एसटीएफ की बड़ी कार्रवाई : एसएससी जीडी की परीक्षा में फर्जी सर्टिफिकेट के जरिए कराते थे पास, यहां हुए फेल

एसएससी जीडी की परीक्षा में फर्जी सर्टिफिकेट के जरिए कराते थे पास, यहां हुए फेल
UPT | पकड़े गए आरोपी

Mar 04, 2024 18:22

मेरठ एसटीएफ यूनिट ने परीक्षा की भर्ती में धांधली करने वालों के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। जहां भर्ती परीक्षा में फर्जी सर्टिफिकेट के जरिए नौकरी दिलाने वाले तीन आरोपियों को धर…

Mar 04, 2024 18:22

Bulandshahr News : मेरठ की एसटीएफ यूनिट ने बुलंदशहर के गुलावठी से तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए ये शातिर आरोपी उत्तर प्रदेश के अभ्यर्थियों के मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ से जनजाति के सर्टिफिकेट बनवाते थे। जहां से जाति, निवास और आधार कार्ड बनवाने के बाद एसएससी जीडी की परीक्षा में बैठाकर परीक्षा दिलवाते थे और पास भी कराते थे। इनके पास से बड़ी तादाद में फर्जी दस्तावेज बरामद किए गए हैं। फिलहाल पुलिस और एसटीएफ इनसे पूछताछ करने में जुटी है।

गुलावठी से गिरफ्तार किए आरोपी
इस मामले में एसटीएफ के एसपी बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में तरुण पुत्र सत्यवीर सिंह निवासी विकास कॉलोनी गुलावटी, रोबिन सिंह पुत्र रविंद्र सिंह निवासी ग्राम बंबोई थाना गुलावठी और सचिन कुमार पुत्र मुकेश कुमार निवासी ग्राम भटौना थाना गुलावठी हैं। तरुण और मनोज दोनों मिलकर उत्तर प्रदेश के अभ्यर्थियों के फर्जी आधार कार्ड व फर्जी मूल निवास प्रमाण पत्र मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के बनवाते थे और उनकी परीक्षा दिलाते थे। क्योंकि इन राज्यों में परीक्षा की मेरिट कम अंकों पर लगती है। इस काम के लिए आरोपी प्रत्येक अभ्यर्थी से पांच लाख रुपये लेते थे। आरोपियों के पास से पांच मोबाइल फोन, एक लैपटॉप और कुछ अभ्यर्थियों के फर्जी प्रमाण पत्र बरामद हुए हैं।

इन सर्टिफिकेट के जरिए करते थे खेल 
बताया गया कि पकड़े गए तीनों आरोपी बुलंदशहर जिले से अपना यह गैंग चलाते हैं। जो एमपी और  झारखंड के फर्जी जाति, मूल निवास सर्टिफिकेट और आधार कार्ड बनवाकर स्टूडेंट्स को SSC–GD की परीक्षा दिलवाते थे। बताया गया कि यहां से बने एसटी जाति के सर्टिफिकेट के जरिए परीक्षा देने वाले को आसानी से नौकरी मिल जाती है। क्योंकि एसटी कैंडीडेट्स कम अंकों पर परीक्षा पास कर लेते हैं। साथ ही इनके लिए अन्य पिछड़े प्रदेशों में भी काफी छूट है। यहां से पहले इनके सर्टिफिकेट बनवाते हैं और फिर उनको भर्ती परीक्षा पास करवाने के नाम पर अच्छी खासी रकम वसूलते हैं। पुलिस इनके पिछले रिकॉर्ड भी खंगालने में लगी है। अब तक इन्होंने कितने सर्टिफिकेट के जरिए नौकरी लगवाई है, इसकी भी जांच पड़ताल शुरू हो गई है।

पुलिस ने किया खुलासा
पुलिस द्वारा बताया गया कि गिरफ्तार अभियुक्तों ने पूछताछ में कबूल किया है कि उनका एक गिरोह है, जो विभिन्न राज्यों के फर्जी कागजात जैसे आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, मार्कशीट, वोटर आईडी आदि बनाते हैं। साथ ही मनोज निवासी ग्राम मांगलौर थाना सलेमपुर जनपद बुलन्दशहर व टिंकू से भी बनवाते हैं। छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश एवं असम में आयोजित होने वाली एसएससी (जी0डी0) भर्ती में उत्तर प्रदेश के युवकों को लाभ पहुंचाने हेतु उन राज्यों के फर्जी दस्तावेज तैयार करते हैं। इन फर्जी दस्तावेजों के एवज में प्रति कैंडीडेट पांच लाख रुपये लेते हैं। जिनमें से 02 लाख रुपये मनोज व टिंकू को देते हैं और शेष पैसा आपस में बांट लेते हैं। ये लोग छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और असम आदि प्रदेशों में आयोजित होने वाली एसएससी (जीडी) की भर्ती परीक्षाओं में उत्तर प्रदेश के अभ्यर्थियों को उन राज्यों का फर्जी प्रमाण पत्र तैयार कर फार्म भरवाकर परीक्षा दिलाते हैं, क्योंकि इन राज्यों में उत्तर प्रदेश की तुलना में कम अंकों पर मेरिट बनती है, जिससे इनको लाभ मिलता है।

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