उन्होंने कहा कि आंदोलनों के खिलाफ़ चेतावनी दी है जो अशांति भड़काकर व्यवस्था बदलने की कोशिश करते हैं। HuT की तरह ये आंदोलन न केवल समुदाय के हितों को नुकसान पहुँचाते हैं
Meerut News : भारत में बढ़ रही Hizb ut-Tahrir की गतिविधियां लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए खतरनाक
Nov 21, 2024 15:27
Nov 21, 2024 15:27
- देश की आंतरिक सुरक्षा को लेकर निजी विवि में सेमिनार
- हिज्ब-उत-तहरीर वैचारिक और राजनीतिक स्तर पर खतरनाक
- हिज्ब-उत-तहरीर शरीयत कानून के अनुसार चाहता है शासन
शरीयत कानून के अनुसार शासन करें
हिज्ब-उत-तहरीर का दावा है कि वह राजनीतिक, बौद्धिक और वैचारिक तरीक़ों के माध्यम से काम करता है। संगठन का मानना है कि मुसलमानों को एक ख़लीफ़ा के नेतृत्व में एकजुट होना चाहिए, जो शरीयत कानून के अनुसार शासन करें। इसका मुख्य उद्देश्य एक वैश्विक इस्लामी ख़िलाफत की स्थापना पना है जो कि मुसलमानों की राजनीतिक, सांस्कृतिक और आर्थिक जीवन को इस्लामी सिद्धांतों के अनुसार नियंत्रित करे। वस्तुतः इस संगठन का दावा और हक़ीक़त दोनों एक दूसरे के विपरीत है। ये बातें मेरठ के एक निजी विवि में भारत की आंतरिक सुरक्षा को लेकर सेमिनार में राजेश भारती ने कही।
कई देशों में हिज्ब-उत-तहरीर पर प्रतिबंध
देश की आंतरिक सुरक्षा और राजनैतिक पर बड़ी बारीकी से नजर रखने वाले राजेश भारती ने कहा कि कई देशों में हिज्ब-उत-तहरीर पर प्रतिबंध लगा हुआ है क्योंकि इसे राष्ट्र की सुरक्षा के लिए ख़तरा माना जाता है। इसके बावजूद, यह संगठन विभिन्न देशों में सक्रिय है और अपने उद्देश्यों के लिए प्रचार करता रहता है। हिज्ब-उत-तहरीर का भारत में बहुत व्यापक आधार नहीं है। लेकिन हाल के वर्षों में इसके प्रभाव और गतिविधियों पर ध्यान दिया गया है। हिज्ब-उत-तहरीर का मुख्य उद्देश्य एक इस्लामी ख़िलाफ़त स्थापित करना है, जो भारत के संविधान और धर्मनिरपेक्षता के मूल सिद्धांतों के विपरीत है। हिज्ब-उत-तहरीर ने भारत में बहुत अधिक खुले तौर पर गतिविधियाँ नहीं की है, लेकिन कुछ मीडिया रिपोट्र्ट्स और सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, यह गुप्त रूप से भारत में सक्रिय है। संगठन के सदस्यों पर भारत के विभिन्न हिस्सों में युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और ख़िलाफ़त की विचारधारा फैलाने का आरोप लगा है।
नेटवर्क को रोकने के प्रयास करती
इस दौरान भारत की आंतरिक सुरक्षा के विश्लेषक डॉ. एसआर पांडे ने बताया कि भारत में सुरक्षा एजेंसियाँ इस संगठन पर नज़र रखती है। इसके संभावित नेटवर्क को रोकने के प्रयास करती है। इस क्रम में भारत सरकार ने हाल में इस कट्टरपंथी समूह को प्रतिबंधित संगठन घोषित किया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि हिज्ब-उत- तहरीर का लक्ष्य लोकतांत्रिक सरकार को जिहाद के माध्यम से हटाकर भारत सहित विश्वस्तर पर इस्लामी देश और खिलाफत स्थापित करना है। मंत्रालय ने अपने आदेश में कहा कि हिज्ब-उत- तहरीर भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था और आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है।
आंदोलनों के खिलाफ चेतावनी
उन्होंने कहा कि आंदोलनों के खिलाफ़ चेतावनी दी है जो अशांति भड़काकर व्यवस्था बदलने की कोशिश करते हैं। HuT की तरह ये आंदोलन न केवल समुदाय के हितों को नुकसान पहुँचाते हैं बल्कि सामाजिक शांति और सद्भाव प्राप्त करने के व्यापक इस्लामी उद्देश्य के भी विपरीत हैं। HuT की वकालत के सबसे चिंताजनक पहलुओं में से एक मुस्लिम युवाओं पर इसका प्रभाव है, जो अक्सर अपने कार्यों के परिणामों को पूरी तरह से समझे बिना एक कात्पनिक इस्लामी राज्य के वादे से बहक जाते हैं।
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