एनसीआर में मीथेन और ब्लैक कार्बन जैसे जलवायु प्रदूषकों (एसएलसीपी) पर अधिक ध्यान देने की जरूरतों पर बल देने के लिए कहा गया है। इस समय वातावरण में ब्लैक कार्बन, मीथेन, ग्राउंड-लेवल ओजोन और हाइड्रोफ्लोरोकार्बन जैसी हानिकारक गैसे शामिल
गाजियाबाद में ग्रेप-3 लागू : हवा में बढ़ा जहर, निर्माण व विध्वंस कार्य पर पाबंदी
Nov 15, 2024 08:38
Nov 15, 2024 08:38
- बढ़ते वायु प्रदूषण के चलते पूरे एनसीआर में आज से ग्रेप-3 लागू
- आज शुक्रवार सुबह आठ बजे से बंदिशें प्रभावी हुई प्रभावी
- दिल्ली से सटे इलाकों का एक्यूआई 400 के पार पहुंचा
बीएस-6 डीजल बसों को छोड़कर अन्य भारी वाहनों के प्रवेश को प्रतिबंधित
इसके अलावा अब राजधानी दिल्ली में अंतरराज्यीय बसों, इलेक्ट्रिक व सीएनजी वाहनों और बीएस-6 डीजल बसों को छोड़कर अन्य भारी वाहनों के प्रवेश को प्रतिबंधित कर दिया गया है। एनसीआर में बीएस-3 और बीएस-4 वाहनों पर प्रतिबंध से करीब पांच लाख गाड़ियों के पहिये थम जाएंगे।
मास्क लगाकर आने की सलाह दे चुके
स्कूल में बच्चों व अभिभावकों को एडवायजरी जारी कर मास्क लगाकर आने की सलाह दे चुके हैं। प्रदूषण में दुनिया में पांचवे नंबर पर गाजियाबाद: वायु प्रदूषण के मामले में गाजियाबाद पूरे विश्व में पांचवे नंबर पर रहा। गाजियाबाद में 386, हापुड़ में 358 और नोएडा में 367 रहा।
मेट्रो ने बढ़ा दिए फेरे
ग्रेप-3 की बंदिशें लागू होने के साथ मेट्रो ने सभी लाइनों पर फेरे बढ़ा दिए हैं। मेट्रो अब अतिरिक्त फेरे लगाएगी। भीड़ बढ़ने की स्थिति में अतिरिक्त सुरक्षा कर्मी तैनात किए गए हैं। यात्रियों को पीक आवर्स में होने वाली भीड़ से थोड़ी सहूलियत मिल जाएगी।
निर्माण व ध्वस्तीकरण समेत इन कार्यों पर पाबंदी
ग्रेप-3 की पाबंदी लागू किए जाने के बाद गाजियाबाद और एनसीआर में कई सारी पाबंदी लगाई गई हैं। इन पाबंदियों में धूल पैदा करने व वायु प्रदूषण फैलाने वाली निर्माण व ध्वस्तीकरण गतिविधियां। बोरिंग-ड्रिलिंग, खुदाई-भराई के लिए मिट्टी का काम, पाइलिंग व सभी विध्वंस कार्य। ओपन ट्रेंच सिस्टम द्वारा सीवर व पानी की लाइन, ड्रेनेज व इलेक्ट्रिक केबलिंग। सड़क निर्माण, मरम्मत व ईंट/चिनाई कार्य।
प्रमुख वेल्डिंग, गैस-कटिंग कार्य
प्रमुख वेल्डिंग, गैस-कटिंग कार्य। हालांकि मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल व प्लंबिंग (एमईपी) के लिए छोटी वेल्डिंग गतिविधियों की अनुमति। एनसीआर में मीथेन और ब्लैक कार्बन जैसे जलवायु प्रदूषकों (एसएलसीपी) पर अधिक ध्यान देने की जरूरतों पर बल देने के लिए कहा गया है। इस समय वातावरण में ब्लैक कार्बन, मीथेन, ग्राउंड-लेवल ओजोन और हाइड्रोफ्लोरोकार्बन जैसी हानिकारक गैसे शामिल हैं।
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