राम प्रधान पर लगे आरोपो की जांच कर रही थी तीन सदस्यीय समिति
Ghaziabad News : गाजियाबाद के लोनी मेवला भट्टी गांव में ग्राम पंचायत निधि के बजट में हेरफेर के आरोप में ग्राम प्रधान कुसुम के सभी वित्तीय और शासकीय अधिकार सीज कर दिए हैं। इस दौरान ग्राम प्रधान के कार्य संचालित करने के लिए तीन सदस्यीय टीम के गठन के लिए जिलाधिकारी ने निर्देश दिए हैं। इसी मामले में एक साल पहले सचिव का निलंबन हो चुका है।

पिछले एक वर्ष से जांच चल रही थी
ग्राम निधि के करोड़ों के बजट में हेरफेर करने के मामले में मेवला भट्टी के ग्राम प्रधान के खिलाफ पिछले एक वर्ष से जांच चल रही थी। तीन सदस्यीय टीम जिसमें जिला विकास अधिकारी, लघु सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता और आईडी के सहायक अभियंता शामिल थे उन्होंने जांच पूरी करके रिपोर्ट दे दी, जिसके बाद कार्रवाई की गई है। मेवला भट्टी गांव के दो निवासियों देवेंद्र और सुमित कुमार ने ग्राम निधि के फंड में हेराफेरी करने और टेंडर का लाभ भी एक ही परिवार के व्यक्ति को देने की शिकायत की थी जिसके आधार पर जांच कराई गई थी। उनका यह भी आरोप था कि विधानसभा निर्वाचन 2022 के लिए आचार संहिता लगने के बाद भी टेंडर जारी किए गए और फर्मों को भुगतान किया गया है।

ग्राम पंचायत निधि में जमा नहीं कराने का भी आरोप
टेंडर की लाखों की जमानत राशि को समय पर ग्राम पंचायत निधि में जमा नहीं कराने का भी आरोप था जिसको जांच में सही पाया गया और इसके आधार पर कार्रवाई की गई। शिकायतकर्ता देवेंद्र का आरोप है कि ग्राम प्रधान और सचिव ने मिलकर लगभग एक करोड़ की धनराशि का हेरफेर किया है। जांच में यह पाया गया था कि कार्यो एवं अभिलेखों में घोर अनियमितता बरती गई है और निविदा शुल्क समय पर जमा नहीं कराया गया है। निविदा खोलने की तिथि के एक दिन बाद निविदा खोली गई है। उसके निविदा सूचना और पत्रावली में निविदा खोलने की तिथि में विरोधाभास पाया गया है। इसके अलावा तीनों आवेदनकर्ताओं के एक ही विक्रेता से स्टांप खरीदने के भी साक्ष्य मिले हैं। जांच में यह भी पाया गया है कि एक ही दिन में एक ही व्यक्ति के खाते में 15 बार धनराशि का ट्रांजेक्शन किया गया है लेकिन इसके अभिलेख प्रस्तुत नहीं किए गए।

दो ग्राम सचिव हो चुके हैं निलंबित
मामले में वर्ष 2023 में दो ग्राम सचिव को निलंबित किया गया था। तीन सदस्यीय टीम की जांच में दोषी पाए जाने के बाद तात्कालीन डीएम राकेश कुमार सिंह के निर्देश पर सीडीओ ने निलंबन की कार्रवाई की थी। सचिव सुभाष वर्मा और बाद में तैनात हुए सुमित शर्मा दोनों को निलंबित कर दिया गया था।

बोले अधिकारी 
इस बारे में जिला पंचायती राज अधिकारी प्रदीप ​कुमार द्विवेदी ने बताया कि प्रधान के सभी अधिकार सीज होने के बाद वहां के कार्य को संचालित कराने के लिए टीम गठित की जा रही है। आगे भी नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। 

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