स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बीजेपी सांसद अरुण गोविल ने तिरंगा झंडा फहराया, लेकिन इस दौरान एक अप्रिय घटना घटित हो गई। झंडा खंभे पर चढ़ने के दौरान फंस गया, और जब अरुण गोविल ने रस्सी खींचने का प्रयास किया, तो तिरंगा झंडा अचानक नीचे गिर गया।
ध्वजारोहण कर रहे थे सांसद अरुण गोविल : तिरंगे की रस्सी खींचते समय हुई अप्रिय घटना, जानिए फिर क्या हुआ
Aug 15, 2024 13:57
Aug 15, 2024 13:57
- ध्वजारोहण कर रहे थे सांसद अरुण गोविल
- तिरंगे की रस्सी खींचते समय हुई अप्रिय घटना
- कार्यकर्ता ने लपक लिया तिरंगा
कार्यकर्ता ने लपक लिया तिरंगा
झंडा गिरते ही एक बीजेपी कार्यकर्ता ने तुरंत ही झंडे को बीच में लपक लिया और उसे गिरने से बचाया। इसके बाद तिरंगा झंडा को फिर से खंबे पर बांध दिया गया। अरुण गोविल ने सभी देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दीं और देश के विकास के लिए लोगों से संकल्प लेने का आह्वान किया। उन्होंने स्वतंत्रता के इस दिन को मानसिक स्वतंत्रता और आत्म-सबलता के संदर्भ में भी महत्वपूर्ण बताया, और समाज के हर क्षेत्र में बेहतर काम करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
पीएम मोदी की भी तारीफ की
अरुण गोविल ने अपने संबोधन में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की और कहा कि उनके नेतृत्व में देश को विकास की दिशा में तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है। सांसद ने सभी से अपील की कि वे प्रधानमंत्री मोदी के हाथों को मजबूत करें और देश को विकास की ओर ले जाने में योगदान दें। उन्होंने कहा कि देश को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है और इसे हम सभी को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए।
तिरंगे को लेकर क्या हैं नियम?
तिरंगे झंडे का सम्मान और सही तरीके से प्रदर्शन सुनिश्चित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। जब तिरंगा फहराया जाता है, तो यह सुनिश्चित करना चाहिए कि झंडा झुका न हो और किसी भी परिस्थिति में जमीन को छूता न हो। झंडे पर किसी भी तरह की गंदगी, जैसे पानी, भी नहीं लगनी चाहिए क्योंकि ऐसा होने पर तिरंगे का अपमान होता है। तिरंगे पर कुछ भी लिखने की अनुमति नहीं है, और इसे किसी ड्रेस, यूनिफॉर्म, तकिए, या रूमाल में डिजाइन के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। इसके अलावा, ध्वज का उपयोग मूर्तियों या इमारतों को ढंकने के लिए नहीं किया जा सकता।
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