Meerut News : 72 साल बाद बदलेगी मकर संक्रांति की तिथि, इस बार 15 जनवरी को सोमवारीय संक्रान्ति

72 साल बाद बदलेगी मकर संक्रांति की तिथि, इस बार 15 जनवरी को सोमवारीय संक्रान्ति
Uttar Pradesh Times | Makar Sankranti

Jan 14, 2024 18:08

इस बार 14 जनवरी के स्थान पर 15 जनवरी मकर संक्रांति की तिथि है। इस प्रकार हर 72 साल में एक तिथि बढ़ते हुए मकर संक्रांति का त्यौहार मनाया जाता है...

Jan 14, 2024 18:08

Short Highlights
  • सूर्य का मकर राशि में प्रवेश समय प्रतिवर्ष 20 मिनट आगे
  • ग्रहों की शांति के लिए करें इन चीजों का दान  
Meerut News : हर 72 वर्ष बाद मकर संक्रांति की तिथि बदल जाती है। पंडित भारत भूषण के अनुसार, काल गणना के अनुसार सूर्य का मकर राशि में प्रवेश का समय प्रति वर्ष 20 मिनट आगे बढ़ता जाता है। इस प्रकार 72 वर्ष में एक तिथि आगे बढ़ जाती है। इसलिए इस बार 14 जनवरी के स्थान पर 15 जनवरी मकर संक्रांति की तिथि है। इस प्रकार हर 72 साल में एक तिथि बढ़ते हुए मकर संक्रांति का त्यौहार मनाया जाता है। पंचांगानुसार सूर्यदेव 15 जनवरी सोमवार को प्रातः 2:43 बजे मकर राशि में प्रवेश करेंगे। क्योंकि यह पर्व सूर्योदय, उदयातिथि में मनाया जाना शास्त्रोक्त है। अतः इस बार मकर संक्रान्ति का पर्व स्नान, दान आदि कार्य 15 जनवरी, दिन सोमवार को मनाया जाएगा।

ये मकर संक्रान्ति विशेष क्यों है
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, वर्ष में 12 सूर्य संक्रान्तियां होती हैं। मकर संक्रान्ति का नाम ‘‘सौम्यायन’’ संक्रान्ति होता है और उत्तरायण हुए सूर्य का पूजन, यज्ञ- दान, जप सब कुछ अतुलनीय हो जाता है। जगत्पालक विष्णु, सूर्य के माध्यम से ही पृथ्वी पर सभी जीवों का पालन करते हैं। सूर्यपूजा सीधे ही जगतपालक का पूजन हो जाता है। गीता के आठवें अध्याय के 23 से 28 वें श्लोक में वर्णन है कि जो योगी रात के अंधेरे दक्षिणायन में काया का त्याग करते हैं, वे चन्द्र लोक में पितृ स्थान प्राप्त करते हैं। वो पुनः जन्म लेते हैं, लेकिन उत्तरायण प्रकाश में पुनः जन्म लेना नहीं पड़ता। सम्भवतः इसी कारण भीष्म पितामह घायल हो कर भी कष्ट सहते हुए मकर संक्रांति की ही प्रतीक्षा करते रहे। माघ शुक्ल अष्टमी के शुभ समय इच्छित मृत्यु के स्वामी भीष्म पितामह ने प्राण त्यागे। क्योंकि वे तो स्वयं देवताओं में वसु थे, इसलिए देवयान काल में पृथ्वी से प्रस्थान करना उनके लिए आवश्यक था।

देश में अलग-अलग नाम से जानी जाती है मकर संक्रांति
मकर संक्रांति पर्व सम्पूर्ण देश में अलग-अलग नाम से मनाया जाता है। दक्षिण भारत में दूध और चावल की खीर तैयार कर पाकोत्सव रूप में ‘पोंगल’ मनाया जाता है। बिहार में ‘तिलवा’ मनाते हैं तो बंगाल में ‘पहिभे’ मनाया जाता है, महाराष्ट्र में तिल गुड देकर ‘मीठा बोला’ मनाते हैं, पंजाब में ‘लोहड़ी’ शीतकाल में अग्नि जलाकर तिल, गुड, मूंगफली के साथ नाचते-गाते हुए उत्सव मानने की परम्परा है।

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