Meerut News: जब कोल्हू पर मिल रहा गन्ने का अच्छा भाव तो चीनी मिलों से किसान बना रहे दूरी

जब कोल्हू पर मिल रहा गन्ने का अच्छा भाव तो चीनी मिलों से किसान बना रहे दूरी
UPT | गन्ना क्रेशर पर किसानों द्वारा बेचा गया गन्ना।

Jan 29, 2024 21:12

किसानों को कोल्हू संचालक गन्ने का अच्छा भाव दे रहे हैं। जिसके चलते किसान अपना गन्ना चीनी मिलों के बजाय कोल्हू पर डाल रहे हैं।

Jan 29, 2024 21:12

Meerut news: गन्ना का सरकारी भाव प्रदेश सरकार ने 370 रुपए प्रति कुंतल तय किया है। जबकि किसान को कोल्हू पर 400 रुपए प्रति कुंतल गन्ना मिल रहा है वो भी नकद। मिलों में क्रय केंद्र तक गन्ना पहुंचाने वाले किसानों से नौ रुपए प्रति ​कुंतल कटौती की जाती है। ऐसे में चीनी मिल से किसान को गन्ने का 361 रुपए भाव ही मिल रहा है। जिससे एक कुंतल में किसान को करीब 39 रुपए का नुकसान हो रहा है। इसलिए किसान अपना गन्ना अब कोल्हू में डाल रहा है। 

चीनी मिल मालिक से लेकर गन्ना विभाग तक परेशान
किसानों के इस रूख को देखकर मिल मालिक और गन्ना विभाग परेशान हैं। गन्ना विभाग का अपना टार्गेट पूरा नहीं हो पा रहा है। वहीं चीनी मिल मालिकों के सामने पेराई सत्र के दौरान गन्ना संकट खड़ा हो सकता है। किसानों की दिलचस्पी अगर इसी तरह से लगातार घटती रही तो चीनी मिलों के सामने गन्ने का संकट खड़ा होने की संभावना है। 

कैश रुपया और 400 से 410 का भाव
क्रेशर और कोल्हू पर गन्ना डालने पर किसान को एक तो कैश रुपया मिल रहा है वहीं दूसरी ओर किसान को भाव भी अच्छा मिल रहा है। किसान को गन्ने पर प्रति कुंतल 40 रुपए का मुनाफा हो रहा है। कोल्हू संचालक किसानों की आय बढ़ाने में वरदान साबित हो रहे हैं। इससे किसानों के चेहरे खिले हुए हैं। अधिकांश किसानों ने कोल्हू पर गन्ने का अधिक भाव मिलने के कारण चीनी मिलों से किनारा करना शुरू कर दिया है। 

सही समय पर मिलों के भुगतान नहीं करने से भी किसान परेशान
इसके अलावा किसान को ​चीनी मिलों से उनके गन्ने का सही समय पर भुगतान नहीं हो पाता। भुगतान लंबा खिचने से किसान की आर्थिक हालत खराब हो जाती है। जिससे उनको काफी परेशानी होती है। किसान से गन्ना खरीदने के बाद चीनी मिल गन्ने से चीनी, राब, खांड, खोई, एथनॉल, शराब, शीरा,बिजली, मैली से खाद आदि जैसी चीजे भी तैयार करती हैं। इससे एक मोटी रकम एकत्र होती है। इसके बावजूद गन्ने का उचित दाम और तय समय पर पेमेंट नहीं हो पाती। 

बोले किसान और कोल्हू संचालक
किसान नेता मंगू त्यागी ने कहा कि हमारी चीनी मिल की भी पर्ची हैं, लेकिन कोल्हू पर हमें 410 रुपए प्रति क्विंतल गन्ना का भाव मिल रहा है तो चीनी मिल को गन्ना क्यों दें। किसान बॉड को बचाने के लिए मजबूरी में चीनी मिल को सस्ता गन्ना दे रहा है। 
वहीं कोल्हू संचालक लीलू प्रजापति का कहना है कि हम 400 रुपए प्रति क्विंतल गन्ना खरीद रहे हैं। गुड़ 39 रुपए किलो बिक रहा है। 26 जनवरी से पहले चार-पांच दिन तक गन्ने का भाव 420 रुपए तक पहुंच गया था। बाजार में गुड़ के भाव के अनुसार गन्ने का रेट घटता और बढ़ता रहता है। 

क्या कहती है भाकियू और गन्ना अधिकारी
भाकियू जिलाध्यक्ष अनुराज चौधरी का कहना है कि किसान मजबूरी में चीनी मिल को गन्ना दे रहा है। किसान को प्रति क्विंतल गन्ने का दाम 410 रुपये और दूसरी तरफ 361 रुपये मिल रहे हैं। ऐसे में किसान अपना गन्ना वहीं देगा जहां पर उसको भाव अधिक मिल रहा है। 
​जिला गन्ना अधिकारी दुष्यंत कुमार का कहना है कि चीनी मिलों को पर्याप्त मात्रा में गन्ना मिल रहा है। कोल्हू पर गन्ना पूर्व में जाता रहा है। कोल्हू पर गन्ने के भाव घटते बढ़ते हैं। चीनी मिल का एक दाम होता है। किसान अपनी उपज को कहीं भी बेचने के लिए स्वतंत्र है।

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