उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के नवादा गांव में इन दिनों तेंदुए का खौफ छाया हुआ है। पिछले कुछ दिनों में इस तेंदुए ने कई जानवरों को अपना शिकार बना लिया है, जिससे ग्रामीणों में भय का माहौल बन गया है।
हापुड़ में तेंदुए का आतंक : ग्रामीणों में फैली दहशत, एसपी ने दिए सुरक्षा के निर्देश
Sep 04, 2024 23:31
Sep 04, 2024 23:31
तेंदुए की दहशत का कारण
गढ़मुक्तेश्वर के जंगल से आया यह तेंदुआ नवादा गांव में प्रवेश कर चुका है और इसने कई मवेशियों को अपना शिकार बना लिया है। इसके चलते गांव के लोग बेहद डरे हुए हैं और शाम ढलते ही गांव में सन्नाटा पसर जाता है। ग्रामीण अपने-अपने घरों में बंद होने लगे हैं, और खेतों में काम करने जाने से भी डर रहे हैं। तेंदुए की वजह से अब तक चार गांवों के लोग दहशत में हैं, जहां शाम होते ही सड़कों और गलियों में सन्नाटा छा जाता है।
एसपी का दौरा
तेंदुए की दहशत के बीच, हापुड़ के एसपी ज्ञानंजय सिंह ने देर रात नवादा गांव का दौरा किया। एसपी ने 12 से अधिक पुलिसकर्मियों के साथ गांव में पहुंचकर ग्रामीणों की चौपाल लगाई और उनसे मुलाकात की। इस दौरान एसपी ने ग्रामीणों को तेंदुए से बचाव के लिए महत्वपूर्ण निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यदि तेंदुआ सामने आ जाए, तो घबराना नहीं चाहिए। इसके बजाय, तेंदुए की आंखों में आंखें डालकर उसे देखना चाहिए। भागने से तेंदुआ अधिक आक्रामक हो सकता है, इसलिए उसे नजरअंदाज न करें और अपनी स्थिति बनाए रखें।
एसपी ने दी ग्रामीणों को सलाह
एसपी ने ग्रामीणों को सलाह दी कि वे सावधानी बरतें और अगर संभव हो, तो अगले 15 दिनों तक खेतों में जाने से बचें। यदि खेतों या अन्य किसी काम के लिए बाहर जाना पड़े, तो 4-5 लोगों के साथ मिलकर जाएं। इससे तेंदुए का सामना होने की स्थिति में बचाव के लिए ज्यादा मौका मिलेगा। इसके साथ ही, एसपी ने आश्वासन दिया कि तेंदुए को जल्द ही पकड़ने के लिए वन विभाग और पुलिस की टीमें मिलकर काम कर रही हैं।
वन विभाग की तैयारी
ग्रामीणों की चिंता को देखते हुए वन विभाग ने तेंदुए को पकड़ने के लिए कुछ प्रयास किए हैं। हालांकि, अभी तक सिर्फ एक जाल ही गांव में लगाया गया है और तेंदुए की तलाश के लिए केवल चार वन कर्मी तैनात किए गए हैं। ये कर्मी शाम होते ही वापस लौट जाते हैं, जिससे ग्रामीणों को सुरक्षा का पूरा भरोसा नहीं मिल पा रहा है। तेंदुए के पैरों के निशान गांव के कई घरों के बाहर और पेड़ों पर देखे गए हैं, जिससे ग्रामीणों में भय और बढ़ गया है। तेंदुए के आतंक की वजह से गांव के लोग अपने मवेशियों को लेकर घरों में कैद हो गए हैं और सामान्य जीवन काफी प्रभावित हुआ है। ग्रामीणों को चिंता है कि अगर तेंदुआ जल्द ही नहीं पकड़ा गया, तो और भी जानवरों और शायद इंसानों की जान को खतरा हो सकता है।
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