पश्चिम यूपी के किसान संगठनों का कहना है कि उनको पंजाब के किसान संगठनों की तरफ से अभी तक कोई कॉल नहीं मिली है। जिससे कि पश्चिम यूपी के किसान संगठन 13 फरवरी के दिल्ली मार्च में शामिल हो सके।
Ghaziabad News : यूपी के किसान संगठनों ने दिल्ली मार्च से बनाई दूरी, कही ये बड़ी बात
Feb 12, 2024 17:22
Feb 12, 2024 17:22
इस कारण से उभरे मतभेद
भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के धर्मेद्र मलिक का कहना है कि पिछले साल हुए किसान आंदोलन में यूपी के किसान संगठनों किसान बिल खत्म और एमएसपी की वापसी की मांग रखी थी। जबकि पंजाब और हरियाणा के किसान संगठनों की मांग सिर्फ किसान बिल वापसी तक सीमित थी। उन्होंने बताया कि जब केंद्र सरकार ने बिल को वापस लेने की बात मान ली तो पंजाब के किसान संगठनों किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा अराजनैतिक ने प्रदर्शन खत्म कर दिया था। जबकि यूपी के किसान एमएसपी वापसी की मांग को लेकर धरने पर ही बैठा रहा था। इस किसान आंदोलन में भारतीय किसान आंदोलन ने जोरदार भागीदारी की थी। लेकिन किसान आंदोलन का पूरा श्रेय पंजाब के ये दो किसान संगठन ही ले गए।
13 फरवरी को लेकर नहीं दिख रहा किसान संगठनों में उत्साह
दो साल पहले दिल्ली बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों का आंदोलन इतना मुखर था कि नरेंद्र मोदी सरकार को कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) कानून -2020, कृषक(सशक्तीकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तुएं संशोधन अधिनियम 2020 को रद्द करना पड़ा था। लेकिन इस बार किसान संगठनों के दिल्ली कूच आंदोलन में वो धार नहीं दिख रही जो दो साल पहले थी। धर्मेद्र मलिक ने बताया कि यूपी के गन्ना किसानों को एमएसपी पहले से मिलती है। पश्चिम यूपी चूंकि गन्ना बेल्ट है इस कारण यहां के किसानों को गन्ने पर एमएसपी काफी पहले से मिल रही है। जबकि पंजाब और हरियाणा के किसानों को धान और गेंहू पर एमएसपी मिलती है।
पहले देखेंगे, फिर होंगे एकजुट
पूरे भारत का किसान एमएसपी वापसी की मांग को लेकर पिछले दो साल में बड़े आंदोलन कर चुका है। लेकिन पंजाब के किसान संगठनों ने इस पर कोई बात नहीं की। उन्होंने बताया कि पिछले आंदोलन में किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा अराजनैतिक ने यूपी के किसान संगठनों का साथ नहीं दिया था। लिहाजा 13 फरवरी के दिल्ली मार्च को लेकर यूपी के किसान संगठनों में कोई खास उत्साह नहीं दिख रहा है। उन्होंने कहा कि 13 फरवरी को पूरे मामले पर नजर रखी जाएगी। अगर मामला कुछ तूल पकड़ता है तो ऐसे में सभी किसान संगठन किसानों के हित के लिए एकजुट होंगे।
पुलिस ने की पूरी तैयारी
13 फरवरी को दिल्ली मार्च को लेकर जहां पंजाब के किसान संगठनों ने अपनी पूरी तैयारी की है वहीं पुलिस प्रशासन भी पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है। गाजियाबाद और दिल्ली में धारा 144 लागू की गई है। दिल्ली से सटी सीमाओं को सील कर पुलिस बल तैनात कर दिए गए हैं।
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